छात्रों से पढ़वाई जाती अश्लील किताबें! मेडिकल कॉलेज में न्यू स्टूडेंट्स के साथ ऐसे हो रही है रैगिंग

कई मेडिकल कॉलेजों में नए स्टूडेंट्स के साथ उनके सीनियर गंदी-गंदी गाली देते हैं और उनके साथ रैगिंग करते हैं. मेडिकल कॉलेज में न्यू स्टूडेंट्स को अश्लील गालियों से भरी बुक्स को याद करने और उसे जोर-जोर से पढ़ने के लिए सीनियर्स मजबूर करते हैं. इनमें ज्यादातर महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की प्रशंसा की गई है. रैगिंग के नाम पर छात्राओं के साथ बदसलूकी की जाती है.;

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Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 17 Nov 2024 9:47 AM IST

Ragging In Medical College: देश भर में हर साल लाखों की संख्या में छात्र-छात्राएं डॉक्टर बनने के लिए मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेते हैं. वे सभी यही चाहते हैं कि हम डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करें. लेकिन पिछले कुछ महीनों से देश के अंदर डॉक्टर की ही सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं. कॉलेजों में अक्सर छात्रों के साथ रैगिंग की जाती है.

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक के रिपोर्ट के मुताबिक, कई मेडिकल कॉलेजों में नए स्टूडेंट्स के साथ उनके सीनियर गंदी-गंदी गाली देते हैं और उनके साथ रैगिंग करते हैं. बता दें कि रैगिंग करना कानून रूप से गलत है. उसके बाद भी यह कॉलेजों में अभी भी की जाती है.

महिला के साथ दुर्व्यवहार

रिपोर्ट के बताया गया कि मेडिकल कॉलेज में न्यू स्टूडेंट्स को अश्लील गालियों से भरी बुक्स को याद करने और उसे जोर-जोर से पढ़ने के लिए सीनियर्स मजबूर करते हैं. इनमें ज्यादातर महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की प्रशंसा की गई है. रैगिंग के नाम पर छात्राओं के साथ बदसलूकी की जाती है, हैरानी की बात यह है कि इनमें कई बार खुद फिमेल स्टूडेंट्स भी शामिल होती हैं. इस तरह की बुक्स में बलात्कार जैसे घटनाओं की ट्रेनिंग देने जैसी बातें लिखी होती हैं.

छात्रों के दी जाती है अमानवीय ट्रेनिंग

जानकारी के अनुसार इन मेडिकल कॉलेज में नए छात्रों को अश्लील किताबों को अपने पास रखने की और उन्हें याद करने को बोला जाता है. ये नए छात्रों को सभी उम्र की महिलाओं को सेक्स ऑब्जेक्ट के रूप में देखने के लिए प्रोत्साहित किया करते हैं. इन बुक्स में महिलाओं के स्तन विकास के चरणों का वर्णन है, जिसमें 0-15 आयु वर्ग से शुरू होने वाले फलों या सब्जियों के साथ उनके ब्रेस्ट की तुलना की जाती है.

ऑपरेशन के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी

एक वरिष्ठ महिला डॉक्टर ने कहा कि कुछ पुरुष एनेस्थेसियोलॉजिस्ट और सर्जन ऑपरेशन टेबल पर बेहोश पड़े मरीजों के शरीर का मजाक उड़ाते हैं. ऐसा मैंने कई बार देखा है. अन्य ने कहा कि रैगिंग के दौरान महिलाओं को बिना सहमति के और अनावश्यक रूप से छुआ जाता था. बता दें कि हाल ही में 10 नवंबर को हैदराबाद महबूबनगर मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आया था. जूनियर छात्रों के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया. जिसके बाद उन्होंने मामले से संबंधित 10 एमबीबीएस छात्र को निलंबित कर दिया.

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