गुजारा भत्ता के नाम पर पति को न दें सजा...सुप्रीम कोर्ट ने एलिमनी के लिए तय किया ये 8 प्वाइंट्स फॉर्मूला
Supreme Court on Deciding Alimony: सुप्रीम कोर्ट ने देश भर की सभी कोर्ट को सलाह दी है कि वे अपने आदेश निर्णय में दिए गए फैक्टर के आधार पर दें. कोर्ट के निर्देश अतुल सुभाष सुसाइड केस के बाद सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A के बढ़ते दुरुपयोग पर चिंता जताई है.;
Supreme Court on Deciding Alimony: बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष का सुसाइड केस समाज और कानून में कई बदलाव के लिए प्रेरित करता है. इस पर चल रही बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट ने गुजारा भत्ता राशि को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने गुजारा भत्ते के लिए 8 प्वाइंट्स फॉर्मूला तय कर दिया और इसे पूरे देश की कोर्ट को फॉलो करने के निर्देश भी दिए हैं.
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीवी वराले की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मंगलवार को एक तलाक मामले में फैसला सुनाते हुए और गुजारा भत्ता राशि पर भी फैसला सुनाया. इस दौरान कोर्ट ने देश भर की सभी कोर्ट को सलाह दी और इसके लिए 8 प्वाइंट्स फॉर्मूला भी तैयार किया है.
गुजारा भत्ता के लिए 8 फैक्टर
- पति और पत्नी की सामाजिक और आर्थिक स्थिति
- भविष्य में पत्नी और बच्चों की बुनियादी ज़रूरतें
- दोनों पक्षों की योग्यता और रोजगार
- आय और संपत्ति के साधन
- ससुराल में रहते हुए पत्नी का जीवन स्तर
- क्या उसने परिवार की देखभाल के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी है?
- काम न करने वाली पत्नी के लिए कानूनी लड़ाई हेतु उचित राशि
- पति की आर्थिक स्थिति, उसकी कमाई और गुजारा भत्ता सहित अन्य जिम्मेदारियां क्या होंगी?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये कारक कोई आम फॉर्मुला नहीं हैं, बल्कि स्थायी गुजारा भत्ता तय करते समय दिशा-निर्देश के रूप में काम करते हैं. कोर्ट ने कहा, 'यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि स्थायी गुजारा भत्ते की राशि के नाम पर पति को सजा न दी जाए, बल्कि पत्नी के लिए एक सभ्य जीवन स्तर सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाई जानी चाहिए.'
अतुल सुभाष सुसाइड केस
बिहार के रहने वाले अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसमें उन्होंने अपनी अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया और उसके परिवार पर पैसे ऐंठने के लिए उन पर और उनके परिवार पर कई केस दर्ज करने का आरोप लगाया था.
अतुल सुभाष ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी का परिवार बार-बार कई लाख रुपये की मांग करता था. जब उन्होंने और पैसे देने से इनकार कर दिया, तो उनकी पत्नी 2021 में अपने बेटे के साथ बेंगलुरु से चली गईं.