कौन हैं नेपाल आर्मी चीफ अशोक राज सिग्देल? संकट के बीच Gen-Z के बवाल पर कैसे लगाएंगे लगाम
नेपाल के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल इस समय देश के राजनीतिक संकट में सबसे बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. पीएम ओली और राष्ट्रपति पौडेल के इस्तीफों के बाद जब प्रदर्शनकारी उग्र हो गए तो सिग्देल ने सेना की कमान संभालते हुए जनता से संयम बरतने और संपत्ति की सुरक्षा की अपील की. उनके पास भारत और चीन दोनों से उच्च स्तरीय सैन्य प्रशिक्षण है और संयुक्त राष्ट्र मिशनों का अनुभव भी. उन्हें भारत की सेना का मानद जनरल भी बनाया गया.;
नेपाल में राजनीतिक संकट की इस घड़ी में जब जनता और GenZ युवा सड़कों पर उतर आए हैं और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली समेत राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के इस्तीफों के बाद भी हालात शांत नहीं हुए हैं, तब नेपाली सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने सामने आकर स्थिति को काबू में करने का जिम्मा संभाला है. अपने ठोस नेतृत्व और रणनीतिक सोच के चलते जनरल सिग्देल ने ना केवल सेना के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक मजबूत और प्रभावशाली छवि पेश की है.
अशोक राज सिग्देल ने नेपाल, चीन और भारत में उच्चस्तरीय सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया है. इसमें भारत का प्रतिष्ठित डिफेंस मैनेजमेंट कोर्स और विभिन्न सैन्य रणनीति प्रशिक्षण शामिल हैं. उनके प्रशिक्षण ने उन्हें रणनीतिक सोच और नेतृत्व क्षमता से लैस किया.
कौन हैं जनरल अशोक राज सिग्देल?
जनरल अशोक राज सिग्देल का जन्म 1 फरवरी 1967 को नेपाल के रुपन्देही जिले में हुआ. उन्होंने अपने शिक्षा और प्रशिक्षण की शुरुआत नेपाल से की, लेकिन उनकी महत्वाकांक्षा और दूरदर्शिता ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित किया. सिग्देल ने चीन की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी से स्ट्रैटेजिक स्टडीज में मास्टर डिग्री हासिल की और त्रिभुवन विश्वविद्यालय से एमए किया. उनके पास नेपाल, भारत और चीन के सर्वोच्च सैन्य प्रशिक्षणों का अनुभव है, जिसमें भारत का प्रतिष्ठित डिफेंस मैनेजमेंट कोर्स भी शामिल है.
सिग्देल की शिक्षा और प्रशिक्षण ने उन्हें केवल सैनिक के रूप में ही नहीं बल्कि रणनीतिक विशेषज्ञ और कमांडर के रूप में भी तैयार किया. उन्होंने न केवल सैन्य तकनीक बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और शांति मिशनों में नेतृत्व की कला सीखी.
कैसा रहा सैन्य करियर?
जनरल सिग्देल ने नेपाल सेना में 1986 में भर्ती होकर 1987 में कमीशन प्राप्त किया. उनके करियर का सफर बेहद शानदार रहा है. उन्होंने इंस्पेक्टर जनरल, डायरेक्टर ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस के पदों पर काम किया और बटालियन, ब्रिगेड और डिवीजन तक का नेतृत्व संभाला. उनका अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी कमाल का है. सिग्देल संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के तहत यूगोस्लाविया, ताजिकिस्तान और लाइबेरिया में तैनात रहे. यहां उन्होंने संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा, मानवाधिकार और शांति स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके इस अनुभव ने उन्हें न केवल मैदान में बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी सक्षम बनाया.
कैसे बने नेपाल आर्मी प्रमुख?
9 सितंबर 2024 को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने अशोक राज सिग्देल को नेपाल आर्मी का 45वां प्रमुख नियुक्त किया. इस पद की जिम्मेदारी के साथ उन्होंने देश के सैन्य ढांचे, नागरिक सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता की कमान संभाली. दिसंबर 2024 में, भारत का दौरा करते हुए उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय सेना का मानद जनरल नियुक्त किया. यह नेपाल-भारत के बीच सैनिक सहयोग और मित्रता का प्रतीक माना जाता है.
