प्रशासन से नहीं बनी बात, जिद पर अड़े छात्र; UPPSC की परीक्षा पर ये नौबत आई ही क्यों?
अभ्यर्थी UPPSC से एक दिन एक शिफ्ट और नो नॉर्मलाइजेशन की मांग कर रहे हैं. अभ्यर्थियों की मांग है कि ये दोनों परीक्षाएं दो दिन और एक से अधिक पालियों में आयोजित की जाए. इसके अलावा परीक्षा में मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले का उपयोग न किया जाए. इसी मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने 21 अक्तूबर को भी आयोग के बाहर धरना प्रदर्शन किया था.;
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में छात्रों का एक समूह विरोध प्रदर्शन कर रहा है. ये प्रदर्शन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के दफ्तर के बाहर हो रहा है. हजारों छात्र तख्तियां लेकर सड़क पर उतर आए हैं. जब वह आयोग के अंदर घुसने का प्रयास कर रहे थे तब पुलिस से झड़प भी हुई. आखिर ये पढ़ने लिखने वाले छात्र अचानक से हंगामा क्यों करे रहे हैं?
दरअसल, ये पूरा मामला उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की दो परीक्षाओं से जुड़ा हुआ है. UPPSC पीसीएस प्री 2024 और आरओ/एआरओ की परीक्षा लेने वाला है. इसे लेकर ही परीक्षार्थी और आयोग के बीच विवाद चल रहा है. अभ्यर्थी एक दिन एक शिफ्ट और नो नॉर्मलाइजेशन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रशासन से बातचीत फेल होने के बाद अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन और तेज कर दिया है. आइये जानते हैं कि उनकी मांगे क्या है?
एक दिन एक शिफ्ट की मांग
प्रारंभिक परीक्षाओं की नई तारीखें घोषित होने के बाद अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से एक दिन एक शिफ्ट और नो नॉर्मलाइजेशन की मांग कर रहे हैं. अभ्यर्थियों की मांग है कि ये दोनों परीक्षाएं दो दिन और एक से अधिक पालियों में आयोजित की जाए. इसके अलावा परीक्षा में मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले का उपयोग न किया जाए. इसी मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने 21 अक्तूबर को भी आयोग के बाहर धरना प्रदर्शन किया था.
कब शुरू हुआ था विवाद?
इस विवाद की शुरुआत 1 जनवरी 2024 से हुई. UPPSC ने अपर सबऑर्डिनेट सर्विस (PCS) प्रीलिम्स एग्जाम का नोटिफिकेशन जारी किया था. तब 17 मार्च को परीक्षा होनी थी लेकिन यह परीक्षा स्थगित हो गई. फिर 3 जून को बताया गया कि 27 अक्टूबर को परीक्षा होगी. छात्र परीक्षा की तयारी में लगे थे तभी एक बार फिर डेट बदल गई. अब 5 नवंबर को UPPSC ने एक बार फिर नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि पीसीएस-प्री की परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को दो-दो पालियों में होगी. और आरओ-एआरओ प्री की परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को होगी. इसे लेकर ही अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.
किसने क्या कहा?
बीजेपी एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर दोनों परीक्षाओं को एक दिन-एक पाली में कराने की अपील की है. वहीं, केशव प्रसाद मौर्या ने एक्स पर लिखा, यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं. छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे.
उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने 2017 से भर्ती माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाकर निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मिसाल पेश की है. लगभग 7 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सरकार ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है. सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें. यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे. न्यायालय में लंबित मामलों का भी शीघ्र समाधान निकाला जाए ताकि किसी छात्र का भविष्य अंधकार में न रहे.