जज रिटायर हों या पद लें, न्यायपालिका की नजर बनी रहती है; सीजेआई गवई बोले- मैं नहीं लूंगा कोई पोस्ट

CJI Gavai: जस्टिस गवई ने कहा, अगर कोई जज रिटायरमेंट के तुरंत बाद सरकार के साथ कोई अन्य नियुक्ति लेता है या चुनाव लड़ने के लिए बेंच से इस्तीफा देता है तो यह जरूरी नैतिक चिंताएं पैदा करता है और सार्वजनिक जांच को आमंत्रित करता है.;

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CJI Gavai: हाल ही में भारत के CJI जस्टिस बी. आर. गवई लंदन में गोलमेज सम्मेलन में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अपने काम और जब वह अपना कार्यकाल पूरा कर लेंगे. उसके बाद क्या करेंगे इस पर अहम जानकारी दी. गवई ने कहा कि बताया कि रिटायरमेंट के बाद वह सरकार से कोई भी भूमिका या पोस्ट नहीं लेंगे. साथ ही रिटायरमेंट के बाद सरकारी पद स्वीकारने और चुनाव लड़ने पर नाराजगी जाहिर की.

सीजेआई ने कहा, किसी जज का राजनीतिक पद के लिए चुनाव लड़ने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर संदेह पैदा हो सकता है. क्योंकि इसे हितों के टकराव या सरकार का पक्ष लेने की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है.

रिटारयमेंट के बाद सेवा पर बोले सीजेआई

जस्टिस गवई ने कहा, अगर कोई जज रिटायरमेंट के तुरंत बाद सरकार के साथ कोई अन्य नियुक्ति लेता है या चुनाव लड़ने के लिए बेंच से इस्तीफा देता है तो यह जरूरी नैतिक चिंताएं पैदा करता है और सार्वजनिक जांच को आमंत्रित करता है. रिटायरमेंट के बाद ही ऐसी व्यस्तताओं का समय और प्रकृति न्यायपालिका की ईमानदारी में जनता के विश्वास को कम कर सकती है. हालांकि ऐसे मामलों के खिलाफ कोर्ट ने तुरंत और उचित कदम उठाए हैं.

लाइव-स्ट्रीमिंग पर

उन्होंने संविधान बेंच मामलों की लाइव-स्ट्रीमिंग पर कहा कि जैसे कोई शक्तिशाली उपकरण, लाइव स्ट्रीमिंग को सावधानी से उपयोग करना चाहिए, क्योंकि फर्जी समाचार या संदर्भ से बाहर की अदालत की कार्यवाही सार्वजनिक धारणा को नकारात्मक रूप से आकार दे सकती है.

उन्होंने कहा कि वैधता और सार्वजनिक विश्वास दबाव से नहीं, बल्कि अदालतों द्वारा अर्जित विश्वसनीयता से प्राप्त होती है. उन्होंने न्यायपालिका से स्वतंत्रता, समझने योग्य और जवाबदेह होने की चुनौती को स्वीकार करने की अपील की, बिना अपनी स्वतंत्रता से समझौता किए.

कॉलेजियम प्रणाली पर कही ये बात

CJI ने कहा, कॉलेजियम प्रणाली की आलोचना हो सकती है. कोई भी समाधान न्यायिक स्वतंत्रता की कीमत पर नहीं आना चाहिए. उन्होंने जोर देते हुए कहा, न्यायाधीशों को बाहरी नियंत्रण से स्वतंत्र होना चाहिए.

कब ली थी CJI पद की शपथ?

भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस बी. आर. गवई ने 14 मई 2025 को पद की शपथ ली थी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें संविधान के अनुच्छेद 124(2) के तहत यह नियुक्ति प्रदान की थी. उन्होंने जस्टिस संजीव खन्ना से पदभार ग्रहण किया, जो 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त हुए थे.

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