एमपॉक्स और चेचक के लक्षणों में ये हैं अंतर
भारत में एमपॉक्स के घातक स्ट्रेन की एंट्री हो चुकी है। यह इन्फेक्शन पूरी दुनिया में परेशानी की वजह बना हुआ है।;
भारत में एमपॉक्स के घातक स्ट्रेन की एंट्री हो चुकी है। यह इन्फेक्शन पूरी दुनिया में परेशानी की वजह बना हुआ है, जिसे देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। वहीं, भारत में इसके मामले सामने आने के बाद इसे लेकर चिंताएं बढ़ गई है।
एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना था, तेजी से फैलने वाला संक्रमण है। यह काफी हद तक चेचक यानी चिकनपॉक्स की तरह होता है। यही वजह है कि कई लोग एमपॉक्स और चिकन पॉक्स में अंतर नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आपको इन दोनों के बीच का अंतर जानना जरूरी है।
एमपॉक्स की चपेट में आने के बाद संक्रमित व्यक्ति आमतौर पर खुद ही ठीक हो जाता है। यह संक्रमण दो से चार हफ्ते तक ही रहता है, लेकिन छोटे बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है। हालांकि, यह बीमारी चेचक जितनी गंभीर नहीं है, लेकिन दूषित चीजों, रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स और घावों के संपर्क में आने से यह फैल सकता है। इसके लक्षणों की बात करें, तो एमपॉक्स के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, लिम्फ नोड्स में सूजन, दाने जो आमतौर पर चेहरे पर शुरू होते हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते शामिल हैं।
चेचक की बीमारी, वेरियोला वायरस के कारण होती है। यह बीमारी सबसे खतरनाक संक्रामक बीमारियों में से एक है। हालांकि, चेचक किसी जानवर के जरिए नहीं फैलता और इसलिए इसे खत्म करना या कंट्रोल करना ज्यादा मुश्किल नहीं है।
बात करें चेचक में लक्षणों की, तो इस बीमारी में पीड़ित को दाने होने लगते हैं, जो चेहरे पर शुरू होकर शरीर के अन्य अंगों तक फैल जाते हैं। ये दाने तेजी से विकसित होते हैं और पस से भरने के बाद अंत में फूट जाते हैं। इसके अलावा चेचक से पीड़ित व्यक्ति को हाई टेम्परेचर, थकावट और दर्दनाक सिरदर्द भी हो सकता है।
दोनों ही बीमारियों के लक्षण दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।