क्‍या होते हैं Sin Goods जिनपर 40 फीसदी लगेगी GST? डिटेल में समझिए नया टैक्स स्ट्रक्चर

जीएसटी काउंसिल ने टैक्स सिस्टम को सरल बनाते हुए नया 40% स्लैब पेश किया है, जो सिन गुड्स और लक्ज़री आइटम्स पर लागू होगा. इसमें तंबाकू, गुटखा, सिगरेट, शुगर ड्रिंक्स, बड़ी कारें, बाइकें और प्राइवेट जेट शामिल हैं. वहीं रोजमर्रा के सामान जैसे कपड़े, अनाज 5% स्लैब में और घरेलू उपकरण 18% स्लैब में रखे गए हैं. यह कदम आम आदमी को राहत और विलासिता उत्पादों पर सख्ती का संतुलन लाता है.;

( Image Source:  sora ai )
Edited By :  स्टेट मिरर डेस्क
Updated On : 4 Sept 2025 5:26 PM IST

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल ने टैक्स ढांचे में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए एक नया 40% विशेष स्लैब (Special Slab) लागू करने का फैसला किया है. यह टैक्स ‘Sin Goods’ और लक्ज़री आइटम्स पर लगेगा, यानी यह स्लैब उन उत्पादों पर लागू होगा जिन्हें या तो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है या जो विलासिता (Luxury) की श्रेणी में आते हैं. यानी अब पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू उत्पादों से लेकर शुगर युक्त ड्रिंक्स, कैफिनेटेड बेवरेज, बड़ी कारें, हेवी बाइकें और यहां तक कि पर्सनल जेट और यॉट जैसे लक्ज़री आइटम्स पर 40% का भारी टैक्स देना होगा. इसे सरकार ने मौजूदा कंपनसेशन सेस की जगह लाने का फैसला किया है, ताकि टैक्स स्ट्रक्चर को और सरल बनाया जा सके.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, इस कदम का सबसे बड़ा फायदा आम आदमी को मिलेगा क्योंकि रोजमर्रा की ज़रूरतों जैसे खाद्य पदार्थ, अनाज और कपड़ों को अब समान रूप से 5% टैक्स स्लैब में रखा गया है, जबकि फ्रिज, एसी, बड़े टीवी जैसे घरेलू उपकरण 28% से घटकर 18% स्लैब में आ गए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुधार न सिर्फ उपभोक्ताओं को राहत देगा बल्कि राज्यों और केंद्र सरकार के बीच टैक्स रेवेन्यू को लेकर चल रहे विवादों को भी कम करेगा. कुल मिलाकर, नया जीएसटी ढांचा आम जनता के लिए सादगी और राहत लेकर आया है, जबकि सिन गुड्स और लक्ज़री प्रोडक्ट्स पर सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है.

जीएसटी सुधार का नया ढांचा: अब सिर्फ 3 स्लैब

जीएसटी काउंसिल ने लंबे समय से चली आ रही बहस और जटिलताओं को खत्म करते हुए अब टैक्स सिस्टम को तीन प्रमुख स्लैब्स - 5%, 18% और 40% में बांट दिया है.

  • 5% स्लैब: इसमें अब ज़्यादातर खाद्य सामग्री, अनाज, कपड़े और जरूरी सामान आएंगे। यानी आम आदमी की ज़रूरतों पर टैक्स और कम होगा.
  • 18% स्लैब: इसमें घरेलू उपकरण जैसे फ्रिज, एसी, बड़े टीवी आदि शामिल होंगे. पहले ये वस्तुएं 28% टैक्स में आती थीं, अब इन पर टैक्स घट जाएगा.
  • 40% स्लैब: इसमें Sin Goods और लक्ज़री प्रोडक्ट्स होंगे. यह मौजूदा कंपनसेशन सेस (compensation cess) की जगह लेगा.

क्या हैं Sin Goods?

Sin Goods वे प्रोडक्ट्स हैं, जिन्हें स्वास्थ्य और समाज के लिए हानिकारक माना जाता है सरकार इन पर टैक्स ज्यादा इसलिए लगाती है ताकि इनकी खपत को हतोत्साहित किया जा सके यानी परोक्ष रूप से उस पर लगाम लगाई जा सके. इनसे मिलने वाले अतिरिक्त टैक्स का इस्तेमाल सार्वजनिक कल्याण और स्वास्थ्य सुविधाओं पर किया जा सके.

