कोयला खदान में फंसे मजदूरों पर जांच कमिटी की मांग, डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ हो कार्रवाई

असम कोयला खदान में फंसे मजदूरों को लेकर डिप्टी कमिश्नर पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. जानकारी के अनुसार उनके खिलाफ एक्शन लेने का फैसला किया गया है. वहीं विपक्ष भी लगातार प्रशासन के खिलाफ सवाल खड़े कर रहा है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार की विफल नीतियों के कारण युवाओं को ऐसे काम करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  सार्थक अरोड़ा
Updated On :

असम में कोयला खदान में पानी भरने के कारण कई मजदूर फंस गए. इसी कारण कई मजदूरों ने जान गवाई है. वहीं अब इस मामले पर डिप्टी कमिश्नर पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इसी कड़ी मे इस मामले की जांच कर रहे आयोग के एक सदस्य ने डीसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का लेने का फैसला लिया है. द असम ट्रिब्यून ने असम के डिप्टी कमिशनर से जब बात की तो उन्होंने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.

जानकारी के अनुसार कमिश्नर ने कहा कि उन्हें उन्हें न तो बीपी कटेकी आयोग के बारे में जानकारी है और न ही उन्हें इस मामले में एक सदस्यीय आयोग के काम के बारे में बताया गया है. उन्होंने कहा कि मैंने अब तक रिपोर्ट नहीं देखी है इसलिए इसपर कोई टिप्पणी नहीं है.

कांग्रेस भी लगा रही आरोप

कांग्रेस नेता और लोकसभा सासंद गौरव गोगोई ने आयोग पर निशाना साधा और कहा कि काफी रोक लगाने के बावजूद अवैध खनन (Mining) जारी है. उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति खतराक और जानलेवा काम जैसे की रैट माइनिंग में शामिल नहीं होना चाहता है. लेकिन फिर भी असम में युवाओं के पास डबल इंजन वाली भाजपा सरकार की विफल आर्थिक नीतियों के कारण ऐसे काम में भाग लेना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि युवाओं के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं बच रहा है.

अब तक 4 मजदूरों के मिले शव

वहीं खदान में से पानी निकालनाने का प्रयास अभी भी जारी है. प्रशासन ने डी-वॉटरिंग के लिए कोल इंडिया और ONGC से खास मशीनें मंगवाकर उनका सहारा ले रही है. जानकारी के अनुसार इन मशीनों की मदद से 340 फीट गहरी खदान से पानी निकालने का काम किया जा रहा है. आपको बता दें कि खदान में 9 मजदूरों के फंसे होने की जानकारी सामने आई थी. अब तक सिर्फ 4 मजदूरों के शवों को बाहर निकाला गया है. अन्य 5 को तलाशा जा रहा है.

Similar News