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GST Rate Rationalisation 2025: अब सिर्फ दो टैक्स स्लैब, शैंपू, साबुन से लेकर ब्रेड तक सस्ते; जानिए इन सवालों के जवाब

भारत में जीएसटी के 8 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार ने बड़ा बदलाव किया है. 12% और 28% टैक्स स्लैब खत्म कर दिए गए, अब सिर्फ 5% और 18% दरें लागू होंगी. रोजमर्रा की चीजें जैसे शैंपू, टूथपेस्ट और साबुन सस्ते होंगे. स्वास्थ्य व जीवन बीमा पर टैक्स हटा दिया गया है. नई व्यवस्था 22 सितंबर से लागू होगी.

GST Rate Rationalisation 2025: अब सिर्फ दो टैक्स स्लैब, शैंपू, साबुन से लेकर ब्रेड तक सस्ते; जानिए इन सवालों के जवाब
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नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Updated on: 19 Sept 2025 1:17 PM IST

भारत ने 2017 में जीएसटी लागू कर आर्थिक सुधारों का सबसे बड़ा कदम उठाया था. यह व्यवस्था देश की कर प्रणाली को सरल बनाने और अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप देने में एक अहम मील का पत्थर साबित हुई. आठ साल पूरे होने पर केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों में बड़े बदलाव यानी रेट रेशनलाइजेशन की घोषणा की है, जिसका असर कारोबारियों के साथ-साथ आम उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार रात जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद अहम ऐलान किया. उन्होंने बताया कि अब तक लागू 12% और 28% वाले स्लैब को खत्म कर दिया गया है. इनकी जगह नई दो दरें तय हुई हैं- 5% और 18%. नई व्यवस्था 22 सितंबर से पूरे देश में लागू होगी. सरकार ने इसे "दिवाली गिफ्ट" बताया है क्योंकि रोज़मर्रा की चीज़ें सस्ती होंगी और बीमा सेवाओं पर कर पूरी तरह खत्म कर दिया गया है.

कौन-कौन सी चीजें हुईं सस्ती?

नई जीएसटी दरों के बाद रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले सामान जैसे हेयर ऑयल, शैंपू, टूथपेस्ट, साबुन, टूथब्रश और शेविंग क्रीम पर अब सिर्फ 5% टैक्स लगेगा, जो पहले 18% था. इसके अलावा स्वास्थ्य और जीवन बीमा सेवाओं पर जीएसटी पूरी तरह हटा दिया गया है. किसानों के लिए भी राहत दी गई है क्योंकि अब ट्रैक्टर, टायर और उसके पार्ट्स पर टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है.

नई जीएसटी दरें और आपके सवाल

Q1. नई जीएसटी दरें कब से लागू होंगी?

नई दरें 22 सितंबर से पूरे देश में लागू हो जाएंगी. हालांकि, सिगरेट, बीड़ी और तंबाकू उत्पादों पर यह बदलाव लागू नहीं होगा.

Q2. क्या ट्रांजिट में चल रहे ई-वे बिल को रद्द कर फिर से बनाना होगा?

नहीं. जो ई-वे बिल पहले से जारी हैं, वे अपनी मूल वैधता अवधि तक मान्य रहेंगे.

Q3. ‘अन्य नॉन-अल्कोहॉलिक बेवरेज’ पर 40% टैक्स क्यों रखा गया है?

सरकार का तर्क है कि समान वस्तुओं पर एक जैसी दर लागू हो ताकि वर्गीकरण और विवाद की समस्या न हो.

Q4. सिर्फ कुछ भारतीय ब्रेड की दरें ही क्यों बदली गईं?

पहले ब्रेड टैक्स-मुक्त थी जबकि पिज़्ज़ा ब्रेड, रोटी, पराठा और पोरोट्टा पर अलग-अलग दरें लगती थीं. अब सभी भारतीय ब्रेड को छूट दे दी गई है ताकि भ्रम खत्म हो.

Q5. फ्रूट जूस वाले कार्बोनेटेड ड्रिंक का टैक्स क्यों बढ़ा?

पहले इन पर जीएसटी के अलावा कम्पनसेशन सेस भी लगता था. अब जब सेस हटा दिया गया है, तो दर बढ़ाई गई ताकि टैक्स का कुल स्तर पहले जैसा बना रहे.

Q6. पनीर और दूसरे चीज़ पर टैक्स का अंतर क्यों?

अनपैक्ड और बिना लेबल वाले पनीर पर पहले से टैक्स नहीं था. अब सिर्फ पैक्ड और लेबल वाले पनीर पर बदलाव किया गया है. सरकार का कहना है कि इसका मकसद छोटे स्तर पर बने इंडियन कॉटेज चीज़ को बढ़ावा देना है.

Q7. खेल आयोजनों के टिकट पर टैक्स क्या रहेगा?

मान्यता प्राप्त खेल आयोजन, जहाँ टिकट 500 रुपये तक है, वे टैक्स-मुक्त रहेंगे. लेकिन अगर टिकट की कीमत 500 रुपये से ज्यादा है, तो उस पर 18% जीएसटी लागू होगा.

Q8. क्या इस बदलाव से सरकार के राजस्व पर असर पड़ेगा?

वित्त मंत्रालय के अनुसार, दर घटाने से शुरुआती दौर में राजस्व पर दबाव आ सकता है, लेकिन खपत और टैक्स कलेक्शन बढ़ने से मध्यम अवधि में यह संतुलित हो जाएगा.

Q9. क्या छोटे कारोबारियों के लिए भी राहत है?

हाँ. छोटे व्यापारियों को सरल टैक्स स्लैब का फायदा मिलेगा और टैक्स दर घटने से उनकी लागत कम होगी. सरकार का दावा है कि इससे MSME सेक्टर को सीधा लाभ होगा.

Q10. बीमा सेवाओं पर टैक्स हटाने का असर क्या होगा?

स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी पूरी तरह हटा दिया गया है. इससे प्रीमियम घटेगा और आम लोगों के लिए बीमा खरीदना आसान होगा.

Q11. किसानों को किन चीजों पर फायदा मिलेगा?

ट्रैक्टर, उसके टायर और पार्ट्स अब 5% जीएसटी स्लैब में आ गए हैं. इससे खेती-बाड़ी की लागत कम होगी और किसानों को सीधी राहत मिलेगी.

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