Vastu Tips: क्या आपके बाथरूम में भी है इस तरह का वास्तु दोष, इन उपाय से करें दूर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के हर कोने का एक विशेष ऊर्जा क्षेत्र होता है. यदि बाथरूम गलत दिशा में बना हो या वहां कुछ वास्तु नियमों का पालन न हो, तो यह नकारात्मक ऊर्जा पैदा कर सकता है, जिससे स्वास्थ्य, धन और मानसिक शांति पर असर पड़ता है. इसे ही बाथरूम का वास्तु दोष कहा जाता है.;
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर घर का वास्तु अच्छा न हो यानी इसमें दोष हो तो वहां पर नकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. लाख कोशिशों के बाद भी घर में सुख-शांति और समृद्धि नहीं आती. समय-समय पर आर्थिक, मानसिक और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. वहीं अगर वास्तु के अनुरूप घर हो वहां हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का वास रहता है. व्यक्ति के जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है.
आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है और मन हमेशा प्रसन्न रहता है. वास्तु शास्त्र में घर के हर एक स्थान के लिए वास्तु नियम बताए गए हैं, अगर इन नियमों का पालन सही तरह से किया जाय तो घर में कभी भी नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं कर सकती है. आज हम आपको वास्तु के अनुसार बाथरूम कैसा होना चाहिए और अगर इसमें कोई वास्तु दोष है तो किन उपायों को अपनाकर इसे दूर किया जा सकता है.
शौचालय की दीवार पर लगाएं पिरामिड
वास्तु के अनुसार घर में शौचालय की दिशा दक्षिम और दक्षिण-पश्चिम दिशा बहुत अच्छी मानी जाती है. इससे अलावा उत्तर-पश्चिम दिशा भी शौचालय के लिए उत्तम मानी गई है. लेकिन वास्तु के अनुरूप अगर शौचालय की दिशा ठीक नहीं है या इसमें किसी तरह का वास्तु दोष हो तो वाथरूम की दक्षिणी दीवार पर पिरामिड रखना शुभ होगा. इसे रखने से वास्तु संबंधी दोष काफी हद तक दूर होते हैं. घर नकारात्मक ऊर्जा खत्म होगी और सकारात्मक ऊर्जा फैलेगी. गलत दिशा में शौचालय होने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
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बाथरूम में कटोरी में रखें नमक
अगर आपके शौचालय में किसी तरह का वास्तु दोष और इसे ठीक करना संभव न हो तो बिना तोड़-फोड के शौचालय में शीशे की कटोरी में नमक भरकर रखे दें और इसे कुछ दिनों के अंतराल पर बदलते रहें. इस उपाय से वास्तु संबंधी दोषों में कमी आएगी और घर में सुख-समृद्धि का वास रहेगा.
इस रंग की बाल्टी का करें इस्तेमाल
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी रखना काफी शुभ माना जाता है. अगर आपके बाथरूम में किसी तरह का कोई वास्तु संबंधी दोष है तो इसे दूर करने के लिए नीले रंग की बाल्टी का उपयोग करें. नीला रंग शुभता और खुशहाली का प्रतीक है.
बाथरूम में इस रंग की दीवारें हो
बाथरूम में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए हमेशा हल्के रंगों और टाइल्स ही प्रयोग करना चाहिए. बाथरूम में दीवारों और टाइल्स का रंग गहरा नहीं होना चाहिए. इससे घर में सुख, संपन्नता और शांति का वास होता है.
नल का टपकना अशुभ
अक्सर लोगों के बाथरूम में नल धीरे-धीरे टपकता रहता है. वास्तु में नल का टपकना अशुभ माना जाता है. इससे यहां पर रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति खराब होने लगती है और लगातार बेफिजूल के खर्चों में बढ़ोतरी होगी. ऐसे में जब भी नल से पानी टपके उसे फौरन ही दूर कर लेना चाहिए.