खरमास में क्यों होती है शुभ कार्य करने से मनाही, जानें इसका कारण
खरमास की शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म के अनुसार इन दिनों कोई भी मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं. जैसे शादी से लेकर घर खरीदने तक. लेकिन क्या आप जानते हैं इसका कारण?

खरमास साल में दो बार आता है. पहली बार दिसंबर-जनवरी में और दूसरी बार मार्च-अप्रैल में. इस साल होली यानी 14 मार्च से खरमास शुरू हो चुका है. यह समय विशेष रूप से सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने का होता है. खरमास का समय 1 महीने तक चलता है और इसे गोधूलि मास भी कहा जाता है. वहीं, खरमास में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इसे शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त समय नहीं माना जाता है. चलिए जानते हैं इसका कारण.
खरमास के दौरान क्यों नहीं होते शुभ कार्य?
मीन राशि में सूर्य का गोचर शास्त्रों के अनुसार एक विशेष स्थिति को दर्शाता है, जो व्यक्ति के जीवन में सामान्यतः शुभ फल नहीं लाता है. सूर्य मीन राशि में कमजोर माना जाता है, जिससे यह समय शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं होता है. इस समय सूर्य का प्रभाव धीमा और अशुभ होता है, जिसे ज्योतिष शास्त्र में अवस्थामान (विवश या अस्थिर स्थिति) कहा जाता हैय इससे यह माना जाता है कि इस दौरान शुभ कार्यों का आरंभ स्थिरता और समृद्धि नहीं ला सकता है.
खरमास में क्या न करें
- खरमास के दौरान सगाई और शादी नहीं करनी चाहिए. कहा जाता है कि इसके कारण शादीशुदा जीवन में अस्थिरता आ सकती है.
- खरमास के महीने में नया बिजनेस शुरू करने से बचें. इसके अलावा, गाड़ी भी न खरीदें. इसके चलते आर्थिक समस्याएं हो सकती हैं.
- माना जाता है कि खरमास की अवधि में नया घर या प्रॉपर्टी नहीं खरीदनी चाहिए. इससे परिवार में कलेश होने की संभावना बढ़ जाती है.
- बच्चों के मुंडन भी कराना शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए इस दौरान मांगलिक काम करने से बचें.
खरमास में क्या करना चाहिए?
- इस समय में भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है. पूजा के साथ विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से लाभ होगा.
- खरमास के दिनों में रोजाना सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए. इसके अलावा, "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें.
- हिंदू धर्म में दान करना पुण्य का काम माना जाता है. इसलिए खरमास में जरूरतमंदों को अन्न और कपड़े जैसी जरूरी चीजें दान करे.
- इस समय हनुमान चालीसा का पाठ करने की भी सलाह दी जाती है. साथ ही, माना जाता है कि शिव पुराण का पाठ करना भी लाभकारी होता है.