सोनम वांगचुक पर कसा शिकंजा! लेह हिंसा मामले में पुलिस ने किया गिरफ्तार, रासुका लगाया गया
लद्दाख की लेह हिंसा मामले ने बड़ा मोड़ ले लिया है. सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर उन पर रासुका (NSA) लगा दिया. उन पर हिंसा भड़काने और संदिग्ध विदेशी फंडिंग के आरोप हैं, जबकि उनकी संस्था SECMOL का FCRA लाइसेंस पहले ही रद्द किया जा चुका है. 24 सितंबर को छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा मांगते हुए हुए प्रदर्शन में चार लोगों की मौत और करीब 80 लोग घायल हुए थे. अब तक 50 से ज़्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, कर्फ्यू लागू है और विपक्ष ने न्यायिक जांच की मांग उठाई है.;
Sonam Wangchuk arrested in Leh violence case: सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को लेह पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उन पर हिंसा भड़काने और संदिग्ध विदेशी फंडिंग के आरोप लगाए गए हैं. उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) यानी रासुका भी लगाया गया है. जांच एजेंसियां पहले से ही उनके खातों और पाकिस्तान यात्रा की जांच कर रही थीं. इस गिरफ्तारी के बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया है और वांगचुक की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
24 सितंबर को लेह में हुए प्रदर्शन ने उस समय हिंसा का रूप ले लिया, जब पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची (Sixth Schedule) की मांगों को लेकर हजारों युवाओं ने सड़कों पर उतर कर सरकारी कार्यालयों और पुलिस वाहनों को निशाना बनाया. विवादित प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हुई और कई दर्जन घायल हो गए.
कैसे प्रदर्शन ने ले लिया हिंसा का रूप?
प्रदर्शन शांतिपूर्ण शुरुआत हुआ, लेकिन दो बुजुर्ग प्रदर्शनकारियों की तबीयत बिगड़ने की खबर ने गुस्से को आग दी. जनरेशन Z के युवा भारी संख्या में जमा हो गए और अचानक आंदोलन स्थल से बाहर निकल कर हिंसा भड़काने लगे. प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी का कार्यालय जला दिया, पुलिस वाहनों पर हमला किया और कई सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया. पुलिस ने आंसू गैस, लाठीचार्ज और गोलीबारी का सहारा लिया.
प्रशासन की कार्रवाई और दमन नीति
- कर्फ्यू लगाया गया, क्षेत्र में धारा 163 लागू की गई और पांच से ज़्यादा लोगों के जमा होने पर पाबंदी लगाई गई. लगभग 48–50 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
- विद्यालय-कॉलेज बंद कर दिए गए. साथ ही, अनेक शिक्षा संस्थानों को दो दिन के लिए बंद करने का आदेश जारी किया गया.
- गृह मंत्रालय ने SECMOL (वांगचुक की संस्था) का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया.
- केंद्र ने सोनम वांगचुक पर आरोप लगाया कि उन्होंने भड़काऊ भाषण देकर आंदोलन को हिंसक किया.
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
- लेह के सांसद मोहम्मद हनीफा ने कहा कि पुलिस-कर्मियों पर गोलीबारी गैर-उपयुक्त थी और न्यायोचित जांच होनी चाहिए.
- विपक्षी दलों ने न्यायाधीश-स्तरीय जांच की मांग की है.
- हिमालय नीति अभियान (Himalaya Niti Abhiyan) ने आंदोलन का समर्थन किया और आरोप लगाया कि लद्दाख की आवाज़ दबाई जा रही है.
अब तक क्या-क्या हुआ?
- चार लोग मारे गए और करीब 80 घायल बताए जाते हैं, जिनमें पुलिस और सीआरपीएफ जवान भी शामिल हैं.
- कम से कम 48–50 गिरफ्तारियां हुई हैं.
- कर्फ्यू, धारा 163 और सार्वजनिक सभा पर प्रतिबंध लगाए गए हैं.
- SECMOL का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया गया.
- जांच के लिए न्यायिक पूछताछ की मांग उठी है और केंद्र ने लेह में विशेष प्रतिनिधि भेजा है.
- शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं और स्कूल-कॉलेज दो दिन बंद रखने का आदेश हुआ है.