पहले हिंदू और अब हिंदी पर 'वार', उदयनिधि स्टालिन का नफरती बयान, बच्चों के नाम पर उठाया सवाल
Udhayanidhi Stalin target 'Hindi': उदयनिधि स्टालिन ने घोषणा की कि तमिलनाडु कभी भी हिंदी थोपना स्वीकार नहीं करेगा. स्टालिन ने घोषणा की कि तमिलनाडु कभी भी हिंदी थोपना स्वीकार नहीं करेगा. इससे पहले उन्होंने हिंदू धर्म को भी लेकर बयानबाजी की थी, जिसमें उन्होंने हिंदू धर्म की तुलना कीड़े-मकोड़े से की थी.;
Udhayanidhi Stalin target 'Hindi': तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन हिंदू और सनातन धर्म को लेकर दिए अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में रहे हैं. अब तो उन्हीं हिंदी भाषा से भी तकलीफ होती दिख रही है. उन्होंने ने मंगलवार को कहा कि तमिलनाडु के लोगों को हिंदी थोपने के प्रयासों को रोकने के लिए अपने बच्चों के तमिल नाम रखने चाहिए. उनके इस भाषण को लेकर उन पर लगातार भारत को धर्म और भाषा के आधार पर बांटने के आरोप लग रहे हैं.
केंद्र की बीजेपी की सरकार पर हमला करते हुए स्टालिन ने दावा किया कि वे नई शिक्षा नीति के माध्यम से हिंदी थोपने का प्रयास कर रहे हैं. आगे उन्होंने कहा कि नए माता-पिता को अपने बच्चों के लिए सुंदर तमिल नाम रखने चाहिए क्योंकि कई लोग तमिलनाडु पर हिंदी थोपने का प्रयास कर रहे हैं. उदयनिधि स्टालिन ने घोषणा की कि तमिलनाडु कभी भी हिंदी थोपना स्वीकार नहीं करेगा.
उदयनिधि को हिंदी से है नफरत
उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, 'मैं तमिलनाडु के लोगों से अपील करता हूं कि वे अपने बच्चे के लिए एक सुंदर तमिल नाम रखें. कई लोग तमिलनाडु पर हिंदी थोपने का प्रयास कर रहे हैं, वे सीधे ऐसा नहीं कर सकते हैं. इसलिए वे तमिल थाई वाजथु (राज्य गीत) से कुछ शब्द हटा रहे हैं. वे नई शिक्षा नीति के माध्यम से हिंदी थोपने का प्रयास कर रहे हैं.'
उन्होंने आगे कहा, 'पहले ही किसी ने तमिलनाडु से राज्य का नाम बदलने का प्रयास किया था. लेकिन चूंकि पूरे राज्य ने आपत्ति जताई थी, इसलिए उन्होंने माफी मांगी. अब कुछ लोग तमिल थाई वाजथु से 'द्रविड़म' शब्द हटाने की बात कर रहे हैं. जब तक डीएमके का आखिरी कैडर जीवित है, जब तक आखिरी तमिलन जीवित है, तब तक कोई भी तमिल, तमिलनाडु और द्रविड़म को छू भी नहीं सकता है. तमिलनाडु कभी भी हिंदी थोपना स्वीकार नहीं करेगा.'
सनातन को बताया था 'कीड़े-मकोड़े'- अब बोले- नहीं मांगेंगे माफी
उदयनिधि स्टालिन का ये हिंदू और हिंदी के लिए नफरती बयान नया नहीं है. उन्होंने इससे पहले सितंबर 2023 में सनातन को खत्म करने की बात करते हुए नया बखेरा खड़ा कर दिया था. इस कार्यक्रम में उन्होंने इसका भी जिक्र किया और इस पर माफी न मांगने की बात कही है. उन्होंने कहा था कि सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए. बल्कि इसे समाप्त ही कर देना चाहिए. उन्होंने इसकी तुलना कीड़े-मकोड़े से करते हुए कहा था कि हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते. हमें इसे मिटाना है. इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है.