इस बार 9 दिन की क्यों नहीं होगी चैत्र नवरात्रि? जानें तारीख से लेकर कलश स्थापना का मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि देवी दुर्गा और उनकी शक्ति के विभिन्न रूपों की पूजा करने का समय है. हिंदू धर्म में देवी दुर्गा को शक्ति की देवी माना जाता है, जो संसार की उत्पत्ति, पालन और संहार की शक्ति रखती हैं. यह पर्व महाकाली, महालक्ष्मी, महादेवी जैसी शक्तियों के प्रति श्रद्धा और सम्मान को व्यक्त करता है.;

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Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 6 Nov 2025 6:37 PM IST

हर साल चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि शुरू हो जाती है. यह त्यौहार देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित होता है और हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है.

इनमें शैलपुत्री (शक्ति की देवी), ब्रह्मचारिणी (तप और संयम की देवी), चंद्रघंटा (साहस और बल की देवी), कूष्मांडा (सभी दुखों को नष्ट करने वाली देवी), स्कंदमाता (गणपति की माता), कात्यायनी (धर्म की देवी), कालरात्रि (सभी बुराईयों का नाश करने वाली देवी), महागौरी (सच्चाई और पुण्य की देवी) और सिद्धिदात्री (सिद्धियों की देवी) शामिल हैं. चैत्र नवरात्रि 9 दिन की होती है, लेकिन इस बार 8 दिन की पड़ रही है. चलिए जानते हैं इसका कारण. साथ ही इस साल कब से शुरू हैं चैत्र नवरात्रि.

कब से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 29 मार्च शाम 4:27 से अगले दिन 30 मार्च दोपहर 12:49 पर खत्म होगी. ऐसे में इस बार 30 मार्च के दिन चैत्र नवरात्रि का व्रत रखा जाएगी. वहीं, 7 अप्रैल को अष्टमी मनाई जाएगी. चैत्र नवरात्रि में पंचमी वाले दिन छय हो रहा है. इसलिए इस बार नवरात्रि 8 दिन की है. 

कलश स्थापना

पहले दिन घर में कलश की स्थापना की जाती है, जिसे घटस्थापना भी कहा जाता है. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 06:13 मिनट से शुरू होकर सुबह 10:22 मिनट तक है. घटस्थापना पूजा के प्रतीक रूप में रखा जाता है. नवरात्रि के दिनों में हवन यज्ञ और देवी के मंत्रों की आरती की जाती है. विशेष रूप से घर में देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह परंपरा निभाई जाती है.

चैत्र नवरात्रि का महत्व

चैत्र नवरात्रि का उद्देश्य देवी दुर्गा की उपासना के माध्यम से आत्मा की शुद्धि, पापों से मुक्ति और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति है. यह पर्व अच्छाई की बुराई पर विजय और शक्ति की पूजा का प्रतीक है. चैत्र नवरात्रि में बहुत से लोग व्रत रखते हैं. इस दौरान फल, दूध, और शुद्ध आहार का सेवन किया जाता है. साथ ही, मांसाहार, प्याज, लहसुन न खाने की सलाह दी जाती है.


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