मशीन के पुर्जे और 60 पाइप काटे, फिर भी 8 लोगों का पता नहीं; तेलंगाना सुरंग के एंड फेज में क्यों लगा ज्यादा समय?

तेलंगाना में एसएलबीसी सुरंग की छत ढहने के कारण 8 मजदू फंस गए थे. इन लोगों को बचाने के लिए कड़ी मशक्कत की गई. सुरंग के अंदर और गाद के कारण रेस्क्यू टीम को बेहद परेशानी आ रही है. फंसे लोगों की जान बचाने के लिए मशीन के पुर्जे और 60 पाइप काटे गए. फिर भी सफलता हाथ नहीं लगी.;

Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 2 March 2025 10:26 AM IST

22 फरवरी को तेलंगाना में एसएलबीसी सुरंग का एक हिस्सा ढह गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के ट्रैपिंग प्रोजेक्ट इंजीनियर मनोज कुमार और फील्ड इंजीनियर श्री निवास, झारखंड के मज़दूर संदीप साहू, जगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू, जम्मू और कश्मीर के मज़दूर सनी सिंह और पंजाब के मज़दूर गुरप्रीत सिंह फंस गए. एक हफ्ते बाद आठ लोगों को खोजने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी रहा. हालांकि, इस हादसे में इन 8 मजदूर जिंदगी से जंग लड़ रहे हैं.

हालांकि, आखिर फेज में सबसे ज्यादा समय लगा. बचावकर्मियों ने एसएलबीसी सुरंग में 13 किलोमीटर से ज्यादा खुदाई की थी, लेकिन वे आखिरी 350 मीटर खुदाई नहीं कर पाए क्योंकि यह टूटी हुई टनल बोरिंग मशीन, गाद और पानी के कारण 72 घंटे से ज्यादा समय तक ब्लॉक था. इस मामले में बचावकर्मियों का कहना है कि जब आखिर में उन्होंने गाद और पानी निकाला, तो वह एक ऐसी जगह पर पहुंचे जहां कोई फंसा हुआ मजदूर दिखाई नहीं दिया.

350 मीटर रास्ता बना दिक्कत

रेस्क्यू ऑपरेटर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 'सुरंग बोरिंग मशीन 120 मीटर लंबी थी. ढहने के दौरान यह टूट गई और सुरंग के पिछले हिस्से की ओर लगभग 200 मीटर तक चली गई. फिर 40 मीटर की जगह थी, जहां लोगों के फंसे होने की आशंका थी. इसलिए, कुल मिलाकर हमें लोगों तक पहुंचने के लिए लगभग 350 मीटर सबसे कठिन रास्ते से गुजरना पड़ा.'

काटे गए 60 पाइप

सुरंग में मशीन के कई पुर्जे रास्ते को साफ करने में दिक्कत दे रहे थे. लगभग 200 मीटर तक सुरंग को क्लियर किया गया. इतना ही नहीं, मजदूरों की जान बचाने के लिए साउथ की रेलवे टीम ने भी सुरंग में लटके हुए तारों और पाइपों को काटा. करीब 60 पाइप काटे गए. जब टीम 100 मीटर तक पहुंची गई, इसके बावजूद भी जब लोगों का कोई पता नहीं चला, तो नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट को बुलाया गया.

इन टीम ने किया काम

इसके बाद एनजीआरआई की टीम ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार मशीन से गाद से भरे इलाके को स्कैन किया. इस स्कैनिंग में चार पॉइंट मिले, जहां मजदूर हो सकते हैं. घटना का दौरा करने वाले मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा कि चार लोगों की पहचान हो गई है, जबकि बाकि चार लोगों को दो दिन बाद ही बाहर निकाला जा सकता है.

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