क्या है Body Dysmorphia? जिससे जूझ रहे हैं डायरेक्टर-प्रोड्यूसर Karan Johar, आईना देखने में भी होती है तकलीफ
जब ट्विंकल ने करण के वजन कम करने की तारीफ की, तो उन्होंने एक गहरी बात कही, 'आपका शरीर चाहे जितना भी बदल जाए, लेकिन अगर मन में जो चल रहा है, उसे आप नहीं बदल पाए, तो कोई फर्क नहीं पड़ता.';
करण जौहर, जिन्हें बॉलीवुड में एक उम्दा निर्देशक-प्रोड्यूसर और शानदार होस्ट के रूप में जाना जाता है, हाल ही में अमेज़न प्राइम के पॉपुलर शो 'Too Much with Kajol and Twinkle' में अपनी स्टूडेंट जहान्वी कपूर के साथ नज़र आए. इस एपिसोड में काजोल, ट्विंकल खन्ना और करण तीनों बचपन के दोस्त कई पुरानी यादों और मज़ेदार खुलासों में खो गए. वहीं, जान्हवी कपूर इस 'थ्री फ्रेंड्स' की गैंग में खुद को 'चौथे पहिये' जैसा महसूस कर रही थी. इस शो में पहले भी कई दिग्गज जोड़े नज़र आ चुके हैं- जैसे सलमान खान और आमिर खान, वरुण धवन और आलिया भट्ट, और चंकी पांडे और गोविंदा.
लेकिन इस बार का एपिसोड कुछ ज़्यादा ही खास था, क्योंकि करण ने इसमें अपने पर्सनल लाइफ, मेंटल हेल्थ और इनसिक्योरिटीज पर खुलकर बात की. करण जौहर ने बताया, 'मैं अपनी स्किन में कभी कम्फर्ट नहीं रहा.'शो के दौरान ट्विंकल ने करण को हंसी-मज़ाक में सबसे ज़्यादा पसंद किए जाने वाला और सबसे ज़्यादा नापसंद किया जाने वाला इंसान बताया. उनकी इस टिप्पणी पर सब मुस्कुरा उठे, लेकिन फिर बातचीत एक गंभीर मोड़ पर चली गई जब करण ने बॉडी डिस्मॉर्फिया (Body Dysmorphia) पर अपने अनुभव शेयर किए.
यहीं चीजें मुझे इंसान बनाती हैं
करण ने कहा, 'अगर आप किसी इंटरव्यू में सच्चे नहीं हैं, तो उसे देने का कोई मतलब नहीं है. मैंने हमेशा अपने मेंटल हेल्थ, बॉडी डिस्मॉर्फिया और इनसिक्योरिटीज के बारे में खुलकर बात की है, क्योंकि ये चीज़ें मुझे इंसान बनाती हैं.' उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें अपनी बॉडी को लेकर अनकम्फर्ट महसूस होती थी. मैं अपनी स्किन में कभी सहज महसूस नहीं करता था. आज भी, उम्र बढ़ने के बावजूद, मैं बहुत सेल्फ-अवेयर हूं. हालांकि, करण ने यह भी माना कि अब वह पहले से कहीं बेहतर महसूस करते हैं और अपनी मेंटल हेल्थ पर काम कर रहे हैं.
थेरपी मेरी मदद कर रही है.
जब ट्विंकल ने करण के वजन कम करने की तारीफ की, तो उन्होंने एक गहरी बात कही, 'आपका शरीर चाहे जितना भी बदल जाए, लेकिन अगर मन में जो चल रहा है, उसे आप नहीं बदल पाए, तो कोई फर्क नहीं पड़ता.' करण ने बताया कि वह थेरेपी सेशन लेते हैं और ये उनके लिए एक आत्म-खोज की यात्रा जैसी है. उन्होंने कहा कि सेल्फ-इम्प्रूवमेंट का यह सफर आसान नहीं, लेकिन बेहद ज़रूरी है.'
आज भी खुद को आईने में नहीं देख पाता
करण ने पहले भी इस विषय पर राज शमनी के पॉडकास्ट में बात की थी. उन्होंने स्वीकार किया था कि 52 साल की उम्र में भी जब वह शीशे के सामने खड़े होते हैं, तो उन्हें खुद को देखना मुश्किल लगता है. उन्होंने कहा था, 'मुझे लगता है कि मैं अब भी खुद को पूरी तरह स्वीकार नहीं कर पाया हूं, लेकिन अब मैं इस पर काम कर रहा हूं.'
वर्जिनिटी को लेकर किया खुलासा
शो का माहौल अचानक हल्का-फुल्का हो गया जब जहान्वी कपूर ने करण से एक सच और एक झूठ का खेल खेलने को कहा. करण ने मुस्कुराते हुए कहा, 'मैंने 36 साल की उम्र में अपनी वर्जिनिटी खोई थी, और मैं तुम्हारे परिवार के किसी सदस्य के साथ रिलेशनशिप में रहा हूं.' यह सुनकर जहान्वी के चेहरे का रंग उड़ गया और काजोल-ट्विंकल हंसते-हंसते लोटपोट हो गईं. फौरन ही करण ने बात साफ़ करते हुए कहा कि 'कपूर खानदान वाले बयान' वाला हिस्सा झूठ है, और वह बस मज़ाक कर रहे थे.'
क्या है बॉडी डिस्मॉर्फिया?
बॉडी डिस्मॉर्फिया, जिसे बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर (BDD) भी कहा जाता है, एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपनी शारीरिक बनावट या किसी खास शारीरिक विशेषता को लेकर अत्यधिक चिंतित रहता है. इस स्थिति में लोग अपनी उपस्थिति में छोटी-मोटी या काल्पनिक खामियों को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर देखते हैं और इनके बारे में बार-बार सोचते रहते हैं. यह चिंता इतनी गंभीर हो सकती है कि यह उनके दैनिक जीवन, आत्मविश्वास, सामाजिक संबंधों और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है.
बॉडी डिस्मॉर्फिया के लक्षण
खुद के बारें में सबसे ज्यादा सोचना : व्यक्ति अपनी शारीरिक बनावट, जैसे चेहरे, स्किन, नाक, बाल, वजन या शरीर के किसी हिस्से को लेकर बार-बार चिंता करता है.
काल्पनिक या छोटी खामियां: ऐसी खामियां जो दूसरों को नजर नहीं आतीं, लेकिन व्यक्ति को लगता है कि वे बहुत स्पष्ट और गंभीर हैं.
बार-बार जांचना: शीशे में बार-बार खुद को देखना या फिर शीशे से पूरी तरह बचना.
सामाजिक अलगाव: अपनी कथित खामियों के कारण सोशल इवेंट्स, दोस्तों या परिवार से दूरी बनाना.
अत्यधिक सुधार की कोशिश: बार-बार कॉस्मेटिक सर्जरी, मेकअप का ज्यादा इस्तेमाल या डाइटिंग जैसे तरीकों से अपनी उपस्थिति को ठीक करने की कोशिश करना.
निगेटिव सोच: कम सेल्फ एस्टीम, शर्मिंदगी या यह विश्वास कि लोग उनकी बनावट की वजह से उनका मजाक उड़ा रहे हैं.