विराट से रोहित तक: भारतीय क्रिकेट में नेतृत्व की बदलती परिभाषा

Team India: विराट कोहली और रोहित शर्मा, दोनों ने भारतीय क्रिकेट में अपनी-अपनी छाप छोड़ी है. विराट जहां आक्रामकता और जुनून का प्रतीक थे, वहीं रोहित शांत धैर्य और ठोस नेतृत्व का उदाहरण हैं. दोनों की कप्तानी ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है, और रोहित के नेतृत्व में टीम एक नई दिशा में आगे बढ़ रही है;

Virat Kohli and Rohit Sharma

Team India: भारतीय क्रिकेट में कप्तानी हमेशा से एक बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती रही है, और हर कप्तान का अपनी टीम को संचालित करने का अनूठा तरीका होता है. भारतीय क्रिकेट में जब विराट कोहली ने लगभग 10 साल पहले टेस्ट कप्तानी का कार्यभार संभाला, तब 'इंटेंट' शब्द का खासा जिक्र होने लगा. टीम मैनेजमेंट की सोच थी कि बल्लेबाजों को तेज स्ट्राइक रेट पर खेलने के लिए प्रेरित किया जाए. पर असल में 'इंटेंट' का मतलब था खेल को हर समय आगे बढ़ाने की क्षमता, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों.

रोहित के नेतृत्व में भारतीय टीम ने कई नए खिलाड़ियों को टेस्ट कैप सौंपी और उन्होंने उस अवसर का पूरा फायदा उठाया. उदाहरण के लिए, जब इस साल इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज हुई, तब रोहित के पास कोहली, केएल राहुल, मोहम्मद शमी और ऋषभ पंत जैसे स्टार खिलाड़ी उपलब्ध नहीं थे. इसके बावजूद, उन्होंने टीम में चार नए खिलाड़ियों को मौका दिया, जिन्होंने तुरंत शानदार प्रदर्शन कर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई.

विराट कोहली का आक्रामक दृष्टिकोण

विराट कोहली के युग में भारतीय टीम का प्रमुख हथियार उसका मजबूत तेज गेंदबाजी आक्रमण था. जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा और मोहम्मद शमी की जोड़ी टीम के लिए ट्रंप कार्ड साबित हुई. कोहली का आक्रामक रवैया मैदान पर हमेशा नजर आता था. वे जीत के प्रति बेहद दृढ़ रहते थे और अपनी टीम को आक्रामक खेलने के लिए प्रेरित करते थे. उनकी कप्तानी में भारत ने कई यादगार टेस्ट जीत हासिल कीं, जहां टीम ने विपक्षियों पर दबाव बनाते हुए मैचों को अपने पक्ष में मोड़ा.

रोहित शर्मा का ठोस और शांत नेतृत्व

जब रोहित शर्मा ने कप्तानी संभाली, तब भारतीय टीम की नींव पहले से तैयार थी. हालांकि, उन्होंने टीम में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया. रोहित का नेतृत्व विराट से अलग है. वह खुद कहते हैं, "मेरे लिए आक्रामकता आपके क्रियाकलापों में होती है, प्रतिक्रियाओं में नहीं." यह बात उन्होंने भारत की कानपुर में बांग्लादेश के खिलाफ मिली शानदार जीत के बाद bcci.tv पर कही थी.

रोहित की सोच स्पष्ट है – किसी भी कीमत पर जीत हासिल करनी है. वह मैदान पर उतने ही आक्रामक हैं जितने विराट, लेकिन उनका तरीका थोड़ा अलग है. उनके खेल में एक ठहराव और शांत धैर्य नजर आता है. उनके नेतृत्व में टीम ने कई चुनौतियों का सामना किया है और उन्हें पार भी किया है.

कप्तान के साथ मजबूत संवाद

रोहित का सबसे बड़ा गुण यह है कि वह अपने विचारों को साफ तरीके से अपने साथियों तक पहुंचा सकते हैं. स्टंप माइक पर कई बार उनके अनौपचारिक और बोलचाल की भाषा में दिए गए निर्देश सुने जाते हैं, जो टीम में 'बड़े भाई' जैसी भावना उत्पन्न करते हैं. उनके साथी खिलाड़ी, जैसे ऋषभ पंत, कहते हैं कि "मैदान पर जब हम होते हैं, तो हमें पता होता है कि रोहित का क्या मतलब है."

रोहित का नेतृत्व कुछ ऐसा है जो उनके खिलाड़ियों को प्रेरित करता है. वह अपने टीम के साथियों को भरोसा दिलाते हैं कि वे बड़े मैचों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें.

'हिटमैन' का असली रूप

रोहित शर्मा को भारतीय क्रिकेट का 'हिटमैन' कहा जाता है, लेकिन वे इस उपाधि से ऊपर हैं. 2021 में गाब्बा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत को भले ही एक 'हीस्ट' माना गया हो, लेकिन यह रोहित के नेतृत्व का एक उदाहरण मात्र था. यह दिखाता है कि रोहित की कप्तानी न केवल रणनीतिक रूप से मजबूत है बल्कि वे अपने खिलाड़ियों पर भरोसा भी रखते हैं और उन्हें मौके देकर उनकी प्रतिभा को निखारते हैं.

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