Doomscrolling: इंटरनेट का वो खतरनाक ट्रेंड, जो आपकी मेंटल हेल्थ को कर सकता है डाउन!
सोशल मीडिया के जमाने में इंटरनेट पर तरह-तरह का कंटेंट देखने को मिलता है. क्या आपका ध्यान भी नेगेटिव न्यूज और कंटेंट पर ज्यादा जाता है? ऐसे में हो सकता है कि आप Doomscrolling का शिकार हैं. दरअसल हमारा दिमाग नेगेटिव चीजों को ज्यादा जल्दी कैच करता है. इसके कारण स्ट्रेस और टेंशन बढ़ सकती है.;
सोशल मीडिया के जमाने में अब हमारी पूरी दुनिया फोन के अंदर समा गई है. जहां नजर डालो, वहां हर शख्स फोन में खोया हुआ दिखाई देता है. सोशल मीडिया ऐप्स यूज करते वक्त अलग-अलग कंटेंट आता है. कभी अच्छा, तो कभी फनी और नेगेटिव चीजों की तो भरमार है. वहीं, कुछ लोग पॉजिटिव से ज्यादा नेगेटिव न्यूज पर ज्यादा ध्यान देते हैं.
इस आदत को डूमस्क्रॉलिंग कहा जाता है. यह दो शब्द हैं, जिसमें डूम का मतलब डिस्ट्रक्शन और स्क्रॉलिंग का मोबाइल की स्क्रीन स्क्रॉल करना. ऐसे में चलिए जानते हैं आखिर डूमस्क्रॉलिंग क्या है. साथ ही, यह आदत कैसे आपकी मेंटल हेल्थ को खराब सकती है और इससे बचने के तरीके.
डूमस्क्रॉलिंग क्या है?
डूमस्क्रॉलिंग का मतलब है लगातार नेगेटिव, बुरी खबरें, आर्टिकल और सोशल मीडिया पोस्ट्स पढ़ते रहना है. भले ही उनसे टेंशन और स्ट्रेस होने लगे. ये आदत अक्सर बिस्तर में लेटे-लेटे या खाली टाइम में फोन पर स्क्रॉल करते हुए लग जाती है. इस प्रोसेसे में व्यक्ति खुद को लगातार नेगेटिव न्यूज में डुबोता रहता है, जैसे कि कोविड-19, नैचुरल डिस्जार्ट्स, पॉलिटिक्स में गड़बड़ी, वॉर और क्राइम आदि.
ये खतरनाक क्यों है?
लगातार बुरी खबरें देखने से आप दुखी, परेशान और गुस्सा हो सकते हो. इससे आपको लग सकता है कि आपकी जिंदगी खतरे में है. इतना ही नहीं, आप दुनिया को शक की निगाह से देखने भी लग सकते हो.
डूमस्क्रॉलिंग से होने वाली दिक्कतें
डूमस्क्रॉलिंग के कारण नींद की कमी हो सकती है, क्योंकि टेंशन होने पर दिमाग ज्यादा एक्टिव हो जाता है. इसके कारण रातभर नींद नहीं आती है. इतना ही नहीं, इस आदत के चलते आपको अकेलापन महसूस हो सकता है. साथ ही, पैनिक अटैक का भी खतरा बढ़ जाता है.
डूमस्क्रॉलिंग से कैसे बचें
डूमस्क्रॉलिंग से बचने के लिए सोशल मीडिया से ब्रेक लेना जरूरी है. यानी फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे ऐप्स चलाने के बजाय आप अपना खाली टाइम में कोई दूसरा काम कर सकते हैं. अक्सर बोर होने पर लोग फोन चलाने लगते हैं. इसके बजाय बोर होने से बचने के लिए कुछ नया शौक ढूंढे. नेगेटिव से ज़्यादा पॉजिटिव खबरें पढ़ने की कोशिश करें.