कब है हरियाली तीज, सावन शिवरात्रि, नाग पंचमी और रक्षाबंधन? जानें सावन माह के व्रत-त्योहार
सावन का महीना 09 अगस्त 2025 तक चलेगा और इस दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा. सावन माह में जहां एक हर दिन भगवान शिव की पूजा होगी, वहीं कई प्रमुख व्रत त्योहार मनाया जाएगा. आइए जानते हैं इस माह पड़ने वाले सभी व्रत-त्योहारों की लिस्ट.;
11 जुलाई से सावन का महीना प्रारंभ हो गया है. हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व होता है. यह महीना भगवान शिव को अत्यंत ही प्रिय होता है. सावन के महीने में शिव जी की उपासना और आराधना करने का विशेष महत्व होता है. सावन के महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार आते हैं. आपको बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण माह की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा के साथ श्रावण का पवित्र महीना शुरू हो चुका है.
सावन का महीना 09 अगस्त 2025 तक चलेगा और इस दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा. सावन माह में जहां एक हर दिन भगवान शिव की पूजा होगी, वहीं कई प्रमुख व्रत त्योहार मनाया जाएगा. आइए जानते हैं इस माह पड़ने वाले सभी व्रत-त्योहारों की लिस्ट.
श्रावण माह का महत्व
हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण का महीना साल का पांचवा महीना होता है. यह महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना होता है क्योंकि इस माह में भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार्य किया था. इसके अलावा श्रावण माह में भगवान शिव का जलाभिषेक, बेलपत्र, दूध, दही, शहद और गंगाजल से करने पर उनका आशीर्वाद मिलता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में व्रत, पूजन और दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है. इससे अलावा सावन माह में पड़ने वाले सोमवार व्रत पर अविवाहित कन्याएं व्रत रखती है जिससे उन्हे योग्य वर की प्राप्ति होती है. वहीं सुगाहिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती है. इस माह रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. श्रावण माह में भगवान शिव की आराधना करने से कुंडली में मौजूद ग्रह दोषों से छुटकारा मिलता है.
श्रावण मास में क्या करें और क्या नहीं
- श्रावण मास में सोमवार का व्रत और शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करना विशेष फलदायी होता है. इस दौरान भगवान शिव की आराधना और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है.
- सावन माह के दौरान दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है. गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करना चाहिए.
- श्रावण मास में सत्संग में भाग लेना चाहिए और भजन-कीर्तन का आयोजन करना चाहिए.
- सावन के महीने में झूठ बोलने और हिंसा करने से बचना चाहिए.
- भगवान शिव का महीना सावन बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है. ऐसे में पूरे सावन में तामसिक और मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.
सावन माह के व्रत-त्योहार
- 11 जुलाई 2025- श्राणण माह प्रारंभ
- 14 जुलाई 2025- सावन का पहला सोमवार व्रत, संकष्टी चतुर्थी
- 14 जुलाई 2025- सावन का पहला मंगला गौरी व्रत
- 16 जुलाई 2025- कर्क संक्रांति
- 17 जुलाई 2025- कालाष्टमी
- 21 जुलाई 2025 - सावन का दूसरा सोमवार व्रत, कामिका एकादशी
- 22 जुलाई 2025- मंगला गौरी व्रत , प्रदोष व्रत (कृष्ण)
- 23 जुलाई 2025- श्रावण शिवरात्रि
- 24 जुलाई 2025- श्रावण अमावस्या
- 27 जुलाई 2025- हरियाली तीज
- 28 जुलाई 2025- सावन का तीसरा सोमवार व्रत, विनायक चतुर्थी
- 29 जुलाई 2025- नाग पंचमी
- 04 अगस्त 2025- सावन का चौथा सोमवार व्रत
- 05 अगस्त 2025- श्रावण पुत्रदा एकादशी
- 06 अगस्त 2025- प्रदोष व्रत (शुक्ल)
- 09 अगस्त 2025- रक्षा बंधन, श्रावण पूर्णिमा व्रत