मेरे भाई का पूरा परिवार मिट गया... उमरा से लौटते वक्त खाक हुई ज़िंदगी! हैदराबाद के एक ही परिवार के 18 सदस्यों की मौत

सऊदी अरब में उमरा से लौटते समय हुआ भयानक सड़क हादसा सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि उन 18 लोगों की अधूरी दुआएं और अधूरी ज़िंदगियों की दास्तान है, जो एक ही परिवार से थे और जो घर लौटते हुए रास्ते में हमेशा के लिए बिछड़ गए.;

( Image Source:  META AI )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 17 Nov 2025 6:20 PM IST

हैदराबाद के रामनगर इलाके में सोमवार की सुबह हमेशा की तरह नहीं थी. गलियों में रोज़ की तरह बच्चे नहीं खेले, घरों से दिन की शुरुआत वाली आवाजें नहीं आईं. यहां पसरा सन्नाटा सिर्फ एक ही बात कह रहा था कि एक ही परिवार के 18 सदस्य अब कभी वापस नहीं आएंगे. उमरा से लौटते हुए मदीना के पास हुए दर्दनाक बस हादसे ने तीन पीढ़ियों को एक झटके में निगल लिया. जिन लोगों को शनिवार को घर लौटना था, उनकी जगह अब ताबूत आने की तैयारी हो रही है.

इस हादसे ने न सिर्फ एक परिवार को उजाड़ा है, बल्कि पूरे शहर को हिला कर रख दिया है. मेरे भाई का पूरा परिवार मिट गया... यह चीख कोई एक आवाज नहीं, बल्कि उस मातम की गूंज है जो हर उस घर तक पहुंची जहां कभी उम्मीद से भरी दुआएं की गई थीं. देर रात का सफर, सोए हुए यात्री और अचानक लगी आग, सबकुछ इतने तेजी से हुआ कि कोई बच भी नहीं पाया. 

एक ही परिवार के 18 लोगों की हुई मौत 

हैदराबाद का रामनगर इलाके के रहने वाले एक परिवार के 18 लोगों की मौत हो गई. एनडीटीवी से बात करते हुए इस परिवार के एक सदस्य मो. आसिफ की आंखों में नींद नहीं है, बस दर्द है.उन्होंने बताया कि 'मेरी भाभी, भाई-इन-लॉ, उनका बेटा, तीन बेटियां... सब अपने बच्चों के साथ उमरा करने गए थे. आठ दिन पहले गए थे. उमरा पूरा हो गया था. अब बस वापस लौटना था.' लेकिन किसे पता था कि रात का 1:30 बजे का वह पल उनकी जिंदगी का सबसे काला अध्याय बन जाएगा. बस मदीना से करीब 30 किलोमीटर दूर एक डीज़ल टैंकर से टकराई, और चंद सेकंडों में आग ने सबकुछ निगल लिया. अंदर बैठे ज्यादातर लोग सो रहे थे. वे न चीख पाए, न भाग सके.

रामनगर में मातम का पहाड़

नसीरुद्दीन और अख्तर बेगम (62) के घर का ताला पड़ोसी ने खोलकर दिया. जैसे ही उनकी बहन अंदर दाखिल हुई, वह ज़ोर-ज़ोर से रो पड़ी. आंखों से छलकते आंसुओं के साथ उन्होंने कहा कि 'मेरे भाई का पूरा परिवार मिट गया.' उसकी चीखों से घर की दीवारें भी कांप उठीं. एक शाम पहले तक यह घर उमरा की खुशियों से भरा था. आज यहां सिर्फ खामोशी और ताबूतों का इंतजार है.

सऊदी अरब में कैसे हुआ हादसा

देर रात बस में सभी यात्री सफर से थककर सोए हुए थे. तभी अचानक सड़क किनारे खड़े डीज़ल टैंकर से भिड़ंत हुई. टक्कर के कुछ ही पलों बाद डीज़ल ने आग को हवा दी और बस जलती हुई जाल बन गई. सोए हुए लोग कुछ समझ पाते उससे पहले सब कुछ खत्म हो चुका था. 45 भारतीयों की मौत की पुष्टि हुई, जिनमें से ज्यादातर हैदराबाद के थे.



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