गोवा-केरल की चमक पड़ी फीकी! युवाओं को पसंद आ रहा गंगा किनारा, ऋषिकेश कैसे बना नया ट्रैवल क्रेज?

ऋषिकेश सिर्फ ध्यान और शांति की जगह नहीं है, जो लोग रोमांच के शौकीन हैं, उनके लिए भी यह शहर बहुत कुछ लेकर आता है. यहां गंगा नदी में व्हाइट वॉटर राफ्टिंग बहुत लोकप्रिय है, जहां आप तेज बहाव में रबर बोट से रोमांच का आनंद ले सकते हैं.;

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Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 12 July 2025 9:53 AM IST

भारत में जब भी लोग घूमने की बात करते हैं, तो गोवा और केरल जैसे जगहें सबसे पहले ज़हन में आती हैं. गोवा अपने खूबसूरत समुद्र तटों और नाइटलाइफ के लिए मशहूर है, वहीं केरल अपने शांत बैकवॉटर, हरियाली और आयुर्वेदिक मसाज के लिए जाना जाता है. लेकिन अब धीरे-धीरे लोगों की पसंद बदल रही है. हाल के कुछ सालों में एक नया नाम तेजी से भारत के टॉप पर्यटन स्थलों की लिस्ट में उभरकर सामने आया है – ऋषिकेश.

उत्तराखंड राज्य में गंगा नदी के किनारे बसा यह छोटा-सा शहर आजकल लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. यह उन लोगों के लिए एक आदर्श जगह बन गया है जो छुट्टी पर सिर्फ मस्ती नहीं, बल्कि कुछ खास अनुभव चाहते हैं – चाहे वह आध्यात्मिक हो, साहसिक हो या जीवन को भीतर से समझने की एक कोशिश.

योग, ध्यान और शांति की तलाश 

ऋषिकेश को अक्सर 'विश्व की योग राजधानी' कहा जाता है. यहां के वातावरण में ही एक ऐसी आध्यात्मिक ऊर्जा है जो हर किसी को खींच लाती है. यहां कई पुराने आश्रम हैं जहां प्रामाणिक योग सिखाया जाता है, ध्यान की वर्कशॉप्स होती हैं, और आयुर्वेदिक इलाज भी किया जाता है. देश-विदेश से लोग यहां योग सीखने के लिए आते हैं कोई एक हफ्ते का रिट्रीट करता है तो कोई एक-एक महीने का योग टीचर ट्रेनिंग कोर्स. बड़े शहरों में जो योग स्टूडियो होते हैं, उनके मुकाबले यहां योग सच्चे रूप में सिखाया जाता है पूरी तरह भारतीय परंपरा से जुड़ा हुआ. त्रिवेणी घाट पर हर शाम होने वाली गंगा आरती, जिसमें सैकड़ों दीप गंगा में प्रवाहित किए जाते हैं, एक ऐसा दृश्य होता है जिसे देखने के बाद मन अपने आप शांत हो जाता है. आसपास के मंदिरों और आश्रमों से आने वाली मंत्रों की ध्वनि वातावरण को एक अलग ही आयाम देती है. 

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 एडवेंचर का नया अड्डा 

ऋषिकेश सिर्फ ध्यान और शांति की जगह नहीं है, जो लोग रोमांच के शौकीन हैं, उनके लिए भी यह शहर बहुत कुछ लेकर आता है. यहां गंगा नदी में व्हाइट वॉटर राफ्टिंग बहुत लोकप्रिय है, जहां आप तेज बहाव में रबर बोट से रोमांच का आनंद ले सकते हैं. इसके अलावा ज़िप-लाइनिंग, क्लिफ-जंपिंग (ऊँचाई से नदी में कूदना), कयाकिंग और आसपास के पहाड़ों में ट्रेकिंग जैसे साहसिक खेल भी यहां होते हैं. इस तरह ऋषिकेश एक ऐसा अनोखा शहर बन गया है जहां एक ओर आप सुबह योग से दिन की शुरुआत कर सकते हैं और दोपहर में रिवर राफ्टिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं. 

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 शाकाहारी और शराब-मुक्त शहर 

ऋषिकेश की एक और खास बात यह है कि यह पूरी तरह शाकाहारी और शराब-मुक्त शहर है. यह बात सुनने में शायद चौंकाने वाली लगे, लेकिन यह सच है और इससे यहां की पवित्रता और साफ-सफाई बनी रहती है. आजकल पर्यटक भी जागरूक हो रहे हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना घूमना चाहते है. इसीलिए यहां अब कई इको-फ्रेंडली होमस्टे और रिट्रीट सेंटर खुल गए हैं, जहां कम संसाधनों में, प्रकृति के करीब रहकर सादा जीवन जिया जा सकता है. यहां के रेस्टोरेंट्स भी अब ऑर्गेनिक और हेल्दी खाने पर ज़ोर दे रहे हैं.

बेहतर कनेक्टिविटी

ऋषिकेश की लोकप्रियता बढ़ने की एक बड़ी वजह इसकी बेहतर कनेक्टिविटी भी है. अब देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से ऋषिकेश तक पहुंचना बहुत आसान हो गया है. इसके अलावा सरकार की चार धाम राजमार्ग परियोजना के तहत सड़कों को भी बेहतर बनाया जा रहा है, जिससे यहां का सफर अब और भी आरामदायक हो गया है. 

कब जाएं ऋषिकेश?

हालांकि ऋषिकेश साल भर खुला रहता है, लेकिन जुलाई और अगस्त के महीनों में यहां सबसे ज्यादा बारिश होती है. इसलिए यात्रा की सबसे अच्छी अवधि है सितंबर से जून तक. इन महीनों में मौसम सुहावना रहता है और आप सभी गतिविधियों का आनंद अच्छे से ले सकते हैं.

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