दुनिया जिसे 'खूबसूरती और प्यार का ताज' कहती है, वही ताजमहल बना आगरा के विकास का ‘श्राप’, BJP-MP ने ऐसा क्यों कहा?
ताजमहल को दुनिया में खूबसूरती और प्रेम का प्रतीक माना जाता है, लेकिन आगरा के एक सांसद ने दावा किया है कि वही ताजमहल शहर के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा है. टीटीजेड और एनजीटी के सख्त नियमों ने तो शहर के विकास पर ही ब्रेक लगा दिए हैं. जानिए किस पार्टी के नेता ने ऐसा कहा और क्या है पूरा मामला.;
ताजमहल, भारत की पहचान, दुनिया की धरोहर और आगरा के गौरव के रूप में है. अब इस स्मारक को लेकर आगरा से सांसद और भाजपा नेता राजकुमार चाहर ने बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि ताजमहल जितना भारत के पर्यटन के लिए वरदान है, उतना ही आगरा के विकास के लिए एक ‘श्राप’ भी बन चुका है. ऐसा इसलिए कि शहर का पूरा प्रशासनिक फोकस विकास पर नहीं बल्कि ताजमहल के संरक्षण और टूरिज्म तक सीमित हो गया है.
बीजेपी एमपी राजकुमार चाहर की ओर से शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में उठाते ही सभी चौंक गए. उनके इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों से लेकर सोशल मीडिया तक बहस शुरू हो गई है.
बीजेपी सांसद के बयान में क्या है?
आगरा से जुड़े भाजपा सांसद ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कहा कि ताजमहल की वजह से शहर का असली विकास रुक गया है. उनके अनुसार प्रशासन की प्राथमिकताएं केवल स्मारक और पर्यटन तक सीमित होती जा रही हैं. जबकि शहर के बुनियादी ढांचे की अनदेखी की जा रही है.
आगरा के विकास सीमित करता है ताजमहल
बीजेपी सांसद का दावा है कि ताजमहल के आसपास पर्यावरण संरक्षात्मक ज़ोन (Eco-Sensitive Zone) होने के कारण उद्योग स्थापित नहीं हो सकते. नई सड़कें, पुल, बड़े निर्माण कार्य या आधुनिक आर्थिक परियोजनाओं को भी कई बार प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है. स्मारक की सुरक्षा और संरक्षण में इतना बजट और संसाधन लग जाता है कि शहर के बाकी हिस्सों में निवेश कम हो जाता है. ये बात सही है कि “ताजमहल देश की धरोहर है, लेकिन विकास के पैर आगरा में बंधे हुए हैं.”
ये भी पढ़ें :गलती से शेयर मत कर देना 19 मिनट 34 सेकेंड का अश्लील वायरल Video, नहीं तो हो सकती है जेल
आगरा बने आईटी हब
चाहर ने कहा, TTZ और NGT के नियम नौकरियों और इंडस्ट्री को ‘दबा रहे हैं. ताज ट्रेपेजियम जोन (TTZ) के नियमों और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशों की ओर इशारा करते हुए बताया कि ये सख्त पर्यावरण नियम इस इलाके में इंडस्ट्री लगाने पर रोक लगाते हैं. उनके अनुसार इन पाबंदियों ने नौकरियां बनाने की रफ़्तार धीमी कर दी है और कई युवाओं को काम ढूंढने में मुश्किल हो रही है. आगरा के युवा बेरोजगार हैं.
TTZ आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस, एटा और राजस्थान के भरतपुर जिले में 10,400 वर्ग किलोमीटर में फैला है. सुप्रीम कोर्ट के दिसंबर 1996 के फैसले में भी इस सुरक्षित जोन के अंदर इंडस्ट्रीज़ में कोयले और कोक के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी, जो उसके पॉल्यूशन कंट्रोल के आदेश का हिस्सा था.उन्होंने ‘आगरा की लोकेशन ग्रोथ के लिए आइडियल है कि यह IT हब बने. उन्होंने सरकार से इस दिशा में कदम उठाने की मांग की.
ताजमहल को दोष देना आसान - विपक्ष का पलटवार
सांसद के बयान के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि आगरा का विकास ताजमहल नहीं बल्कि सरकार की योजना और इच्छाशक्ति की कमी के कारण रुका है. कांग्रेस और सपा नेताओं ने टिप्पणी की, “ताजमहल को दोष देना आसान है, लेकिन आगरा की टूटी सड़कें और अव्यवस्थित ट्रैफिक कौन ठीक करेगा?”
वाकई ताजमहल विकास में बाधक है!
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मसले पर एक्सपर्ट का कहना है कि ताजमहल के चलते आगरा को सालाना करोड़ों का टूरिज्म रेवेन्यू मिलता है. यही रेवेन्यू शहर के बुनियादी ढांचे में लग सकता है, यदि सही योजना हो. विकास और संरक्षण दोनों साथ-साथ चल सकते हैं. कई विशेषज्ञ बीजेपी एमपी की शिकायत को केवल राजनीतिक बयान मानते हैं, वास्तविकता नहीं.
कौन हैं बीजेपी एमपी राजकुमार चाहर?
उत्तर प्रदेश में फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से 2024 बीजेपी के राजकुमार चाहर लगातार दूसरी बार सांसद बने. मूल रूप से आगरा के रहने वाले राजकुमार चाहर की प्राथमिक शिक्षा आगरा में ही हुई. उन्होंने राजनीति की शुरूआत बीजेपी के साथ नगर पालिका स्तर पर की. वह साल 1986 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और संघ शिक्षा वर्ग प्रशिक्षण लिया. 1987 में हिंदू जागरण मंच में जिला संयोजक बने. साल 1988 से 1993 के बीच उन्होंने बजरंग दल के संयोजक की जिम्मेदारी संभाली और फिर 1993 से 1998 तक बीजेपी युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष और फिर किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष बने.