डर्मल फिलर्स से जुड़ा कड़वा सच? जब ग्लैमर के पीछे छुपा होता है जान का खतरा

हाल के सालों में लोगों द्वारा फिलर्स लगाने के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है. इन शौकिया प्रयासों के कारण लोगों को सिर्फ असमान लुक्स, गांठें या चेहरे की बिगड़ी हुई संरचना ही नहीं झेलनी पड़ी बल्कि कई बार यह स्थिति जानलेवा भी साबित हुई है.;

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Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 24 Oct 2025 1:29 PM IST

आज की तेज़ रफ्तार डिजिटल दुनिया में जहां इंस्टाग्राम रील्स और वायरल ब्यूटी ट्रेंड्स हर दिन नई परिभाषाएं गढ़ते हैं, वहां 'क्विक ब्यूटी  सोलूशन्स' अब एक आम चाहत बन गई है. इन्हीं ट्रेंड्स में एक नाम सबसे ऊपर है डर्मल फिलर्स. होंठों को उभारना हो या गालों को तराशना, जब भी परफेक्ट लुक चाहिए होता है, लोग सीधे पहुंच जाते हैं स्पा या सैलून. लेकिन जो दिखाई देता है, उसकी पीछे की सच्चाई कहीं ज़्यादा डरावनी और खतरनाक है.

मुंबई स्थित भारतीय कैंसर सोसायटी से जुड़े वरिष्ठ और बोर्ड-प्रमाणित डर्मेटोलॉजिस्ट  डॉ. सतीश भाटिया के मुताबिक, डर्मल फिलर्स महज एक ब्यूटी ट्रीटमेंट नहीं, बल्कि एक प्लांड मेडिकल प्रोसीजर है. वे कहते हैं, 'यह कोई ब्यूटी पार्लर में लगाया जाने वाला फेशियल नहीं है. यह एक इनवेसिव मेडिकल प्रक्रिया है, जिसे केवल प्रोफेशनल, ट्रेनेड और लाइसेंस प्राप्त डॉक्टर ही कर सकते हैं. 

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ग्लैमर के पीछे छिपा अंधकार

हाल के सालों में लोगों द्वारा फिलर्स लगाने के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है. इन शौकिया प्रयासों के कारण लोगों को सिर्फ असमान लुक्स, गांठें या चेहरे की बिगड़ी हुई संरचना ही नहीं झेलनी पड़ी बल्कि कई बार यह स्थिति जानलेवा भी साबित हुई है. डॉ. भाटिया कहते हैं, 'चेहरे की नसों और धमनियों की स्ट्रक्चर को गहराई से समझना बेहद ज़रूरी है.' एक भी गलत इंजेक्शन अगर आंख के पास की किसी नस में लग जाए तो अंधापन, स्ट्रोक या टिशू नेक्रोसिस जैसी कॉम्प्लीकेशन्स हो सकती हैं. यह कोई डर फैलाने की कोशिश नहीं, बल्कि ऐसी सच्चाई है जिससे लोग आंखें मूंदे बैठे हैं.  फिलर इंजेक्शन की कोई गड़बड़ अगर पेश आती है, तो एक ट्रेनेड डर्मेटोलॉजिस्ट ही तुरंत हायलूरोनिडेस (Hylenex enzyme) जैसी एंज़ाइम का इस्तेमाल कर स्थिति को नियंत्रित कर सकता है. इस तरह की क्विक मेडिकल रेस्पॉन्स अक्सर स्थायी नुकसान और सुधार की एकमात्र रेखा होती है.

फैसला आपके हाथ में

सस्ते ऑफर्स और इंस्टा-रील्स के बहाव में बहकर हम कई बार उस बुनियादी सवाल को नजरअंदाज़ कर देते है- क्या यह व्यक्ति वास्तव में योग्य है?. डॉ. भाटिया सलाह देते हैं, 'किसी को भी अपने चेहरे पर सुई चलाने देने से पहले उसके सर्टिफिकेट, अनुभव और मेडिकल क्वालिफिकेशन  की जांच ज़रूर करें.' जहां ब्यूटी इंडस्ट्री चकाचौंध भरा है, वहीं उसकी छाया में कई अनदेखे खतरे भी पल रहे हैं. क्या थोड़े-से समय के लिए खूबसूरत दिखना आपकी आंखों की रौशनी, आपकी स्किन या आपकी जान से बढ़कर है?.

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