कोरोना वैक्सीन से नहीं, इस वजह से हो रही युवाओं की अचानक मौतें; ICMR-एम्स की स्टडी में क्या-क्या हुआ खुलासा?

ICMR और एम्स की हालिया स्टडी ने साफ कर दिया है कि कोविड-19 टीकाकरण और अचानक हुई मौतों के बीच कोई संबंध नहीं है. युवाओं की मौतें ज़्यादातर खराब जीवनशैली, जेनेटिक कारण और पहले से मौजूद बीमारियों की वजह से हो रही हैं. वैज्ञानिकों ने अफवाहों को खारिज करते हुए वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित बताया है.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 2 July 2025 10:03 AM IST

कोविड वैक्सीन लेने के बाद अचानक मौत की खबरों को लेकर जो अफवाहें फैल रही थीं, उन पर अब आईसीएमआर और एम्स की बड़ी स्टडी ने साफ जवाब दे दिया है. दोनों संस्थानों ने मिलकर की गई जांच में पाया कि टीकाकरण और अचानक मौतों के बीच कोई सीधा लिंक नहीं है. यानी अगर किसी की जान गई है, तो इसके पीछे और वजहें हैं, वैक्सीन नहीं.

वैज्ञानिकों का कहना है कि इन अचानक हुई मौतों के पीछे लाइफस्टाइल, जेनेटिक कारण, पहले से मौजूद बीमारियां और कोविड के बाद की कुछ जटिलताएं मुख्य वजह हो सकती हैं. खासतौर पर 18 से 45 साल की उम्र के युवाओं में ऐसे केस देखने को मिले हैं, जहां पहले कोई बड़ी बीमारी का संकेत नहीं था, लेकिन फिर भी अचानक हार्ट अटैक या दूसरी वजहों से मौत हो गई.

स्टडी में क्या हुआ? जानिए पूरी बात

पहली स्टडी ICMR ने की, जिसमें देश के 19 राज्यों के 47 बड़े अस्पतालों का डेटा खंगाला गया. इसमें उन लोगों की जांच की गई, जो देखने में बिल्कुल स्वस्थ थे लेकिन अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच अचानक चल बसे. नतीजा साफ था कि कोविड वैक्सीन ने किसी की जान नहीं ली, बल्कि उनकी सेहत से जुड़ी दूसरी वजहें जिम्मेदार थीं.

एम्स ने भी की अपनी तहकीकात

दूसरी स्टडी एम्स दिल्ली कर रहा है, जिसमें यह पता लगाया जा रहा है कि आखिरकार युवाओं में अचानक हो रही मौतों की असली वजह क्या है? शुरुआती नतीजों में यह सामने आया है कि सबसे बड़ा कारण हार्ट अटैक यानी मायोकार्डियल इन्फार्क्शन ही रहा है. ज्यादा चिंताजनक बात ये है कि पिछले कुछ सालों में इस पैटर्न में कोई बड़ा बदलाव भी नहीं आया है.

टीका नहीं, लाइफस्टाइल है खतरे की जड़

इन दोनों स्टडीज से एक बात और निकलकर सामने आई है कि अगर आपकी सेहत पहले से ठीक नहीं है, आपको दिल की बीमारी है, स्मोकिंग-ड्रिंकिंग जैसी आदतें हैं या फिर तनाव और नींद की कमी है, तो अचानक मौत का खतरा बना रहता है. लेकिन इसका वैक्सीन से कोई लेना-देना नहीं है. कोविड के टीके ने तो लाखों लोगों की जान बचाई है.

अफवाहें नहीं, भरोसा जरूरी है

वैज्ञानिकों ने साफ कहा है कि बिना सबूत के ऐसे दावे करना कि "वैक्सीन से मौत हो गई", न सिर्फ गलत है बल्कि खतरनाक भी है. इससे लोगों में वैक्सीन को लेकर डर बैठता है और वो जरूरी टीकाकरण से बचने लगते हैं. यही वजह है कि सरकार बार-बार कह रही है कि वैक्सीन से डरो मत, सेहत का ख्याल रखो और अफवाहों पर भरोसा मत करो.

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