Union Budget 2025: क्‍या है इनकम टैक्‍स एक्‍ट का सेक्‍शन 87A, जिसके तहत मिलती है भारी छूट?

Union Budget 2025: इनकम टैक्स एक्ट सभी व्यक्तियों और संगठनों को इनकम टैक्स का भुगतान करना अनिवार्य करता है, लेकिन इनकम टैक्स एक्ट के सेक्‍शन 87A पर ऐसी छूट मिलती है, जिससे नेट इनकम टैक्स लायबिलिटी को कम करने में मदद मिलती है.;

Union Budget 2025
Edited By :  सचिन सिंह
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Union Budget 2025: भारत सरकार ने फाइनेंस एक्ट 2003 में सेक्‍शन 87A की शुरुआत की. पिछले कुछ सालों इसमें अधिकतम छूट राशि कई बार बदल चुकी है. अब फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के बजट में ये सुर्खियों में है. सरकार ने टैक्स स्लेब वही रखा है, लेकिन इसमें सेक्‍शन 87A के तहत इसमें छूट दी है, जिसकी वजह से 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा.

सेक्‍शन 87A के तहत 60 साल से ऊपर के नागरिकों के लिए छूट नहीं है. इसलिए फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में सरकार ने सीनियर सिटिजन्स के टैक्स के लिए दोगुनी छूट दी है. उनके लिए ब्याज पर छूट 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख की जा रही है. सेक्‍शन 87A के मुताबिक, यह छूट कंपनियों, कंपनियों और हिंदू अविभाजित परिवारों के लिए नहीं है. ये छूट केवल इंडिविजुअल के लिए है.

अधिकतम छूट की सीमा 10%

सेक्‍शन 87A के तहत आयकर छूट उन टैक्सपेयर्स को कुछ राहत प्रदान करती है जो 10% की होती हैं, जहां फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में टैक्स स्लैब 8-12 लाख रुपये के लिए 10% है, जिस सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत छूट का एलान किया है.

पहले यह रिबेट सालाना 7 लाख रुपये तक आय पर ही मिलती थी. यानी कि 75 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन को मिलाकर आपको कुल 12.75 लाख रुपये तक के सालाना वेतन पर अब कोई टैक्स नहीं देना होगा. सेक्‍शन 87A के तहत ये अब तक की सबसे उच्च टैक्स छूट है.

क्या कहता है सेक्‍शन 87A?

कोई भी व्यक्ति जिसकी वार्षिक शुद्ध आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है, वह आयकर अधिनियम 1961 की धारा 87A के तहत कर छूट का दावा कर सकता है. इसका मतलब है कि कोई व्यक्ति 2,000 रुपये तक के टैक्स पर छूट ले सकता है. वहीं नए कर रिजीम यानी कि नई व्यवस्था के तहत एक व्यक्ति 25,000 रुपये तक की कर छूट के लिए एप्लिकेबल है, जिससे 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर देय नहीं होता है.

इनकम टैक्स में छूट का मतलब रिफ़ंड के एक रूप से होता है, जिसका आप टैक्स पर क्लेम कर सकते हैं जो आप इनकम टैक्स विभाग को दे रहे हैं. टैक्स छूट का क्लेम करने के लिए टैक्सपेयर्स की सही कैलकुलेशन करनी होगी और निर्धारित समय से पहले अपने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है. छूट का लाभ उठाने के लिए आपका भारतीय नागरिक होना ज़रूरी है.

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