बदल दिया इतिहास! महिला वर्ल्ड कप 2025 जीतते ही भारतीय टीम पर हुई पैसों की बारिश, प्राइज मनी ने तोड़े सभी रिकॉर्ड
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में पहली बार ICC विमेंस वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया. नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए फाइनल में भारत ने साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराया और 4.48 मिलियन डॉलर यानी करीब 40 करोड़ रुपये की अब तक की सबसे बड़ी प्राइज मनी हासिल की. यह जीत महिला क्रिकेट के लिए नया युग साबित हो रही है.;
2 अप्रैल 2011 – वानखेड़े स्टेडियम, मुंबई. एमएस धोनी का बल्ला उठता है, छक्का लगता है और भारत 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीतकर क्रिकेट इतिहास में अमर हो जाता है. उस दिन की तारीख “2” हमेशा भारतीय क्रिकेट की यादों में सुनहरी स्याही से लिखी गई.
और अब, 2 नवंबर 2025, उसी “2” ने फिर इतिहास पलट दिया. न ही धोनी, न ही वानखेड़े – इस बार मंच था डीवाई पाटिल स्टेडियम, नवी मुंबई, और कप्तान थीं हरमनप्रीत कौर. भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार ICC विमेंस वर्ल्ड कप जीतकर वो कर दिखाया, जिसकी प्रतीक्षा देश 48 साल से कर रहा था. यह जीत सिर्फ ट्रॉफी की नहीं, भारतीय महिला क्रिकेट के नए युग की घोषणा है.
8 साल का बदला पूरा
2017 के लॉर्ड्स फाइनल में इंग्लैंड ने भारत का दिल तोड़ दिया था. वह हार सिर्फ हार नहीं, महिला खिलाड़ियों की आंखों में धधकती आग थी. उसी आग ने 2025 में रूप बदला – जीत, गर्व और वर्ल्ड चैंपियन बनने के रूप में. इस बार टीम इंडिया ने किसी भी मोड़ पर न घबराते हुए साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराया.
हरमनप्रीत कौर: कप्तान नहीं, इतिहास की रचयिता
महिला क्रिकेट में वह दिन शायद ही कभी भुलाया जा सकेगा. हरमनप्रीत कौर ने वही भूमिका निभाई, जो पुरुष क्रिकेट में धोनी ने 2011 में निभाई थी. शांत दिमाग, आक्रामक सोच और जीत की भूख – यही कप्तानी का फॉर्मूला बन गया.
विश्व क्रिकेट की सबसे महंगी जीत
यह जीत सिर्फ भावनाओं की नहीं, पैसों की भी ‘रिकॉर्डतोड़’ जीत है. टीम इंडिया को 4.48 मिलियन डॉलर (लगभग ₹40 करोड़) की पुरस्कार राशि मिली – यह महिला ही नहीं, पुरुष वर्ल्ड कप इतिहास की भी सबसे बड़ी प्राइज मनी है. यानी मैदान पर बल्ला चला, तो बैंक अकाउंट भी गूंज उठा.
ICC ने बदला खेल, BCCI भी देगा ‘बराबरी का इनाम’?
ICC ने इस बार 297% अधिक प्राइज मनी देकर साफ संकेत दे दिया – महिला क्रिकेट अब ‘साइड शो’ नहीं, मेन क्रिकेट है. वहीं BCCI भी महिला टीम को पुरुष टीम (₹125 करोड़ इनाम) जितना इनाम देने पर विचार कर रहा है. अब “Equal Pay” सिर्फ नारा नहीं, संभव वास्तविकता बन चुकी है.
सिर्फ जीत नहीं, कमाई भी ताबड़तोड़
वर्ल्ड कप ट्रॉफी के अलावा टीम इंडिया को भागीदारी राशि, लीग मैच बोनस और जीत बोनस के रूप में लगभग ₹43 करोड़ मिले. लीग स्टेज में जीते 3 मैचों के कारण ₹92 लाख अतिरिक्त जोड़े गए. यानी मैदान पर हर चौका–छक्का, दरअसल बैंक बैलेंस में एंट्री बन रहा था.
साउथ अफ्रीका हारकर भी करोड़पति
फाइनल हारने के बावजूद साउथ अफ्रीका की झोली भी खाली नहीं रही. 2.24 मिलियन डॉलर (₹20 करोड़) की रनर-अप राशि + लीग मैचों से मिले बोनस जोड़कर अफ्रीकी टीम भी करोड़ों में खेलकर गई. महिला क्रिकेट अब सिर्फ खेल नहीं – मिलियन डॉलर गेम बन चुका है.
भीड़, भावनाएं और भारत – स्टेडियम बना तूफान
नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में जो नजारा दिखा, वह सिर्फ मैच नहीं, आंदोलन जैसा था. हजारों दर्शक, तिरंगे की लहर और वह पल जब ट्रॉफी उठी – महिलाओं के खेल को मिली पहचान किसी कानून या भाषण से नहीं, मैदान पर पसीना बहाकर मिली है.
यह जीत सिर्फ ट्रॉफी की नहीं – सोच की क्रांति है
यह इतिहास सिर्फ क्रिकेट की किताब में दर्ज नहीं होगा, बल्कि भारतीय समाज की सोच में भी. अब लड़की को क्रिकेट खेलते देखकर कोई यह नहीं कहेगा – “ये लड़कों का खेल है.” अब खेल का नाम है – Team India, और जेंडर अब स्कोरबोर्ड पर नहीं लिखा जाता.