कौन हैं मिथुन मन्हास? बिना इंटरनेशनल मैच खेले भी बन सकते हैं BCCI अध्यक्ष!

दिल्ली के पूर्व कप्तान मिथुन मन्हास का नाम BCCI अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहा है. 9714 फर्स्ट क्लास रन और रणजी ट्रॉफी चैंपियन बनाने वाले इस क्रिकेटर ने भारत के लिए कभी इंटरनेशनल मैच नहीं खेला, लेकिन अब वह देश के सबसे बड़े क्रिकेट बोर्ड की कमान संभाल सकते हैं. जानें उनकी क्रिकेटिंग जर्नी, उपलब्धियां और क्यों मन्हास हैं BCCI के अगले संभावित बॉस.;

( Image Source:  X/MithunManhas )
Edited By :  नवनीत कुमार
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भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. 28 सितंबर को बीसीसीआई की वार्षिक आम सभा में नए पदाधिकारियों का चुनाव होगा और इस बार अध्यक्ष पद पर सबकी नजरें टिकी हैं. पूर्व ऑलराउंडर रोजर बिन्नी के इस्तीफे के बाद यह पद खाली है और अब इस रेस में दिल्ली के पूर्व कप्तान मिथुन मन्हास का नाम सबसे आगे निकलकर सामने आ रहा है.

मिथुन मन्हास भारतीय टीम में कभी जगह नहीं बना पाए, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनका दबदबा बेहद मजबूत रहा. यही कारण है कि प्रशासनिक अनुभव और क्रिकेट की गहरी समझ के चलते वह इस अहम पद के दावेदार बने हैं. अगर वह अध्यक्ष चुने जाते हैं, तो वह पहले ऐसे अनकैप्ड क्रिकेटर होंगे जो भारतीय क्रिकेट बोर्ड की कमान संभालेंगे.

कौन हैं मिथुन मन्हास?

मिथुन मन्हास दिल्ली के पूर्व कप्तान और भारत के सबसे सफल घरेलू क्रिकेटरों में से एक रहे हैं. वह 1997/98 से लेकर 2016 तक करीब 19 साल तक सक्रिय क्रिकेटर रहे. मन्हास ने 157 फर्स्ट क्लास मैचों में 9714 रन बनाए, जिसमें 27 शतक और 49 अर्धशतक शामिल हैं. उन्होंने 2007/08 में दिल्ली को रणजी ट्रॉफी जिताने में अहम भूमिका निभाई थी.

मन्हास ने आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स, पुणे वॉरियर्स इंडिया और चेन्नई सुपरकिंग्स जैसी टीमों के लिए खेला. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने कोचिंग और क्रिकेट प्रशासन में कदम रखा. वह दिल्ली रणजी टीम के कोच रहे, साथ ही IPL में पंजाब किंग्स, RCB और गुजरात टाइटंस के साथ कोचिंग स्टाफ का हिस्सा भी रहे.

वर्तमान में वह जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) में प्रशासनिक भूमिका निभा रहे हैं और अब बीसीसीआई अध्यक्ष पद के सबसे बड़े दावेदार के रूप में उभरकर सामने आए हैं. अगर चुने जाते हैं, तो वह पहले ऐसे अनकैप्ड भारतीय क्रिकेटर होंगे जो क्रिकेट बोर्ड की बागडोर संभालेंगे.

घरेलू क्रिकेट में कैसा रहा सफर?

1997/98 में डेब्यू करने वाले मिथुन मन्हास दिल्ली के मिडिल ऑर्डर का भरोसेमंद नाम रहे. उनका सबसे बड़ा योगदान 2007/08 रणजी सीजन में दिखा, जब उन्होंने 57.56 की औसत से 921 रन बनाए और दिल्ली को 16 साल बाद चैंपियन बनाया. इस सीजन ने उन्हें घरेलू क्रिकेट का हीरो बना दिया.

कैसा रहा उनका परफॉर्मेंस?

अपने 19 साल लंबे करियर में मन्हास ने 157 फर्स्ट क्लास मैच खेले और 9714 रन बनाए. इसमें 27 शतक और 49 अर्धशतक शामिल हैं. लिस्ट ए क्रिकेट में उन्होंने 130 मैचों में 4126 रन बनाए, जबकि टी20 क्रिकेट में 91 मुकाबलों में 1170 रन जोड़े. उनकी बल्लेबाजी औसत 45 से ऊपर रही, जो बताती है कि वह घरेलू स्तर पर कितने भरोसेमंद खिलाड़ी थे.

आईपीएल और कोचिंग का अनुभव

मन्हास आईपीएल में भी सक्रिय रहे और दिल्ली डेयरडेविल्स, पुणे वॉरियर्स इंडिया और चेन्नई सुपरकिंग्स जैसी टीमों के लिए खेले. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने कोचिंग में कदम रखा. दिल्ली रणजी टीम के हेड कोच से लेकर IPL में पंजाब किंग्स, RCB और गुजरात टाइटंस जैसी टीमों के साथ कोचिंग स्टाफ का हिस्सा रहे.

निर्विरोध चुनाव की परंपरा

2019 में बीसीसीआई संविधान संशोधन के बाद से अधिकतर पदों पर निर्विरोध चुनाव की परंपरा रही है. सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी जैसे पूर्व क्रिकेटर्स पहले भी इस पद पर रह चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि मन्हास का चयन भी बिना किसी बड़ी टक्कर के हो सकता है.

क्रिकेटर से प्रशासक तक का सफर

मिथुन मन्हास का सफर बताता है कि एक खिलाड़ी केवल मैदान पर ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक स्तर पर भी बदलाव ला सकता है. दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर और अब बीसीसीआई तक उनकी यात्रा भारतीय क्रिकेट में नए अध्याय की शुरुआत कर सकती है.

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