अतिक्रमण करने वालों को न दें आसरा, वरना... - सीएम हिमंत की खुली चेतावनी, जानें किसे नहीं हटाएगी सरकार?

असम में बेदखली अभियान चल रहा है, जिसके तहत सरकार अवैध बांग्लादेशी लोगों को अपने राज्य से निकाल रही है, जबकि कुछ लोग उन्हें सहारा दे रहे हैं. सीएम ने ऐसे लोगों को खुलकर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि वह असम में अपने लोगों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे.;

( Image Source:  x-@himantabiswa )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 5 Aug 2025 3:08 PM IST

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा एक बार फिर अपने सख्त बयानों की वजह से चर्चा में हैं. सोमवार को बोडोलैंड इलाके में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने साफ कहा कि जो लोग अवैध तरीके से जमीन पर कब्जा करके रह रहे थे और जिन्हें सरकार ने वहां से हटाया है, उन्हें आम लोग अपने यहां पनाह न दें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जनता ने ऐसे लोगों की मदद की, तो राज्य की स्थिति जो अभी थोड़ी बेहतर हुई है, वो फिर से खराब हो सकती है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सरकार के साथ मिलकर काम करें ताकि असम की जमीन और पहचान की रक्षा की जा सके.

रक्षा के लिए जारी रहेगा अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जब तक असम के लोगों और उनकी पहचान को पूरी तरह सुरक्षित नहीं कर लेती, तब तक अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान चलता रहेगा. उन्होंने लोगों से कहा कि अगर सभी साथ मिलकर सहयोग करें, तो हम अपनी जमीन और संस्कृति को बचा सकते हैं. सरमा ने यह भी कहा कि अभी हालात थोड़े बेहतर हुए हैं, लेकिन अगर बेदखल किए गए लोगों को दोबारा कहीं रहने की जगह दी गई, तो फिर से परेशानी शुरू हो जाएगा.

नागालैंड से कोई विवाद नहीं

पिछले सप्ताह नगालैंड की सीमा से लगे उरियमघाट में हुए बेदखली अभियान पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां नागा समुदाय की ओर से कोई विरोध नहीं हुआ बल्कि, उन्होंने सहयोग किया.

29 लाख बीघा जमीन अब भी अतिक्रमण में

मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि असम में अभी भी करीब 29 लाख बीघा (यानि 9.5 लाख एकड़) जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है. ये जमीन गांव की चरागाह, जंगल, मंदिरों और दूसरी सार्वजनिक जगहों की है. उन्होंने कहा कि अभी काफी काम करना बाकी है, लेकिन अगर लोग सरकार का साथ दें, तो इस समस्या को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है.

'लव जिहाद', 'जमीन जिहाद' और असमिया पहचान

मुख्यमंत्री सरमा ने बिना किसी समुदाय का नाम लिए कहा कि जो लोग अवैध कब्जा कर रहे हैं, वे सिर्फ जमीन ही नहीं ले रहे, बल्कि हमारे समाज और संस्कृति को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जंगलों को काटकर वहां सुपारी के बागान और मछली के तालाब बनाए जा रहे हैं. उन्होंने ‘लव जिहाद’ और ‘जमीन जिहाद’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि ये सब कुछ हमारे साथ हो रहा है, लेकिन उल्टा वही लोग खुद को पीड़ित बताकर रो रहे हैं.

किसे नहीं हटाएगी सरकार?

मुख्यमंत्री सरमा ने साफ किया कि सरकार किसी भी भारतीय या असमिया व्यक्ति को उनकी जमीन से नहीं हटाएगी. उन्होंने कहा कि अगर कोई स्थानीय व्यक्ति सरकारी जमीन पर रह रहा है, तो उसे अतिक्रमण नहीं माना जाएगा. सरकार का मकसद केवल उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना है जो 'अवैध बांग्लादेशी' या 'संदिग्ध नागरिक' हैं. ऐसी कार्रवाई पिछले चार सालों से चल रही है. सरमा ने बताया कि अब तक सरकार ने 1.29 लाख बीघा (यानी 42,500 एकड़ से ज्यादा) जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया है, और ये अभियान आगे भी धीरे-धीरे चलता रहेगा.


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