कौन हैं चीन ओपन के क्वार्टरफाइनल में पहुंचने वालीं मालविका बंसोड़?

चीन के चांगझोउ में हो रहे बैडमिंटन के चीन ओपन टूर्नामेंट में भारत की मालविका बंसोड़ ने वीमेंस सिंगल्स में बड़ा उलटफेर कर दिया है।;

चीन के चांगझोउ में हो रहे बैडमिंटन के चीन ओपन टूर्नामेंट में भारत की मालविका बंसोड़ ने वीमेंस सिंगल्स में बड़ा उलटफेर कर दिया है। उन्होंने पेरिस ओलंपिक 2024 की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट ग्रेगोरिया टुनजुंग को प्रतियोगिता के पहले दौर में हराया है। इस मैच में इंडोनेशिया की वर्ल्ड नं. 7 बैडमिंटन खिलाड़ी को फेवरेट माना जा रहा था लेकिन भारत की मालविका बंसोड़ ने शानदार परफॉर्म करते हुए सीधे सेट 26-24, 21-19 से मुकाबला जीत लिया। यह उनके करियर की सबसे बड़ी जीत है।

पहले गेम में 18-12 की लीड ली

23 वर्षीय मालविका ने पहले गेम से ही टुनजुंग को दबाव में डाल दिया। उन्होंने एक समय 18-12 से लीड ले थी और गेम जीतने के करीब थीं लेकिन यहां इंडोनेशिया की टुनजुंग ने वापसी की और आखिरी समय में 8 पॉइंट्स अपने नाम करके गेम को टाई ब्रेकर में पहुंचा दिया। इस टाई ब्रेकर को मालविका ने 26-24 से जीता और मैच में 1-0 की बढ़त ले ली।

दूसरा गेम में 21-19 से जीता

दूसरे गेम में टुनजुंग ने शानदार खेल दिखाया और पहला गेम हारने के बावजूद दूसरे गेम में कड़ा मुकाबला किया। इस गेम के अंतिम समय में दोनों प्लेयर्स बराबर पॉइंट्स (19-19) पर थे। इसके बाद मालविका ने लगातार 2 पॉइंट्स लेकर 21-19 से जीत दर्ज की। इस बार अब तक चीन ओपन का यह सबसे बड़ा उलटफेर है।

वीमेंस डबल्स में पहला गेम जीतने के बाद हारे

एक अन्‍य मुकाबले में ट्रेसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा। वीमेंस डबल्स के इस मुकाबले में चीन की पी शान और एडी हुंग की जोड़ी ने पहला गेम हारने के बाद शानदार वापसी की और मैच 21-16, 15 -21, 17-21 से जीत लिया।

मिक्स्ड डबल्स में सुमीत-सिक्की रेड्डी हारे

मेंस डबल्स के ओपनिंग मैच में भारत के सुमीत रेड्डी और सिक्की को मलेशिया के पी. जे लाई और के. एम टन ने हरा दिया। उन्होंने इस मुकाबले को सीधे गेम्स में 21-10, 21-16 से जीत लिया।

कौन हैं मालविका बंसोड़?

मालविका बंसोड़ का जन्म 15 सितंबर 2001 में नागपुर में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती एजुकेशन मदर पेट किंडरगार्टन और सेंटर पॉइंट स्कूल से ली। मालविका ने 8 साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। उन्होंने अंडर 13 और अंडर 17 एज ग्रुप में स्टेट चैंपियनशिप के टाइटल जीते थे। हालांकि, 2018 में वह एशियन जूनियर चैंपियनशिप में क्वालीफाई करने से चूक गई थीं लेकिन इसके बाद उन्होंने 2 लगातार सिलेक्शन टूर्नामेंट जीते और वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में भारत को रिप्रेजेंट किया।

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