संभल में शांति बनी रहे, हाईकोर्ट के आदेश के बिना नहीं हो कोई एक्शन: सुप्रीम कोर्ट

संभल में हुई हिंसा के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को कोई भी निर्णय न लेने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बिना कोई भी एक्शन नहीं लिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशासन ये सुनिश्चित करे कि संभल में शांति व्यवस्था बनी रहनी चाहिए.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 29 Nov 2024 2:36 PM IST

संभल में हुई हिंसा के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को कोई भी निर्णय न लेने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बिना कोई भी एक्शन नहीं लिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशासन ये सुनिश्चित करे कि संभल में शांति व्यवस्था बनी रहनी चाहिए.

सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ इस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ट्रायल कोर्ट द्वारा मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए कोर्ट कमिश्नर को निर्देश देने के आदेश को चुनौती दी गई थी. यह याचिका संभल शाही जामा मस्जिद कमेटी ने दायर की थी.

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सुनवाई के दौरान, सीजेआई ने संभल जिले में समुदायों के बीच शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और उत्तर प्रदेश प्रशासन का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से कहा कि शांति और सद्भाव बनाए रखना अनिवार्य है. हम नहीं चाहते कि कोई अप्रिय घटना हो. हमें पूरी तरह निष्पक्ष रहकर यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी गलत कदम न उठाया जाए.

आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए?

सुनवाई शुरू होते ही खंडपीठ ने मस्जिद कमेटी के वकील को यह सुझाव दिया कि उन्हें इस आदेश को चुनौती देने के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट आने के बजाय पहले हाई कोर्ट का रुख करना चाहिए था. सीजेआई ने कहा कि हमें आदेश के खिलाफ कुछ आपत्तियां हैं, लेकिन फिर भी आपको उचित मंच से संपर्क करना होगा.

HC के आदेश तक ट्रायल कोर्ट न करे कोई कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट ने संभल जामा मस्जिद मामले में ट्रायल कोर्ट को किसी भी प्रकार की सुनवाई या कार्रवाई से रोक दिया है. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अब इस मामले में कोई भी कदम हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही उठाया जाएगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को कानून-व्यवस्था बनाए रखने की सख्त हिदायत दी है. यह मामला तब सामने आया जब मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर निचली अदालत के मस्जिद का सर्वेक्षण कराने के आदेश को चुनौती दी.

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