IND Vs BAN, 2nd टेस्ट: होता ऐसा इंतजाम तो तीसरे दिन का खेल न होता रद्द
यह मुकाबला भारतीय टीम और फैंस के लिए अभी तक काफी निराशाजनक रहा है क्योंकि पहले दिन से ही मैच पर बारिश का साया है।;
भारत-बांग्लादेश के बीच दूसरा टेस्ट कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेला जा रहा है। यह मुकाबला भारतीय टीम और फैंस के लिए अभी तक काफी निराशाजनक रहा है क्योंकि पहले दिन से ही मैच पर बारिश का साया है। खेल के पहले दिन सिर्फ 35 ओवर का खेल हो सका था जबकि बारिश के कारण दूसरे दिन एक गेंद भी नहीं फेंकी जा सकी। तीसरे दिन बारिश रुकी तो खेल की थोड़ी उम्मीद बढ़ी लेकिन मैदान गीला होने की वजह से तीसरे दिन को भी रद्द करना पड़ा। आज जिस स्थिति से गुजरना पड़ रहा है, इससे बचा जा सकता था अगर ग्रीन पार्क स्टेडियम में भी बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम जैसी मैदान सुखाने की सुविधा होती। हम बात कर रहे हैं सब एयर ड्रेनेज सिस्टम की।
चिन्नास्वामी निकाल चुका है समस्या का हल
2015 में पिछली बार जब इस चिन्नास्वामी स्टेडियम पर भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट मैच हुआ था, उस वक्त भी कानपुर जैसी स्थिति हो गई थी। पूरे मैच में सिर्फ 81 ओवर का खेल हुआ था। बारिश की वजह से पहले दिन के बाद खेल नहीं हो सका था। हालांकि, इतनी भी बारिश नहीं थी कि बचे हुए दिन को रद्द करना पड़े। दरअसल, गीले मैदान को ठीक से सुखाया नहीं जा सका था। इसके बाद कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन ने इसका हल निकालने का फैसला किया। उन्होंने जून 2016 से जनवरी 2017 के बीच यानी 7 महीने के अंदर करीब 4.5 करोड़ की लागत से स्टेडियम में सब एयर सिस्टम इंस्टॉल किया गया जो गेम चेंजर साबित हुआ। इस टेक्नोलॉजी की वजह से अब कुछ ही देर में पूरे मैदान को आसानी से सुखा दिया जाता है और मैच रद्द करने की नौबत नहीं आती है।
कैसे काम करता है सब एयर ड्रेनेज सिस्टम?
सब एयर सिस्टम एक हाईटेक ड्रेनेज सिस्टम है जिसमें 200 हॉर्स पॉवर की मशीन का इस्तेमाल होता है। यह मशीन हर मिनट 10 हजार लीटर पानी सुखाने की क्षमता रखती है यानी इसके जरिए भारी बारिश के बावजूद चंद मिनटों में ग्राउंड को सुखाया जा सकता है। यह टेक्नोलॉजी ज्यादा बारिश होने वाले इलाकों के क्रिकेट ग्राउंड्स के लिए काफी कारगर होती है। पूरे मैदान में स्मार्ट सेंसर लगाए जाते हैं जो मैदान पर पानी को डिटेक्ट करते ही खुद-ब-खुद ऐक्टिवेट हो जाते हैं।
किया जा सकता है डिजिटली ऑपरेट
अच्छी बात यह है कि इसे डिजिटली ऑपरेट किया जा सकता है। यह मैदान को सुखाने के लिए मिट्टी की जगह रेत का इस्तेमाल करता है। बीसीसीआई के साउथ जोन के क्यूरेटर पीआर विश्वनाथन ने रेत के इस्तेमाल के पीछे कारण बताया कि यह पानी को जल्दी सुखाता और इससे मैदान में फिसलन कम होती है जिससे इंजरी का खतरा कम हो जाता है। इस सिस्टम में ड्रेनेज के अलावा एयरेशन की भी सुविधा होती है जिससे मैदान की मिट्टी को हवा मिलती रहती है और घास खराब नहीं होती है।
सब एयर सिस्टम महंगा सौदा
हालांकि, इसे लगाना एक चैलेंज है क्योंकि इसके लिए पूरे मैदान से मिट्टी को हटाकर रेत भरनी पड़ती है। इसके अलावा मेंटेनेंस भी खर्चे का सौदा होता है। पहली बार इंस्टॉल करने की लागत करीब 4.5 करोड़ आती है जबकि हर महीने करीब 7.5 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं। बात करें कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम की तो यह स्टेडियम बीसीसीआई नहीं बल्कि यूपी क्रिकेट एसोसिएशन के तहत आता है। ऐसे में इसे लगाने का काम उसे ही करना होगा।