कब आएंगे विघ्नहर्ता? जानें गणेश चतुर्थी की तारीख और इस मुहूर्त में करें स्थापना, वरना हो सकता है नुकसान
गणेश चतुर्थी भगवान श्री गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है. यह पर्व हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है. इसका धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत बड़ा महत्व है.;
हिंदू धर्म में गणेश उत्सव का विशेष महत्व होता है. हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर 10 दिनों तक गणेशोत्सव का पर्व मनाया जाता है. चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को विशेष रूप से प्रिय होती है. गणेशोत्सव की तैयारी बहुत पहले से होने लगती है. गणेशोत्सव से पहले लोग धूमधाम के साथ भगवान गणपति को घर लाते हैं और विधि-विधान के साथ विधिवत रूप से पूजा करते हैं.
इसके अलावा गणेशोत्सव पर भव्य पंडाल में गणपित को विराजान करते हैं. जो लोग 10 दिनों तक बप्पा को घर पर नहीं रख पाते हैं वे 2, 5 और 7 दिनों तक गणपति को रखते हैं. फिर अनन्त चतुर्दशी पर बप्पा की विदाई की जाती है. आइए जानते हैं गणेश उत्सव कब से शुरू हो रहा है और बप्पा को विराजित करने के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा.
कब है गणेश चतुर्थी?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष गणेशोत्सव 27 अगस्त 2025 को है. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से आरंभ होगी और इसका समापन 27 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार गणेशोत्सव का पर्व 27 अगस्त से शुरू होगा.
गणेशोत्सव पूजा शुभ मुहूर्त 2025
27 अगस्त को गणेशोत्सव के दिन भगवान गणपति की पूजा के लिए सुबह 11 बजकर 05 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक सबसे अच्छा रहेगा. इस तरह से पूजा के लिए कुल 2 घंटे 34 मिनट का समय मिलेगा.
शुभ योग
इस वर्ष गणेशोत्सव पर बहुत ही शुभ योगों का निर्माण हुआ है. 27 अगस्त को गणेशोत्सव, बुधवार के दिन, शुक्ल, सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग में प्रारंभ होगा.
चंद्र दर्शन करना वर्जित
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर चंद्रमा के दर्शन करना बहुत ही अशुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से किसी न किसी प्रकार का कलंक का सामना करना पड़ता है. ऐसे में 26 अगस्त से लेकर 27 अगस्त को चंद्रमा के दर्शन नहीं करना चाहिए.
अनंत चतुर्दशी 2025 कब है?
अनंत चतुर्दशी तिथि पर भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जन करने का खास महत्व होता है. 10 दिनों तक भगवान गणपति घर-घर विराजानें के बाद अनंत चतुर्दशी तिथि पर इनका विसर्जन किया जाता है. इस वर्ष अनंत चतुर्दशी तिथि 6 सितंबर 2025 को है.