पिज्जा-मटन से बैर, क्रिकेट से प्यार... वैभव सूर्यवंशी की कहानी, उनके कोच की जुबानी
राजस्थान रॉयल्स के 14 साल के खिलाड़ी वैभव सूर्यवंशी आईपीएल खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं. उन्होंने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ डेब्यू मैच की पहली ही गेंद पर गगनचुंबी छक्का जड़कर अपने आईपीएल करियर का धमाकेदार आगाज किया. हालांकि, उनकी यह राह आसान नहीं थी. वैभव के कोच मनीष ओझा के अनुसार, उन्हें पिज्जा और मटन बेहद पसंद था, लेकिन उन्होंने अपनी डाइट से दोनों को हटा दिया है, ताकि वह अपने फिटनेस और क्रिकेटिंग करियर पर ध्यान केंद्रित कर सकें. उनकी यह प्रतिबद्धता और समर्पण उनकी सफलता की कुंजी है.;
वैभव सूर्यवंशी... यह नाम इस समय क्रिकेट जगत में सुर्खियों में छाया हुआ है. महज 14 साल की उम्र में इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने वाले वैभव का सफर आसान नहीं रहा है. उन्होंने अपने सपने को जीने के लिए बहुत त्याग किए हैं. उन्हें मटन और पिज्जा बहुत पसंद था, लेकिन उन्होंने क्रिकेट के लिए इन दोनों को खाना बंद कर दिया है.
वैभव सूर्यवंशी की चर्चा पिछले साल हुई आईपीएल की मेगा नीलामी से होने लगी. राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 1.1 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा. बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले वैभव आईपीएल खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं.
वैभव ने डेब्यू मैच की पहली ही गेंद पर जड़ा 'सिक्स'
राजस्थान की तरफ से लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ अपने डेब्यू मैच की पहली ही गेंद पर छक्का जड़ने वाले वैभव ने अपने करियर का धमाकेदार आगाज किया. यह छक्का इसलिए भी खास है, क्योंकि यह भारत की तरफ से खेल चुके शार्दुल ठाकुर की गेंद पर लगाया गया था. उन्होंने इस मैच में 20 गेंद पर 34 रन बनाए, जिसमें 2 चौके और 3 छक्के शामिल हैं.
'वैभव को सिर्फ चिकन और मटन पसंद है'
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए वैभव के कोच मनीष ओझा ने कहा, वैभव को मटन नहीं खाने का निर्देश है. उसके डाइट चार्ट से पिज्जा हटा दिया गया है. उसे सिर्फ चिकन और मटन पसंद है. वह एक बच्चा है, इसलिए उसे पिज्जा बहुत पसंद है, लेकिन अब वह इसे नहीं खाता.
'वैभव बहुत आगे जाएगा'
मनीष ओझा ने बताया कि जब हम उसे मटन देते थे, तो चाहे हम कितना भी दे, वह खा जाता था. इसलिए वह थोड़ा मोटा दिखता है. उन्होंने भरोसा जताया कि वैभव बहुत आगे जाएगा. उसने जिस तरह से पारी की शुरुआत की है, वह आने वाले मैचों में बड़ा स्कोर बनाएगा. वह एक निडर बल्लेबाज हैं. उसकी आक्रामकता बिल्कुल युवराज सिंह की तरह है.
रात 8 बजे आया मैनेजमेंट का कॉल
लखनऊ के खिलाफ मैच से एक दिन पहले सूर्यवंशी राजस्थान फ्रेंचाइजी के हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर जुबिन भरुचा की निगरानी में कड़ी मेहनत कर रहे थे. अपने ट्रेनिग सेशन को खत्म करने के बाद उन्होंने अपना किट बैग पैक किया और टीम होटल चले गए. रात करीब 8 बजे उसका फोन बजा. टीम मैनेजमेंट ने कहा- अपने आईपीएल डेब्यू के लिए तैयार हो जाओ.
'आईपीएल डेब्यू को लेकर बहुत खुश थे वैभव'
मनीष ओझा के मुताबिक, वैभव अपने आईपीएल डेब्यू को लेकर बहुत खुश था. उसने मुझे फोन कर कहा कि राहुल द्रविड़ सर और मैनेजमेंट ने उसे फोन कर बताया है कि वह लखनऊ के खिलाफ मैच खेलेगा. हालांकि, वह तनाव में था, जिस पर मैंने उससे कहा कि शांत रहो. जिस तरह से खेल रहे हो वैसे हो खेलो. इस पर उसने कहा- छक्के वाली गेंद आएगी तो मारुंगा, रुकूंगा नहीं. सिंगल लेकर क्या करूंगा.
27 मार्च 2011 को हुआ वैभव सूर्यवंशी का जन्म
वैभव सूर्यवंशी का जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ. इसी साल भारत ने अपना दूसरा वनडे वर्ल्डकप जीता. उस समय टीम के कप्तान एमएस धोनी थे. वे 2024-25 के घरेलू सत्र में बिहार के लिए पांच प्रथम श्रेणी मैच खेल चुके हैं. महज 4 साल की उम्र में उन्हें प्लास्टिक की गेंदों को बहुत ताकत के साथ मारते हुए उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने देखा है. संजीव भी अपने बेटे के साथ क्रिकेट खेलते. वे खेतों में काम करने के बाद अपने बेटे को बॉलिंग करते थे.
पटना में निखरी वैभव की बैटिंग
संजीव ने बेटे की प्रतिभा को पहचान कर समस्तीपुर की एक क्रिकेट अकादमी में उनके पहले कोच ब्रजेश झा के पास ले गए. यहां से ट्रेनिंग लेने के बाद वे पटना में मनीष ओझा के पास गए, जहां उन्होंने अपनी बल्लेबाजी को सुधारा. समस्तीपुर से पटना 90 किमी की यात्रा आसान नहीं थी, लेकिन संजीव एक कार खरीदकर अपने बेटे को अकादमी ले जाते.
वैभव ने स्थानीय टूर्नामेंटों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया
वैभव ने स्थानीय टूर्नामेंटों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. उन्होंने हेमन ट्रॉफी, वीन मांकड़ ट्रॉफी, चैलेंजर्स ट्रॉफी (अंडर-19) और एसीसी अंडर-19 में शानदार प्रदर्शन किया