वैज्ञानिकों ने खोजा नया ग्रह, पृथ्वी से पांच गुना बड़ा और 60 गुना है भारी
भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL) ने अहमदाबाद के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक इंटरनेशनल टीम ने हमारे सौर मंडल के बाहर एक नए ग्रह की खोज की है. यह पृथ्वी से पांच गुना बड़ा और 60 गुना भारी है. TOI-6651, एक G-प्रकार का उप-विशालकाय तारा है जो हमारे सूर्य से थोड़ा बड़ा और गर्म है, जिसकी सतह का तापमान लगभग 5940 K है.;
New Planet TOI-6651b: साइंस ने आज काफी तरक्की कर ली है. दूसरे गृह पर जीवन संभव है या नहीं इसके लिए लगातार नए-नए मिशन को लॉन्च किया जा रहा है. लेकिन इस बार तो वैज्ञानिकों ने कमाल ही कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने एक नए गृह की खोज की है.
भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL) ने अहमदाबाद के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक इंटरनेशनल टीम ने हमारे सौर मंडल के बाहर एक नए ग्रह की खोज की है. यह पृथ्वी से पांच गुना बड़ा और 60 गुना भारी है.
नए प्लेनेट की खोज
वैज्ञानिकों ने PARAS-2 स्पेक्ट्रोग्राफ का उपयोग करते हुए, TOI-6651b की पहचान की है. जो एक घना, शनि के आकार का एक्सोप्लैनेट है जो सूर्य जैसे तारे की परिक्रमा कर रहा है.
TOI-6651b एक अनोखा बाह्यग्रह है, जिसका भार पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 60 गुना है तथा इसकी त्रिज्या पृथ्वी से लगभग पांच गुना अधिक है. यह पीआरएल वैज्ञानिकों द्वारा की गई चौथी एक्सोप्लैनेट खोज है. जो वैश्विक स्तर पर विज्ञान के क्षेत्र में भारत के बढ़ते योगदान को दर्शाती है.
क्या है TOI-6651b?
नेप्च्यूनियन रेगिस्तान एक ऐसा हिस्सा है जहां इस आकार के ग्रह शायद ही कभी पाए जाते हैं- के किनारे स्थित TOI-6651b की खोज ग्रहों के निर्माण और विकास पर नई रोशनी डालती है. बताया जाता है कि नेप्च्यूनियन एक रहस्यमय क्षेत्र है जहां पर द्रव्यमान के बहुत कम ग्रह मौजूद हैं. यह दूरस्थ ग्रह अपने सूर्य जैसे मेजबान तारे TOI-6651 की परिक्रमा 5.06 दिन के चक्र में करता है, जिसका अर्थ है कि इसका "वर्ष" पृथ्वी के एक महीने के केवल एक अंश तक ही रहता है. TOI-6651, एक G-प्रकार का उप-विशालकाय तारा है जो हमारे सूर्य से थोड़ा बड़ा और गर्म है, जिसकी सतह का तापमान लगभग 5940 K है.
किससे बना है TOI-6651b?
TOI-6651b का लगभग 87% द्रव्यमान चट्टानी और लौह-समृद्ध पदार्थों से बना है, तथा शेष द्रव्यमान हाइड्रोजन और हीलियम का हल्का आवरण बनाता है. यह सघन संरचना बताती है कि TOI-6651b में अद्वितीय विकासात्मक प्रक्रियाएं हुई होंगी. अन्य पिंडों के साथ विलय हुआ होगा या ज्वारीय तापन प्रभाव के कारण अपने मूल वायुमंडल का अधिकांश भाग खो दिया होगा.
TOI-6651b ने लगाई परिक्रमा
जर्नल ऑफ एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स ने हाल ही में बताया कि TOI-6651b ने अपने मेजबान तारे, सूर्य जैसे तारे की परिक्रमा मात्र 5 दिनों में पूरी कर ली. पृथ्वी को अपने मेजबान, सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 365 दिन लगते हैं. चूँकि ग्रह अपने मूल तारे के ख़तरनाक रूप से नज़दीक घूम रहा है, इसलिए नज़दीकी ग्रह अपने गैसीय वातावरण को लंबे समय तक बनाए रखने में असमर्थ होंगे क्योंकि वे वाष्पित हो जाएंगे, जिससे पीछे एक चट्टानी कोर रह जाएगा, जैसा कि इस मामले में हुआ.