क्या आपकी प्रॉपर्टी पर सरकार कर सकती है कब्जा? आर्टिकल 39(B) पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
Supreme Court on Article 39(b): सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि सभी प्राइवेट प्रॉपर्टी समुदाय का भौतिक संसाधनों का हिस्सा नहीं है, जिसे राज्य को आर्टिकल 39(B) के तहत समान रूप से वितरित करती है. ये 9 जजों के संविधान पीठ का फैसला है, जिसने 1978 से लेकर अभी तक के सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले पलट दिये हैं.;
Supreme Court on Article 39(b): सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की पीठ ने मंगलवार को आर्टिकल 39(B) को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया कि किसी व्यक्ति के सभी प्राइवेट प्रॉपर्टी संसाधन को संविधान के आर्टिकल 39(B) के तहत समुदाय का भौतिक संसाधन नहीं माना जा सकता है.
संविधान पीठ ने तीन भागों वाले फैसले में कहा, 'प्राइवेट प्रॉपर्टी समुदाय का भौतिक संसाधन हो सकता है, लेकिन किसी व्यक्ति के स्वामित्व वाली हर प्रॉपर्टी को समुदाय का भौतिक संसाधन नहीं कहा जा सकता है.' ये 9 जजों के संविधान पीठ का फैसला है, जिसने 1978 से लेकर अभी तक के सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले पलट दिये हैं.
पीठ में जस्टिस हृषिकेश रॉय, बी वी नागरत्ना, जे बी पारदीवाला, सुधांशु धूलिया, मनोज मिश्रा, राजेश बिंदल, सतीश चंद्र शर्मा और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह भी शामिल थे. सीजेआई ने मंगलवार को कहा, 'तीन फैसले हैं. एक मेरी ओर से और 6 अन्य लोगों के लिए. दूसरा जस्टिस नागरत्ना की जो आंशिक रूप से सहमत हैं और तीसरा जस्टिस सुधांशु धूलिया की जो असहमत हैं.'
इससे निवेशकों में भी रहेगा डर -SC
पीठ ने पहले 1 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे लेकर आज यानी 5 नवंबर 2024 को फैसला सुनाया गया है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि किसी व्यक्ति के हर निजी संसाधन को समुदाय के भौतिक संसाधन के हिस्से के रूप में मानना दूर की बात होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे निवेशक भी डर जाएंगे जो उन्हें मिलने वाली सुरक्षा के स्तर से चिंतित हो सकते हैं.
यह टिप्पणी तब आई जब वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने दलील दी कि विभिन्न संविधान पीठों की ओर से दिए गए 16 फैसलों में लगातार भौतिक संसाधनों की व्याख्या निजी संपत्ति और निजी संसाधनों को शामिल करने के लिए की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में दिए गए संदर्भ पर सुनवाई की.
सड़क परिवहन सेवाओं से संबंधित है मामला
मामला कर्नाटक राज्य और अन्य बनाम रंगनाथ रेड्डी और अन्य के मामले में 1978 के फैसले में न्यायाधीशों के दिए गए दो विचारों के बीच आया. यह मामला सड़क परिवहन सेवाओं के राष्ट्रीयकरण से संबंधित था. न्यायमूर्ति वी आर कृष्ण अय्यर की राय में से एक यह थी कि समुदाय के भौतिक संसाधनों में प्राकृतिक और मानव निर्मित, सार्वजनिक और निजी स्वामित्व वाले दोनों तरह के संसाधन शामिल होंगे.
क्या कहता है आर्टिकल 39 (B) और आर्टिकल 39 (C)?
राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) में आर्टिकल 39 (B) में कहा गया है कि राज्य, विशेष रूप से अपनी नीति को यह सुनिश्चित करने की दिशा में निर्देशित करेगा कि समुदाय के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व और नियंत्रण इस तरह से वितरित किया जाए कि आम अच्छे के लिए सबसे अच्छा हो. आर्टिकल 39 (C) में कहा गया है कि आर्थिक प्रणाली के संचालन के परिणामस्वरूप आम नुकसान के लिए धन और उत्पादन के साधनों का संकेन्द्रण नहीं होना चाहिए.