40% जीएसटी वाले उत्पाद (Sin & Luxury Goods List)

  • पान मसाला: 28% से बढ़कर 40%
  • सभी उत्पाद (जिनमें शुगर या अन्य स्वीटनर/फ्लेवर्ड पदार्थ मिलाए गए हों, जैसे एरेटेड वाटर): 28% से 40%
  • अन्य नॉन-अल्कोहलिक बेवरेज: 18% से 40%
  • फ्रूट ड्रिंक या फ्रूट जूस वाले कार्बोनेटेड बेवरेज: 28% से 40%
  • कैफिनेटेड बेवरेज: 28% से 40%
  • अप्रोसेस्ड तंबाकू और तंबाकू का वेस्ट (तंबाकू की पत्तियों को छोड़कर): 28% से 40%
  • सिगार, चेरूट, सिगारिलो और सिगरेट (तंबाकू या तंबाकू के विकल्प से बनी): 28% से 40%
  • अन्य प्रोसेस्ड तंबाकू और उसके विकल्प, “होमोजेनाइज्ड" या “रीकॉन्स्टिट्यूटेड" तंबाकू, तंबाकू एक्सट्रैक्ट और एसेंस: 28% से 40%
  • तंबाकू या री-कॉन्स्टिट्यूटेड तंबाकू वाले प्रोडक्ट, जिन्हें बिना जलाए इनहेलेशन के लिए बनाया गया हो: 28% से 40%
  • तंबाकू या निकोटीन सब्स्टीट्यूट वाले प्रोडक्ट, जिन्हें बिना जलाए इनहेलेशन के लिए बनाया गया हो: 28% से 40%
  • कार (1200cc पेट्रोल इंजन या 1500cc डीजल इंजन से ज्यादा क्षमता वाली, या लंबाई 4000 mm से अधिक वाली), स्टेशन वैगन और रेसिंग कार: 28% से 40%
  • हाइब्रिड कार (पेट्रोल + इलेक्ट्रिक मोटर, 1200cc से अधिक इंजन या 4000 mm से ज्यादा लंबाई वाली): 28% से 40%
  • हाइब्रिड डीजल कार (डीजल + इलेक्ट्रिक मोटर, 1500cc से ज्यादा इंजन या 4000 mm से ज्यादा लंबाई वाली): 28% से 40%
  • 350cc से अधिक इंजन वाली मोटरसाइकिलें: 28% से 40%
  • पर्सनल इस्तेमाल के लिए विमान: 28% से 40%
  • यॉट और अन्य खेल/मनोरंजन नौकाएं: 28% से 40%
  • रिवॉल्वर और पिस्तौल (हेडिंग 9303 या 9304 में नहीं आने वाले): 28% से 40%
  • स्मोकिंग पाइप, पाइप बाउल, सिगार/सिगरेट होल्डर और इनके पार्ट्स: 28% से 40%

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान

वित्त मंत्री ने स्पष्ट कहा कि इस कदम से आम आदमी को राहत मिलेगी क्योंकि रोजमर्रा की चीजें अब कम टैक्स स्लैब में आ गई हैं. उन्होंने कहा, “40% का यह विशेष टैक्स स्लैब सिर्फ Sin Goods और लक्ज़री वस्तुओं पर लागू होगा.” “आम जनता की जरूरत की चीजों पर टैक्स बोझ घटेगा, और टैक्स स्ट्रक्चर सरल होगा.”

क्यों जरूरी था यह बदलाव?

जीएसटी 2017 में लागू होने के बाद से कई टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, 28% + Cess) के कारण जटिलता बढ़ गई थी. आम उपभोक्ता को समझना मुश्किल था कि किस वस्तु पर कितना टैक्स लगेगा. कंपनसेशन सेस का बोझ भी अलग से झेलना पड़ता था. राज्यों के लिए रेवेन्यू शेयरिंग में लगातार विवाद होते रहे. अब तीन स्लैब वाला सिस्टम सरल, पारदर्शी और उपभोक्ता के लिए राहतकारी माना जा रहा है.

क्या होगा सस्ता?

  • कपड़े और टेक्सटाइल (अब समान रूप से 5%)
  • अनाज और प्रोसेस्ड फूड
  • घरेलू उपकरण जैसे फ्रिज, एसी, वॉशिंग मशीन, बड़े टीवी (28% से घटकर 18%)

क्या होगा महंगा?

  • सिगरेट, बीड़ी, गुटखा और पान मसाला
  • कार्बोनेटेड व शुगर युक्त ड्रिंक्स
  • लक्ज़री कारें और बड़ी बाइकें
  • पर्सनल जेट, यॉट और हेलीकॉप्टर

अंतरराष्ट्रीय प्रैक्टिस

कई देशों में Sin Goods पर टैक्स ज्यादा लगाया जाता है. अमेरिका और यूरोप में तंबाकू व शराब पर विशेष “Sin Tax” वसूला जाता है. सिंगापुर और दुबई जैसे देशों में भी शुगर युक्त ड्रिंक्स पर हाई टैक्स लागू है. भारत भी अब इस मॉडल को अपनाकर टैक्स स्ट्रक्चर को ग्लोबल स्टैंडर्ड की ओर ले जा रहा है.

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