असम में विदेशियों की जगह नहीं! CM सरमा ने अवैध प्रवासियों को लेकर कहा- NRC में नाम होने पर भी...

Assam News: असम सीएम के कहा, असम में जिस तरह से एनआरसी में नाम शामिल किए गए हैं, इसे लेकर हमें शक है. इसलिए एक-एक के बारे में पूरी डिटेल रखी जा ही है, जिससे लोगों की पहचान की जा सके. म यह नीति अपनाई है कि अगर प्राधिकारी पूरी तरह से कंफर्म हो जाएगा, तभी संबंधित व्यक्ति विदेशी है. उसके बाद ही उसे वापस भेजा जाएगा.;

( Image Source:  @MundaArjun )

Assam News: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा घुसपैठियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं. जिससे उनकी पहचान करके वापस उनके देश भेज दिया है. असम में बड़े स्तर पर अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. बुधवार (11 जून) को उन्होंने इस बारे में बात भी की है.

सीएम सरमा ने एनआरसी को लेकर कहा कि बाहर के लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा रहा है और आगे भी जारी रहेगा. राज्य सरकार की मौजूदा नीति विदेशियों को वापस भेजने की है. चाहे उनका नाम NRC में हों.

NRC पर क्या बोले सीएम?

असम सीएम के कहा, असम में जिस तरह से एनआरसी में नाम शामिल किए गए हैं, इसे लेकर हमें शक है. इसलिए एक-एक के बारे में पूरी डिटेल रखी जा ही है, जिससे लोगों की पहचान की जा सके. उन्होंने कहा, यह किसी व्यक्ति की नागरिकता तय करने के लिए एकमात्र डॉक्यूमेंट्स नहीं हो सकता.

उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से इस बात से सहमत नहीं हूं कि एनआरसी में नाम होना ही यह बताता हो कि कोई अवैध प्रवासी नहीं. सीएम ने कहा, सामाजिक कार्यकर्ता एवं लेखक हर्ष मंदर 2 साल तक असम में रहे थे. फिर राज्य के कुछ बच्चों को पढ़ाई के नाम पर अमेरिका और इंग्लैंड भेजा था

नागरिकता के नाम पर हो रही साजिश

उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासी भारत की नागरिकता लेने के लिए कई तरीके अपना रहे हैं. हम तब साजिश का पता नहीं था. बता दें कि मंगलवार 10 जून को 19 लोगों को वापस उनके देश भेजा गया और बुधवार को 9 अन्य लोगों को वापस भेजा गया.

इन लोगों पर एक्शन

सीएम सरमा ने बताया कि कई लोगों ने अनुचित तरीकों से NRC में अपना नाम शामिल कराया है. इसलिए हम यह नीति अपनाई है कि अगर प्राधिकारी पूरी तरह से कंफर्म हो जाएगा, तभी संबंधित व्यक्ति विदेशी है. उसके बाद ही उसे वापस भेजा जाएगा.

इस नियम के तहत कार्रवाई

असम सरकार ने अप्रवासी अधिनियम 1950 को सख्ती से लागू किया है. इसी के तहत अवैध प्रवासियों को वापस भेजा रहा है. लोगों को आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि डॉक्यूमेंट्स दिखाने होंगे.

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