'आप सेना या पुलिस को नहीं दे सकते हैं प्रवेश', SC ने सद्गुरु के ईशा फाउंडेशन पर कार्रवाई से लगाई रोक
Supreme Court On Sadhguru's Isha Foundation: मंगलवार को कोयंबटूर ग्रामीण पुलिस के 3 DSP समेत 150 पुलिसकर्मी पूछताछ करने के लिए ईशा फाउंडेशन के आश्रम में घुसे. पुलिस की यह कार्रवाई मद्रास हाई कोर्ट में फाउंडेशन के खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक मामलों पर रिपोर्ट मांगे जाने के एक दिन बाद हुई.;
Supreme Court On Sadhguru's Isha Foundation: सद्गुरु जग्गी वासुदेव को ईशा फाउंडेशन मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट में मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें ईशा फाउंडेशन के खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक मामलों पर तमिलनाडु पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई थी और करवाई के आदेश जारी किए थे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अपने पास ट्रांसफर कर लिया है.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, 'ये धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे हैं. यह एक बहुत ही जरूरी और गंभीर मामला है. यह ईशा फाउंडेशन के बारे में है. इसमें सद्गुरु हैं जो बहुत पूजनीय हैं और उनके लाखों अनुयायी हैं. मद्रास हाईकोर्ट मौखिक बयानों पर ऐसी जांच शुरू नहीं कर सकता है.' मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी.
सीनियर वकील ने दी ये दलील
फाउंडेशन की ओर से सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि आश्रम का बेदाग रिकॉर्ड है और जिन दो महिलाओं को जबरन बंधक बनाकर रखने का आरोप है. सुनवाई के दौरान वह कोर्ट में उपस्थित हुई थी और उन्होंने इस बात को स्वीकार किया था कि वह अपनी इच्छा से वहां रह रही थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं से की बातचीत
केंद्र का प्रतिनिधित्व करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा कि आदेश पारित करने से पहले हाई कोर्ट को अधिक सतर्क रहना चाहिए था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'बेशक, आप सेना या पुलिस को इस तरह के संस्थान में प्रवेश नहीं दे सकते हैं.' इसके बाद पीठ ने अपने चैंबर में महिलाओं से ऑनलाइन बातचीत भी की. उनमें से एक ने ऑनलाइन कोर्ट के सामने पीठ को बताया कि हम अपनी मर्जी से ईशा योग केंद्र में हैं.
क्या है पूरा मामला?
एक रिटायर्ड प्रोफेसर एस कामराज ने ईशा फाउंडेशन के खिलाफ चेन्नई हाईकोर्ट ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया था कि आश्रम ने उनकी दो बेटियों बेटियों गीता (42) और लता (39) को ब्रेनवॉश कर रखा गया है. उन्होंने बंदी बनाए रखने का आरोप भी लगाया है. मद्रास हाई कोर्ट ने पुलिस को सद्गुरु के ईशा फाउंडेशन के खिलाफ दर्ज सभी क्रिमिनल केस की जानकारी देने का निर्देश दिया. इसके बाद 3 DSP समेत 150 पुलिसकर्मियों ने आश्रम में तलाशी ली. पुलिस ने आश्रम में रहने वाले लोगों और कमरों की जांच की. इसके बाद मामला सामने आया.