'मैं तो शूटिंग ही छोड़ देती, लेकिन...', मनु भाकर ने फैंस के साथ शेयर की अपनी ओलंपिक जर्नी

मनु भाकर ने एक ओलंपिक में दो पदक जीते. सबसे पहले वूमेन्स 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज जीता था. इसके बाद उन्होंने दूसरा ब्रॉन्ज 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में अपने नाम किया. इस बीच उन्होंने अपने गेम का अनुभव शेयर किया है. उन्होंने कहा कि अपना खेल क्यों शुरू किया और टोक्यो 2020 ओलंपिक के दौरान हार के बारे में बताया, जिसका कारण उनकी बंदूक खराब हो जाना था.;

Credit- Manu Bhaker instagram
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 7 Oct 2024 5:55 PM IST

Shooter Manu Bhakar: हरियाणा की बेटी और भारत की स्टार निशानेबाज मनु भाकर को देश-विदेश में लोग जानते हैं. वह किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. पेरिस ओलंपिक 2024 में मनु ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था. ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय बन गई थीं.

मनु भाकर ने एक ओलंपिक में दो पदक जीते. सबसे पहले वूमेन्स 10 नीटर एयर पिस्टर में ब्रॉन्ज जीता था. इसके बाद उन्होंने दूसरा ब्रॉन्ज 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में अपने नाम किया. इस बीच उन्होंने अपने गेम का अनुभव शेयर किया है.

मनु भाकर ने फैंस से की बात

रविवार को मनु ने इंस्टाग्राम पर अपने फैंस के लिए प्रश्न-उत्तर पोस्ट शेयर किया. जिसमें वह एक-एक करके पूछे गए सवालों का जवाब देने लगीं. उन्होंने कहा कि अपना खेल क्यों शुरू किया और टोक्यो 2020 ओलंपिक के दौरान हार के बारे में बताया, जिसका कारण उनकी बंदूक खराब हो जाना था.

जीवन में अच्छा करने की चाह

मनु ने कहा कि उन्होंने अलग-अलग खेलों में अपना हाथ आजमाया. वह हमेशा अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थीं और आर्थिक रूप से सेल्फ डिपेंड होना चाहती थीं. उन्होंने कहा कि जब मैंने शूटिंग शुरू की तो मैं सबसे अच्छा प्रदर्शन करना चाहती थी लेकिन आप हमेशा जीत नहीं सकते.

टोक्यो ओलंपिक का अनुभाव

मनु भाकर ने टोक्यो ओलंपिक पर बात की. उन्होंने कहा कि पदक के बिना खाली हाथ भारत लौटना बहुत बुरा लगा. उनका मानना है कि उतार-चढ़ाव जीवन का अभिन्न अंग है. इसलिए हमें सभी समस्याओं और परिस्थितियों का सामना करना चाहिए. कभी-कभी सही रास्ते दिखाने के लिए आपके आस-पास अच्छे लोगों का होना जरूरी होता है.

कर्मों पर रखें भरोसा

मनु ने कहा कि मैं प्रत्येक शॉट में अपना बेस्ट देती थी, लेकिन घबराहट भी होती थी. जब मुझे अधिक साहस की जरूरत होती थी तो मैं अपने कोच जसपाल सर की ओर देखती थी. उन्होंने कहा कि अपने कर्म पर ध्यान दें, परिणाम के बारे में भूल जाएं. जितना अच्छा कर्म करेंगे फल भी उतना ही अच्छा मिलेगा.

ओलंपिक में बनाया इतिहास

मनु और सरबजोत की जोड़ी ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम मैच में कांस्य पदक हासिल किया. उन्होंने प्ले-ऑफ मैच में साउथ कोरिया के ली वोनहो और ओह ये जिन को 16-10 से हराया था. वहीं पहले पदक के लिए वूमेन्स की 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त किया और भारत के लिए ओलंपिक जीतने वाली पहली महिला निशानेबाज बन गईं. इसके बाद सरबजोत सिंह ने 10 मीटर मैच में कांस्य पदक जीता, ये भारत का पहला शूटिंग टीम पदक था.

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