पूरा हुआ KL Rahul का बदला! संजीव गोयनका को मैदान पर किया इग्‍नोर, बने IPL में सबसे तेज 5000 रन बनाने वाले खिलाड़ी

मैच जीतने के बाद भी जब KL राहुल का चेहरा गंभीर था, तो समझ आ गया था कि कहानी सिर्फ रन बनाने की नहीं है. लखनऊ के खिलाफ दिल्ली के लिए नाबाद 57 रन की पारी खेलने के बाद जैसे ही LSG मालिक संजीव गोयनका और उनके बेटे शशवत ने उन्हें बधाई देने की कोशिश की, राहुल ने हाथ मिलाया लेकिन बिना रुके आगे बढ़ गए. ना कोई बात, ना मुस्कान, सिर्फ खामोशी में बसी नाराज़गी.;

Edited By :  प्रवीण सिंह
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"सिर्फ रन नहीं, रिश्‍ते भी बनाए जाते हैं IPL में। लेकिन जब रिश्‍ते 'शर्तों' पर बिकने लगें, तो कुछ खिलाड़ी ठुकरा देना ही बेहतर समझते हैं. KL राहुल ने भी वही किया."

आईपीएल 2025 के एक हाई-वोल्टेज मुकाबले में जहां दिल्ली कैपिटल्स ने लखनऊ सुपर जायंट्स को पटखनी दी, वहीं असली ड्रामा मैच के बाद देखने को मिला, जब एक खिलाड़ी ने अपने पुराने मालिक को बीच मैदान में ‘इग्नोर’ कर दिया.

जी हां, हम बात कर रहे हैं केएल राहुल की, वो बल्लेबाज़ जिसने IPL इतिहास में सबसे तेज़ 5000 रन पूरे किए और उसी मैदान पर लखनऊ को हराकर चला गया, जहां कभी वो कप्तान हुआ करता था. लेकिन कहानी सिर्फ बल्ले की नहीं है, यह कहानी ‘ईगो’ की है, इज्ज़त की है, और उस 'फ्रीडम' की है जिसकी तलाश राहुल को दिल्ली तक ले आई.

राहुल vs गोयनका: मैदान के बाहर की लड़ाई

मैच खत्म हुआ, राहुल नाबाद 57 रन बनाकर नायक बन चुके थे. लखनऊ के मालिक संजीव गोयनका और उनके बेटे शश्‍वत गोयनका मैदान पर आए, मुस्कान के साथ हाथ मिलाया, पर राहुल ने सिर्फ 'हाथ मिलाया', बात नहीं की. न कोई बात, न कोई मुस्कान, राहुल सीधे निकल गए. गोयनका पिता-पुत्र ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन राहुल ने मानो सुनने से इनकार कर दिया.

यही संजीव गोयनका थे जिन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में परोक्ष रूप से राहुल पर निशाना साधते हुए कहा था, "हमें ऐसे खिलाड़ी चाहिए जो टीम को पहले रखें, न कि अपने निजी लक्ष्यों को." राहुल ने भी इसका जवाब दिया था, "मुझे ऐसी टीम चाहिए जहां आज़ादी हो, संतुलन हो और माहौल हल्का हो."

राहुल की रॉयल वापसी

राहुल को लखनऊ टीम ने रिटेन नहीं किया था. आलोचक कह रहे थे कि उनका करियर अब ढलान पर है. लेकिन राहुल ने अपने खेल से सभी को गलत साबित कर दिया. IPL इतिहास में डेविड वॉर्नर को पछाड़ते हुए सबसे तेज़ 5000 रन पूरे करने वाले बल्लेबाज़ बन गए – सिर्फ 130 पारियों में.

दिल्ली की ये छठी जीत थी और राहुल की ये तीसरी हाफ सेंचुरी. लेकिन सोशल मीडिया पर राहुल की बल्लेबाज़ी से ज़्यादा उनके उस 'नो-नॉनसेंस' रवैये की चर्चा थी जो उन्होंने अपने पुराने मालिक के लिए दिखाया.

दिल्ली की टीम और राहुल का नया अवतार

दिल्ली कैपिटल्स इस सीज़न में शानदार प्रदर्शन कर रही है. उन्होंने पहले आठ में से छह मैच जीतकर टॉप-2 में अपनी जगह पक्की कर ली है. राहुल अब ना सिर्फ़ रन बना रहे हैं, बल्कि ड्रेसिंग रूम का माहौल भी बदल रहे हैं – एक कप्तान नहीं, लेकिन एक सीनियर लीडर के तौर पर.

इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि IPL अब सिर्फ़ गेंद और बल्ले का खेल नहीं रह गया है. यह खिलाड़ी के व्यक्तित्व, उनके फैसलों और उनकी 'वैल्यू' का भी इम्तिहान बन चुका है. KL राहुल ने रन भी बनाए, इज्ज़त भी कमाई और सबसे अहम – अपनी शर्तों पर जिंदगी जीने का सबक भी दे डाला.

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