बर्थडे पर गौतम गंभीर के 5 अनसुने किस्से: अफरीदी से लफड़ा, बने किन्नर, मनोज तिवारी को दी जान से मारने की धमकी
Gautam Gambhir: गौतम गंभीर की ज़िंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन उनकी अनोखी कहानियाँ उन्हें एक विशेष स्थान देती हैं. चाहे वह मैदान पर अपने साथियों के साथ विवाद हो या समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी, गंभीर ने हमेशा अपनी बात रखी है. उनके जन्मदिन पर, हम उनके जुझारू रवैये और साहसिकता को सलाम करते हैं.;
Gautam Gambhir: गौतम गंभीर, भारतीय क्रिकेट का एक ऐसा नाम है, जो न केवल अपनी बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है, बल्कि अपने विवादों और साहसिकता के लिए भी सुर्खियों में रहते हैं. 2007 और 2011 के वर्ल्ड कप विजेता, बीजेपी नेता और अब टीम इंडिया के हेड कोच के रूप में उनकी पहचान बदल चुकी है. आज उनके जन्मदिन पर हम उनकी ज़िंदगी के कुछ अनसुने किस्सों पर गौर करेंगे, जो उनकी क्रिकेटिंग यात्रा को और भी दिलचस्प बनाते हैं.
1. अफरीदी से तीखी बहस
भारत-पाकिस्तान की क्रिकेट rivalry जगजाहिर है और इसका एक बड़ा उदाहरण हमें 2007 में देखने को मिला. जब पाकिस्तान की टीम भारत दौरे पर आई थी, तब कानपुर में खेले गए तीसरे वनडे में गौतम गंभीर और शाहिद अफरीदी के बीच गरमा-गरमी हो गई. एक रन चुराने के प्रयास में जब अफरीदी ने गंभीर का रास्ता रोका, तो गंभीर ने झुंझलाते हुए अफरीदी को कोहनी मार दी. इस घटना के बाद अंपायरों को बीच-बचाव करना पड़ा. यह न केवल क्रिकेट के मैदान पर एक गरमागरम पल था, बल्कि दर्शकों के लिए भी यह यादगार बन गया.
2. मनोज तिवारी को दी जान से मारने की धमकी
2015 का साल भी गौतम गंभीर के लिए विवादों से भरा रहा. दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में घरेलू टूर्नामेंट के दौरान, जब गंभीर ने मनोज तिवारी के साथ मैदान पर बहस की, तो मामला हाथापाई तक पहुँच गया. गंभीर ने मनोज को चेतावनी देते हुए कहा, "शाम को मिल तुझे मारूंगा." इस पर मनोज ने भी जवाब देते हुए कहा, "शाम क्या, अभी बाहर चल." इस बहस ने क्रिकेट जगत में एक नई चर्चा शुरू कर दी.
3. किन्नर समाज के समर्थन में खड़े हुए
गौतम गंभीर ने सामाजिक बदलाव के लिए भी कई कदम उठाए हैं. सितंबर 2018 में, उन्होंने किन्नर समाज के अधिकारों के समर्थन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में उन्होंने माथे पर बिंदी और दुपट्टा ओढ़कर सांकेतिक रूप से किन्नरों का रूप धारण किया. उनके इस कदम ने समाज में भेदभाव और उपेक्षा के खिलाफ एक सकारात्मक संदेश दिया.
4. राजनीति में कदम
गौतम गंभीर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से पूर्वी दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उन्होंने आम आदमी पार्टी की आतिशी और कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली को हराकर संसद में कदम रखा. हालाँकि, 2024 के आम चुनाव से पहले उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने का निर्णय लिया. ऐसा माना जाता है कि पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसके चलते उन्होंने खुद का नाम वापस ले लिया.
5. मैदान पर आक्रामकता
गौतम गंभीर का खेलना हमेशा आक्रामकता और लड़ाकू रवैये के लिए जाना गया है. चाहे वह बड़े मैच में बल्लेबाजी करना हो या कप्तानी, उनका तेज-तर्रार व्यक्तित्व हमेशा सामने आया है. उनकी कोचिंग शैली में भी वही आक्रामकता देखने को मिलती है, जो उन्हें एक अद्वितीय कोच बनाती है. गंभीर का मानना है कि यह लड़ाकू रवैया न केवल खेल में, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण है.