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GST 2.0: क्‍या अब शुरू होगा सस्‍ते सामानों का नया दौर? जानिए आपकी जेब पर या होगा असर

GST में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. GoM ने केंद्र सरकार के प्रस्‍ताव को मंजूरी देते हुए 12% और 28% टैक्स स्‍लैब हटाने की सिफारिश की है. अब सामान और सेवाएं सिर्फ 5% और 18% की दर पर टैक्स होंगी. इससे रोजमर्रा की चीजों से लेकर बड़े घरेलू उपकरण तक सस्‍ते होंगे. हेल्‍थ और लाइफ इंश्‍योरेंस पर GST छूट का प्रस्‍ताव भी चर्चा में है.

GST 2.0: क्‍या अब शुरू होगा सस्‍ते सामानों का नया दौर? जानिए आपकी जेब पर या होगा असर
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( Image Source:  Sora AI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 19 Sept 2025 1:19 PM IST

भारतीय कर प्रणाली में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. लंबे समय से चल रही चर्चा के बाद GST दरों में सुधार की दिशा में निर्णायक कदम उठाया गया है. गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को और सरल और पारदर्शी बनाने के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्‍टर्स (GoM) ने केंद्र सरकार के उस प्रस्‍ताव को हरी झंडी दे दी है, जिसमें मौजूदा चार स्‍लैब को घटाकर दो करने की बात कही गई है. अब 12% और 28% के स्‍लैब खत्‍म होंगे और सामान्‍य तौर पर सिर्फ 5% और 18% की दरें ही लागू होंगी. इसे GST 2.0 कहा जा रहा है, जो देश की कर प्रणाली को आसान बनाने के साथ-साथ आम आदमी के लिए राहत लेकर आएगा.

इस बदलाव का सीधा असर रोजमर्रा की चीजों की कीमत पर पड़ेगा. खाने-पीने का सामान, कपड़े, दवाइयां और घरेलू सामान अब और सस्‍ते हो सकते हैं. वहीं टीवी, वॉशिंग मशीन जैसे बड़े घरेलू उपकरण, जिन पर अभी 28% टैक्स लगता था, अब 18% स्लैब में आ जाएंगे. इससे मध्‍यवर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम सिर्फ आम लोगों को ही फायदा नहीं देगा, बल्कि छोटे व मध्‍यम उद्यम (MSME) के लिए भी कर पालन (Tax Compliance) आसान बनाएगा. अब सवाल यह है कि इस सुधार से आम आदमी की जिंदगी किस तरह बदलने वाली है?

90% सामान होंगे सस्‍ते

इस नए ढांचे में लगभग 99% वे उत्‍पाद जो अभी 12% टैक्स के दायरे में आते थे, अब 5% में शिफ्ट कर दिए जाएंगे. वहीं, 28% श्रेणी के करीब 90% सामान अब 18% वाले स्‍लैब में आ जाएंगे. इसका मतलब है कि अधिकांश सामान और सेवाएं पहले से सस्‍ती हो जाएंगी.

आम लोगों को सीधा फायदा

  • रोजमर्रा का सामान: खाने-पीने का सामान, प्रोसेस्‍ड फूड, दवाइयां, कपड़े और जूते अब और सस्‍ते होंगे.
  • बड़े घरेलू उपकरण: टीवी, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन जैसे उत्‍पादों की कीमतें घट सकती हैं.
  • बीमा पर राहत: सरकार हेल्‍थ और लाइफ इंश्‍योरेंस प्रीमियम को GST से छूट देने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो हर साल करोड़ों पॉलिसी होल्‍डर्स को फायदा होगा.

मध्यमवर्ग और MSMEs के लिए वरदान

GST 2.0 के आने से कर ढांचे की जटिलता काफी कम हो जाएगी. छोटे और मध्यम उद्योगों को रिटर्न फाइल करने में आसानी होगी और कर अनुपालन पर लगने वाली लागत कम होगी. इससे उनकी प्रतिस्‍पर्धा क्षमता बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर खुल सकते हैं.

सरकार को चुनौती भी

हालांकि, यह सुधार सरकार के लिए चुनौतियों से खाली नहीं है. बीमा पर छूट देने से हर साल लगभग 9,700 करोड़ रुपये का राजस्‍व नुकसान हो सकता है. इसी तरह, दरों में कटौती से शुरुआती समय में सरकार की कमाई पर असर पड़ सकता है. लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि सामान सस्‍ते होने से खपत बढ़ेगी, जिससे अंततः टैक्स कलेक्‍शन में बढ़ोतरी होगी.

GST काउंसिल की अंतिम मंजूरी बाकी

GoM की सिफारिशों को अब GST काउंसिल के पास भेजा जाएगा, जिसकी अध्‍यक्षता वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण करती हैं. सभी राज्‍यों के प्रतिनिधियों के साथ होने वाली अगली बैठक में इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा. अगर मंजूरी मिल गई, तो 2017 के बाद यह GST में सबसे बड़ा सुधार होगा.

विशेषज्ञों की राय

वित्‍तीय विशेषज्ञों का कहना है कि GST 2.0 उपभोक्‍ताओं और उद्योगों दोनों के लिए फायदे का सौदा होगा. जहां उपभोक्‍ताओं को कम कीमत पर सामान मिलेगा, वहीं उद्योगों को जटिल टैक्स स्ट्रक्चर से राहत मिलेगी. यह सुधार भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को और ज्‍यादा पारदर्शी और ग्रोथ-फ्रेंडली बनाएगा.

GST 2.0 को लेकर सरकार का दावा है कि यह आम लोगों को राहत देने वाला और अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती देने वाला कदम होगा. अगर GST काउंसिल की मंजूरी मिल जाती है, तो आने वाले महीनों में रोजमर्रा की जिंदगी में बदलाव साफ नजर आने लगेगा. सस्‍ते सामानों का नया दौर सच में शुरू होगा या नहीं, यह तो समय बताएगा, लेकिन उम्‍मीदें जरूर बढ़ गई हैं.

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