चुनाव प्रचार में हुआ महिला की परमिशन के बिना उसकी फोटो का यूज, बॉम्बे HC ने रद्द की याचिका, फिर बताया असली गुनहगार...

Bombay High Court: बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक महिला की याचिका को रद्द किया जिसमें उसने आरोप लगाया था कि चुनाव में बिना अनुमति के बिना मेरी फोटो इस्तेमाल की गई.कोर्ट ने कहा, गलती सरकारों या पार्टियों की नहीं, बल्कि फोटोग्राफर की है, जिसने महिला की तस्वीरें क्लिक कर उन्हें अमेरिका की वेबसाइट 'Shutterstock' पर बिना उसकी अनुमति के अपलोड कर दिया.;

( Image Source:  META AI )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 28 Nov 2025 5:12 PM IST

Bombay High Court: चुनाव के दौरान महिलाओं से जुड़ी घोषणाओं और योजना के लिए राजनीतिक पार्टियां उनकी फोटो पोस्टर में लगाती हैं. लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनावों में ऐसा देखने को मिलता है, लेकिन कई बार महिला से पूछे बिना उनकी फोटो का इस्तेमाल प्रचार में किया जाता है. ऐसा ही एक मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में सामने आया है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाते कहा कि, महाराष्ट्र और तेलंगाना सरकारों, कांग्रेस पार्टी और अन्य राजनीतिक दलों ने उससे अनुमति लिए बिना उसकी तस्वीरों का इस्तेमाल किया.

लाइव लॉ इन की रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट के जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और जस्टिस अद्वैत सेठना की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. मंगलवार को कहा कि इस मामले में गलती सरकारों या पार्टियों की नहीं, बल्कि फोटोग्राफर की है, जिसने महिला की तस्वीरें क्लिक कर उन्हें अमेरिका की वेबसाइट 'Shutterstock' पर बिना उसकी अनुमति के अपलोड कर दिया.

कोर्ट ने बताई फोटोग्राफर की गलती

कोर्ट ने कहा, फोटोग्राफर तुकाराम कर्वे ने याचिकाकर्ता नम्रता कवले की तस्वीरें क्लिक कर उन्हें Shutterstock पर अपलोड कर दिया. उन्होंने इस वेबसाइट की 'शर्तों और नियमों' को ठीक से नहीं पढ़ा. उन्होंने तस्वीरें उस सेक्शन में अपलोड कर दीं, जो साफ तौर पर कहता है कि ये तस्वीरें 'व्यावसायिक उपयोग' के लिए उपलब्ध रहेंगी. कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र और तेलंगाना सरकारें, राजनीतिक दल और 'सबका डेंटिस्ट' जैसी संस्थाएं इस मामले में दोषी नहीं हैं क्योंकि उन्होंने ये तस्वीरें कानूनी रूप से खरीदी थीं.

जजों ने फोटोग्राफर के वकील से कहा, आपको फोटो खींचने से कोई नहीं रोकता, लेकिन क्या आपने महिला को बताया कि आप उसकी तस्वीर किसी थर्ड-पार्टी वेबसाइट पर डालने वाले हैं? गलती आपकी है, आपने यह समस्या खड़ी की है. आपने उसकी निजता का उल्लंघन किया है. आपको पता था कि यह कंटेंट व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल किया जाएगा.

कहीं भी फोटो अपलोड करने से पहले सोचें- कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि लोग अक्सर बिना पढ़े ही किसी ऐप या वेबसाइट के 'शर्तों और नियमों' को स्वीकार कर लेते हैं. यह वेबसाइटें बहुत प्रोफेशनल होती हैं, लेकिन लोग शर्तें नहीं पढ़ते. बस अपनी हॉबी पूरी करने के लिए फ्री में फोटो अपलोड कर देते हैं. इस पर फोटोग्राफर के वकील ने दलील दी कि महिला ने उनकी तस्वीर खिंचवाने पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी और उन्होंने उसे फोटो की प्रिंट कॉपी मुफ्त में दी थी, इसलिए अब वह निजता हनन का दावा नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि फोटो पर उनका 'कॉपीराइट' है.

इस पर कोर्ट ने जवाब दिया, आप बताइए कि क्या आपने पहले महिला की अनुमति ली थी? अगर हमें संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो हम आपको दोषी ठहराएंगे. आप यह नहीं कह सकते कि आपने फोटो खींची और प्रिंट दे दी, इसलिए अब वह आपकी संपत्ति हो गई. पहली नजर में तो गलती आपकी ही है. कोर्ट ने बताया कि भारत में कुछ एजेंसियां Shutterstock के साथ समझौते के तहत काम करती हैं. सरकारें और राजनीतिक दल इन्हीं एजेंसियों से फोटो खरीदते हैं और इसके लिए पैसे चुकाते हैं. जजों ने महिला के वकील से कहा, Shutterstock का कंटेंट कानूनी रूप से उपलब्ध है. आपको सोचना होगा कि आगे क्या करना है, नहीं तो हमें याचिका खारिज करनी पड़ेगी.

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