कोयला खदान में फंसे मजदूरों के बचने की उम्मीदें कम, नौसेना की टीम को बुलाया गया वापस
असम में कोयला खदान में फंसे बाकी मजदूरों के बचने काफी कम उम्मीदे जताई जा रही हैं. इस बीच नेवी की टीम को घटनास्थल से वापस बुला लिया गया है. हालांकि पंप की मदद से खदान में भरे पानी को निकालने की कोशिश की जा रही है.

Assam Mining Tragedy: असम में कोयला खदान में फंसे मजदूरों को लगातार बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है. ताजा जानकारी के अनुसार मजदूरों को बाहर निकालने के लिए नेवी की भी मदद ली गई थी. जिन्हें अब वापस बुला लिया गया है. इसके पीछे का कारण खदान में फंसे पांच मजदूरों के बचने की उम्मीद काफी कम है.
वहीं खदान में भरे पानी को निकालने का प्रयास किया जा रहा है. पानी निकालने के इस अभियान को 9 दिन हो चुके हैं. वहीं डी-वॉटरिंग ओएनजीसी और कोल इंडिया द्वारा लाई गई खास मीशीनों से की जा रही है. इन्हीं की मदद से अब तक 340 फीट गहरी खदान से पानी निकालने का काम जारी रहा है. इस संबंध में अधिकारी ने जानकारी दी और कहा कि पानी का लेवल शुरू में 100 फुट पर था. लेकिन धीरे-धीरे कम हो रहा था और सोमवार को इसमें तीन मीटर की और कमी आई.
कब शुरू होगा बचाव अभियान?
वहीं एक अधिकारी ने कहा कि ये कह पाना काफी मुश्किल होगा कि खदान में से पानी को पूरी तरह से कब तक साफ किया जाएगा और एक बार फिर से खदान में पहुंचकर तलाशी अभियान शुरू किया जाएगा. वहीं अब तक 8 में से 4 मजदूरों के शव बरामद कर लिए गए हैं. अन्य 5 मजदूरों की तलाश की जा रही हैं. लेकिन उनके बचने की काफी कम उम्मीद जताई जा रही हैं. ऐसा इसलिए राहत बचाव अभियान को 8 दिन तक का समय हो चुका है. हालांकि अभी भी पंप की मदद से पानी निकालने का काम किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार जरूरत पड़ने पर छह और पंप लगाए गए हैं. वहीं असम राइफल्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन द्वारा मिलकर बचाव कार्य लगातार जारी है.
कांग्रेस ने की जांच की मांग
आपको बता दें कि CM सरमा ने जानकारी देते हुए कहा था कि इस खदान को 12 साल पहले बंद कर दी गई थी. हालांकि उन्होंने बताया कि मजदूरों के प्रमुख को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा और इस पत्र में इस त्रासदी को लेकर SIT जांच की मांग की. हालांकि इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर भी कमजोर कानून व्यवस्था को लेकर निशाना साधा है.