Sameer Minhas के धर्म और पहचान पर मचा शोर, भारत के खिलाफ 172 रन ठोकने वाले पाकिस्तानी U-19 स्टार का BCCI से क्या कनेक्शन?
अंडर-19 एशिया कप 2025 के फाइनल में पाकिस्तान के ओपनर समीर मिन्हास ने भारत के खिलाफ 113 गेंदों में 172 रनों की विस्फोटक पारी खेलकर मैच का रुख पूरी तरह बदल दिया. टूर्नामेंट में 484 रन बनाकर समीर सबसे प्रभावशाली बल्लेबाजों में रहे. शानदार प्रदर्शन के साथ-साथ उनके नाम, समुदाय और धर्म को लेकर सोशल मीडिया पर बहस भी देखने को मिली, जिसे उनकी ऐतिहासिक पारी ने पीछे छोड़ दिया.;
भारत-पाकिस्तान मुकाबले सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं रहते, वे भावनाओं, बहसों और चर्चाओं का केंद्र बन जाते हैं. अंडर-19 एशिया कप 2025 के फाइनल में कुछ ऐसा ही हुआ, जब पाकिस्तान के ओपनर समीर मिन्हास ने भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ तूफानी पारी खेलते हुए न सिर्फ मैच का रुख बदल दिया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त बहस छेड़ दी.
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दुबई के ICC क्रिकेट अकादमी ग्राउंड पर खेले गए हाई-वोल्टेज फाइनल में समीर मिन्हास ने 113 गेंदों में 172 रन की ऐतिहासिक पारी खेली. उनकी इस बल्लेबाजी की बदौलत पाकिस्तान ने 8 विकेट पर 347 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया, जिसके दबाव में भारतीय टीम 156 रन पर सिमट गई और खिताब पाकिस्तान के नाम चला गया.
भारत के खिलाफ कहर बनकर टूटे समीर मिन्हास
फाइनल जैसे बड़े मंच पर समीर ने शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया. उन्होंने भारतीय नई गेंद के गेंदबाजों किशन सिंह और दीपेश देवेंद्रन को खास तौर पर निशाने पर लिया. 29वें ओवर में उन्होंने सिर्फ 71 गेंदों में अपना शतक पूरा किया. उनकी पारी में 17 चौके और 9 छक्के शामिल थे. समीर मिन्हास डबल सेंचुरी की ओर बढ़ते दिख रहे थे और भारत के अभिज्ञान कुंडू व दक्षिण अफ्रीका के जोरिच वैन शाल्कवाइक जैसे बल्लेबाजों की एलीट सूची में शामिल होने की ओर अग्रसर थे, लेकिन एक स्लोअर बॉल पर मिड-ऑन पर कैच देकर आउट हो गए. इसके बावजूद तब तक मैच भारत की पकड़ से पूरी तरह फिसल चुका था.
कौन हैं समीर मिन्हास?
समीर मिन्हास का जन्म 2 दिसंबर 2006 को पाकिस्तान के मुल्तान में हुआ. वह दाएं हाथ के ओपनिंग बल्लेबाज हैं और जरूरत पड़ने पर लेग ब्रेक गूगली गेंदबाजी भी कर सकते हैं. क्रिकेट उनके परिवार की विरासत रहा है. उनके बड़े भाई आराफ़ात मिन्हास पाकिस्तान की सीनियर T20 टीम के लिए खेल चुके हैं, जबकि उनके पिता काशिफ मिन्हास भी अंडर-19 क्रिकेट का हिस्सा रह चुके हैं. समीर ने छोटी उम्र में ही रेड-बॉल क्लब क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. उन्होंने पाकिस्तान के लिए अंडर-13, अंडर-16 और अंडर-19 स्तर पर लगातार प्रदर्शन किया. 2021-22 की नेशनल अंडर-19 चैंपियनशिप में उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया.
एशिया कप 2025 में शानदार प्रदर्शन
समीर मिन्हास इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज रहे. उन्होंने 5 मैचों में कुल 484 रन बनाए. टूर्नामेंट की शुरुआत में ही उन्होंने मलेशिया के खिलाफ अपने पहले यूथ वनडे में 177 नाबाद रन ठोककर सबका ध्यान खींचा था. सेमीफाइनल में भी उन्होंने नाबाद अर्धशतक खेला और फिर फाइनल में भारत के खिलाफ करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली.
धर्म और पहचान पर क्यों मचा विवाद?
भारत-पाकिस्तान फाइनल के बाद समीर मिन्हास का नाम सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा, लेकिन वजह सिर्फ क्रिकेट नहीं थी. उनके नाम और सरनेम को लेकर कई यूजर्स ने सवाल उठाने शुरू कर दिए कि क्या वह हिंदू राजपूत हैं या मुस्लिम. असल में, मिन्हास (या मनहास) समुदाय का संबंध ऐतिहासिक रूप से राजपूत वंश से माना जाता है, जो सूर्यवंशी परंपरा से जुड़ा है. यह समुदाय भारत और पाकिस्तान - दोनों देशों में पाया जाता है. भारत में हिंदू और सिख मिन्हास राजपूत मिलते हैं, जबकि पाकिस्तान के पंजाब और पीओके क्षेत्रों में मुस्लिम मिन्हास बसे हुए हैं.
समीर मिन्हास पाकिस्तान के मुस्लिम राजपूत परिवार से आते हैं. उपमहाद्वीप में यह आम बात है कि कई सरनेम - जैसे बाजवा, भट्टी, मलिक, चौधरी - धर्म से ज़्यादा कबीलाई या क्षेत्रीय पहचान से जुड़े होते हैं. यही वजह है कि एक ही सरनेम हिंदू, सिख और मुस्लिम - तीनों समुदायों में मिलता है.
BCCI से भी जुड़ता है सरनेम का कनेक्शन
दिलचस्प बात यह है कि मनहास सरनेम भारतीय क्रिकेट में भी जाना-पहचाना नाम है. BCCI से जुड़े पूर्व खिलाड़ी और कोच मिथुन मनहास भी इसी राजपूत मनहास वंश से ताल्लुक रखते हैं. इसी साझा विरासत के कारण सोशल मीडिया पर तुलना और भ्रम देखने को मिला.
मैदान पर दिया सबसे बड़ा जवाब
हालांकि समीर मिन्हास के लिए यह चर्चा गौण है. उन्होंने जो जवाब देना था, वह बल्ले से दे दिया. भारत के खिलाफ फाइनल में खेली गई उनकी पारी न सिर्फ पाकिस्तान को खिताब दिलाने वाली साबित हुई, बल्कि यह भी दिखा गई कि वह भविष्य में पाकिस्तान क्रिकेट के बड़े सितारे बन सकते हैं. फिलहाल, समीर मिन्हास सुर्खियों में हैं - एक तरफ अपने 172 रनों के तूफान के लिए और दूसरी तरफ अपनी पहचान को लेकर उठे सवालों के कारण. लेकिन क्रिकेट की दुनिया में आखिरकार वही याद रखा जाता है, जो मैदान पर लिखा जाता है - और समीर ने वहां अपनी कहानी मजबूती से दर्ज कर दी है.