अब असम में घुसपैठियों पर नहीं चलेगा केस, सीधे बॉर्डर से खदेड़ा जाएगा वापस

असम में सरकार अब अवैध घुसपैठियों के मामले में सख्ती बढ़ा रहा है. जहां अब सरकार ने कहा कि घुसपैठियों से निजात पाने के लिए मुकदमा या कानूनी सुनवाई के बजाय सीधे कार्रवाई की जाएगी. लंबी कानूनी प्रक्रिया की जगह अब सीधे सीमा से खदेड़ने का फैसला लिया गया है.;

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Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 11 May 2025 4:04 PM IST

शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक अहम घोषणा की. कैबिनेट बैठक के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि अब राज्य सरकार अवैध घुसपैठियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं करेगी, बल्कि उन्हें सीधे सीमा से वापस भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि पहले अवैध प्रवासियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती थी, लेकिन यह प्रक्रिया बहुत धीमी और बेअसर साबित हुई.

हमने देखा कि 'केस दर्ज करने के बाद घुसपैठिए कोर्ट में मुकदमों में उलझ जाते हैं, जिससे वे लंबे समय तक देश में रह जाते हैं. उन्होंने कहा.अब राज्य सरकार ने तय किया है कि ऐसे मामलों में कोई केस दर्ज नहीं होगा. जो भी बांग्लादेश सीमा से अवैध रूप से भारत में घुसेगा, उसे सीधे सीमा पर से ही खदेड़ दिया जाएगा.'

भेजा जाएगा वापस

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के ट्रांजिट और डिटेंशन सेंटरों में रखे गए अधिकतर बंदियों को उनके देश वापस भेजा जा चुका है. इसमें रोहिंग्या घुसपैठिए भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि मटिया और दूसरे हिरासत केंद्रों में जो लोग थे, उन्हें अब डिपोर्ट कर दिया गया है. उन्होंने आगे बताया कि ग्वालपाड़ा जिले के मटिया ट्रांजिट कैंप में अब केवल 30 से 40 बंदी बचे हैं और वे वही हैं जिनके मामले अभी अदालत में लंबित हैं.

सीमा सुरक्षा होगी और सख्त

यह फैसला भारत-बांग्लादेश सीमा पर बढ़ती सुरक्षा चिंताओं और पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण रिश्तों के मद्देनजर लिया गया है. सरकार अब सीमा निगरानी और सुरक्षा को और मजबूत करने पर जोर दे रही है. असम सरकार का यह नया कदम दिखाता है कि राज्य अब अवैध घुसपैठ को लेकर कोई ढील नहीं देने वाला। लंबी कानूनी लड़ाइयों की जगह, अब सीधा एक्शन लिया जाएगा. 

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