चर्चा में फिर तिरुपति मंदिर, बगल में बन रहे मुमताज होटल को लेकर मचा हड़कंप, क्या बोले हिंदू संगठन?

तिरुपति में मुमताज होटल के निर्माण को लेकर हिंदू चैतन्य समिति ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया. यह विवाद 2021 से जुड़ा हुआ है, जब आंध्र प्रदेश की YSRCP-नेतृत्व वाली सरकार ने तिरुपति में पर्यटन और रोजगार बढ़ाने के उद्देश्य से एक लग्जरी पर्यटन परियोजना की शुरुआत की थी. सरकार का यह कदम पर्यटकों और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए था, लेकिन इसने धार्मिक संगठनों और भक्तों के बीच असंतोष पैदा कर दिया.;

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Edited By :  संस्कृति जयपुरिया
Updated On : 4 Dec 2024 12:19 PM IST

तिरुपति में मुमताज होटल के निर्माण को लेकर हिंदू चैतन्य समिति और अन्य हिंदू संगठनों के सदस्यों ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया. इन संगठनों का कहना है कि होटल निर्माण का कार्य तत्काल रोका जाना चाहिए, क्योंकि यह प्राचीन मंदिरों और स्थानीय संस्कृति के लिए हानिकारक है. प्रदर्शनकारी तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर जूलॉजिकल पार्क के पास मुमताज होटल के निर्माण स्थल पर एकत्रित हुए और इसके विरोध में प्रदर्शन किया.

विरोध प्रदर्शन में शामिल स्वामी श्रीनिवासनंद ने कहा कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड ने 19 नवंबर को एक बड़ा निर्णय लिया था, जिसमें राज्य सरकार से अलिपिरी के पास 20 एकड़ भूमि पर मुमताज होटल के निर्माण के लिए दी गई अनुमति को रद्द करने की मांग की थी. स्वामी श्रीनिवासनंद ने TTD के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि भूमि वापसी के बावजूद निर्माण कार्य जारी रखना गलत है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि मुमताज होटल का निर्माण भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कदम है, जो तिरुपति की पवित्रता को बनाए रखने के लिए इस प्रकार की परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं.

तिरुपति में लग्जरी पर्यटन परियोजना का प्रस्ताव

यह विवाद 2021 से जुड़ा हुआ है, जब आंध्र प्रदेश की YSRCP-नेतृत्व वाली सरकार ने तिरुपति में पर्यटन और रोजगार बढ़ाने के उद्देश्य से एक लग्जरी पर्यटन परियोजना की शुरुआत की थी. इसके तहत मुमताज होटल जैसी परियोजनाओं को बढ़ावा दिया गया था, जो 20 एकड़ भूमि पर 100 लग्जरी विला बनाने का प्रस्ताव था. इस परियोजना में 250 करोड़ रुपये का निवेश करना था.

हालांकि, सरकार का यह कदम पर्यटकों और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए था, लेकिन इसने धार्मिक संगठनों और भक्तों के बीच असंतोष पैदा कर दिया. इन्हें डर था कि इस प्रकार के होटल और पर्यटन केंद्र तिरुपति की पवित्रता और धार्मिक महत्व को प्रभावित कर सकते हैं.

धार्मिक भावनाओं की रक्षा

तिरुपति के मुख्य मंदिर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड ने 19 नवंबर को एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें राज्य सरकार से अलिपिरी के पास 20 एकड़ भूमि पर होटल निर्माण की अनुमति को रद्द करने की मांग की थ. TTD ने स्पष्ट रूप से कहा था कि इस निर्माण से भक्तों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी, और इसे रोकने की जरूरत है.

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