सिग्देल का यह भौकाल इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने इस पद पर आते ही नेपाल की सेना को मॉडर्न और रणनीतिक रूप से सक्षम बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए. उनके नेतृत्व में सेना ने नई तकनीक, ड्रोन निगरानी, और आधुनिक हथियार प्रणालियों में निवेश बढ़ाया.
अब संभाल रहे देश की कमान
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के इस्तीफों के बाद नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया. जनता और GenZ सड़कों पर उतर आए और सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज हो गए. इस बीच जनरल सिग्देल ने सेना की भूमिका को स्पष्ट किया. उन्होंने संपत्तियों की सुरक्षा, नागरिकों की सुरक्षा और शांतिपूर्ण समाधान के लिए सेना को सक्रिय किया. उन्होंने प्रदर्शनकारियों से संवाद स्थापित किया और कहा, “हम जनता से अपील करते हैं कि वे शांत रहें और किसी भी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं. हमें देश को स्थिर बनाने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारी निभानी है.”
भारत और चीन के साथ संतुलित संबंध
सिग्देल की शैक्षिक और पेशेवर पृष्ठभूमि उन्हें भारत और चीन दोनों के प्रति संतुलित दृष्टिकोण प्रदान करती है. नेपाल और भारत की सेनाओं के बीच परंपरा रही है कि दोनों देशों के प्रमुखों को मानद जनरल का दर्जा दिया जाता है. दिसंबर 2024 में भारत दौरे पर, सिग्देल ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की.
सिग्देल की चीन की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री और बीजिंग शियांगशान फोरम में भागीदारी से यह साफ है कि वे चीन की सैन्य रणनीति और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण को भी अच्छी तरह समझते हैं. उनके दृष्टिकोण में नेपाल का संतुलित कूटनीतिक और सैन्य संबंध बनाए रखना प्रमुख है.
संवाद में दिखता है इनका भौकाल
जनरल सिग्देल का भौकाल उनके ठोस नेतृत्व और जनता के साथ संवाद में दिखता है. उन्होंने न केवल सेना की भूमिका स्पष्ट की बल्कि प्रदर्शनकारियों को भी विश्वास दिलाया कि संयम और संवाद ही संकट का समाधान है. उनके आदेशों पर सेना ने तुरंत कार्रवाई की, लेकिन पूरी तरह नागरिक और संपत्ति सुरक्षा को ध्यान में रखा. उनके नेतृत्व में नेपाल की सेना ने दिखाया कि सैन्य शक्ति का इस्तेमाल केवल सुरक्षा और स्थिरता के लिए किया जाता है, न कि राजनीतिक दखल के लिए. यह भौकाल नेपाल में सेना की भूमिका को पेशेवर और निष्पक्ष बनाता है.
नेपाल के भविष्य के लिए क्या रहेगा सही?
जनरल सिग्देल के नेतृत्व में नेपाल में सेना ने राजनीतिक स्थिरता, नागरिक सुरक्षा और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उनके संतुलित दृष्टिकोण से भारत और चीन दोनों के साथ रणनीतिक संबंध मजबूत बने रहेंगे. सिग्देल की मौजूदगी और उनकी पेशेवर छवि से यह संकेत मिलता है कि नेपाल में सेना की भूमिका केवल अस्थायी नियंत्रण तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि राजनीतिक संतुलन और सुरक्षा सुनिश्चित करने में स्थायी रूप से योगदान देगी.
जनरल अशोक राज सिग्देल एक ऐसे सैन्य अधिकारी हैं जिनका करियर, शिक्षा और रणनीतिक सोच उन्हें नेपाल की सेना का सशक्त और भौकाल नेता बनाती है. उनके नेतृत्व में नेपाल की सेना ने दिखाया कि सैन्य शक्ति का इस्तेमाल जिम्मेदारी, रणनीति और संतुलन के साथ किया जा सकता है. उनके करियर और उनके कूटनीतिक दृष्टिकोण ने नेपाल में राजनीतिक स्थिरता लाने में एक नई मिसाल स्थापित की है.