क्या बिना संन्यास के ही खत्म हो गया रोहित का टेस्ट करियर! सिडनी में क्यों कटा शर्मा का कप्तानी से पत्ता?
रोहित शर्मा का यह फैसला निश्चित रूप से एक अनूठी घटना है. भारतीय क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई नियमित कप्तान टीम का हिस्सा रहते हुए प्लेइंग इलेवन से बाहर हो गया हो.;
रोहित शर्मा का यह फैसला निश्चित रूप से एक अनूठी घटना है. भारतीय क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई नियमित कप्तान टीम का हिस्सा रहते हुए प्लेइंग इलेवन से बाहर हो गया हो. आमतौर पर कप्तान तभी बदलते हैं जब कप्तान को चोट लगे, वे निलंबित हों, या फिर वे सीरीज के बीच में व्यक्तिगत कारणों से अनुपलब्ध हो जाएं.
रोहित शर्मा का यह निर्णय टीम की रणनीति और संतुलन के लिए लिया गया हो सकता है. जसप्रीत बुमराह के कप्तान बनने के साथ टीम को एक नया दृष्टिकोण मिलेगा, खासकर सिडनी जैसी पिच पर जहां गेंदबाजी का बड़ा महत्व होता है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बुमराह की कप्तानी में टीम कैसा प्रदर्शन करती है.
आखिर क्यों रोहित ने खुद को किया मैच से बाहर?
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 3 जनवरी शुक्रवार से सिडनी में पांचवां और आखिरी टेस्ट मैच खेला जा रहा है. चार मैचों के बाद भारत सीरीज में 1-2 से पीछे है. अगर भारतीय टीम यह मैच हारती है, तो न केवल सीरीज गंवाएगी, बल्कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी खो देगी. इसके साथ ही भारतीय टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल की दौड़ से भी बाहर हो जाएगी.
रोहित शर्मा ने सिडनी टेस्ट से बाहर रहने का फैसला अपने खराब फॉर्म के कारण लिया है. ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा दौरे में उन्होंने अब तक 3 मैच खेलकर केवल 31 रन बनाए हैं, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 10 रन रहा है. भारतीय बल्लेबाजों में सिर्फ जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ही इस दौरे पर रोहित से कम रन बना सके हैं. रोहित का यह कदम टीम को नई दिशा देने और अपनी जगह एक बेहतर फॉर्म में चल रहे खिलाड़ी को शामिल करने के लिए उठाया गया है, जिससे भारतीय टीम की जीत की संभावना बढ़ सके.
इन गंभीर स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, कप्तान रोहित शर्मा ने टीम की जीत की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए खुद को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखने का फैसला किया. उनकी यह रणनीति टीम के प्रदर्शन को बेहतर बनाने और मैच जीतने की दिशा में एक साहसिक कदम मानी जा रही है.