जब बाहर से ऑर्डर किए गए खाने की डिलीवरी रोकने पर धोनी ने बदल दिया था होटल, कैच छोड़ने को लेकर अश्विन पर हुए थे गुस्सा
एमएस धोनी को आमतौर पर कैप्टन कूल के नाम से जाना जाता है, लेकिन कई बार धोनी भी अपना आपा खो बैठते हैं. धोनी के साथ CSK का हिस्सा रहे ड्वेन स्मिथ ने ऐसी ही दो घटनाओं का जिक्र किया है, जिसमें धोनी गुस्से में दिखाई दिए. पहला किस्सा होटल बदलने का है, जबकि दूसरा किस्सा कैच छोड़ने पर अश्विन के फील्डिंग पोजीशन को बदलने का है.;
MS Dhoni changed CSK hotel Story: आईपीएल में अपनी शांत और संयमित छवि के लिए प्रसिद्ध महेंद्र सिंह धोनी का एक ऐसा किस्सा सामने आया है, जिसमें उन्होंने एक होटल की सेवा से असंतुष्ट होकर पूरी टीम का होटल बदल दिया. यह खुलासा उनके पूर्व चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) साथी ड्वेन स्मिथ ने एक वीडियो इंटरव्यू में किया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
स्मिथ ने बताया कि धोनी आमतौर पर बहुत शांत रहते हैं, लेकिन जब कोई बात उन्हें वास्तव में परेशान करती है, तो वे तुरंत कार्रवाई करते हैं. उन्होंने दो घटनाओं का जिक्र किया जब धोनी ने अपना गुस्सा जाहिर किया.
कैच छोड़ने पर अश्विन को स्लिप से हटाया
पहली घटना में, रविचंद्रन अश्विन ने एक आसान कैच छोड़ दिया था. धोनी ने तुरंत उन्हें स्लिप से हटाकर दूसरी फील्डिंग पोजीशन पर भेज दिया. यह पहला मौका था जब स्मिथ ने धोनी को गुस्से में देखा.
होटल स्टाफ पर गुस्सा होकर छोड़ दिया होटल
दूसरी घटना में, धोनी ने होटल में बाहर से खाना मंगवाया था, लेकिन होटल स्टाफ ने उस खाने को होटल में प्रवेश करने से रोक दिया. इससे नाराज होकर धोनी ने तुरंत उस होटल को छोड़ दिया और दूसरी होटल में शिफ्ट हो गए. स्मिथ ने होटल का नाम नहीं बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि धोनी ने बिना किसी देरी के यह निर्णय लिया.
'प्लेयर ऑफ द मैच' चुने जाने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बने धोनी
बता दें कि धोनी रुतुराज गायकवाड़ के चोटिल होने के बाद आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी कर रहे हैं. उन्होंने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ नाबाद 26 रन की पारी खेल कर टीम को 5 विकेट से जीत दिलाई थी. इसके लिए उन्हे 'प्लेयर ऑफ द मैच' भी चुना गया. इसके साथ ही, धोनी यह अवार्ड पाने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए.
43 साल 280 दिन की उम्र में बने 'प्लेयर ऑफ द मैच'
धोनी ने 43 साल 280 दिन की उम्र में 'प्लेयर ऑफ द मैच' अवार्ड जीता. उनसे पहले, प्रवीण ताम्बे ने केकेआर के खिलाफ 2014 में अहमदाबाद में 42 साल 208 दिन और आरसीबी के खिलाफ आबूधाबी में 2014 में ही 42 साल 198 दिन की उम्र में यह अवार्ड अपने नाम किया था.