पुणे कोर्ट का राहुल गांधी को समन, इस मामले में 23 अक्टूबर को कोर्ट में होना होगा पेश
पुणे कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि मामले में समन जारी किया है. सावरकर पर टिप्पणी करने के मामले पर कोर्ट ने उन्हें 23 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया है. उनपर आरोप है कि अपनी विदेश यात्रा के दौरान उन्होंने सावरकर की छवि को नुकसान पहुंचाया है.;
महाराष्ट्रः कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पुणे की एक अदालत ने मानहानि मामले में 23 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने उन्हें विनायक दामोदर सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर की ओर से दायर याचिका के बाद समन भेजा है.
अब इस मानहानि मामले पर राहुल गांधी को 23 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होना होगा. दरअसल राहुल गांधी ने साल 2022 में इंग्लैंड दौरे के दौरान एक बयान जारी किया था. इस बयान की सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर ने आपत्ति जताई.
विदेश यात्रा के दौरान की टिप्पणी
राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने अपनी विदेश यात्रा के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इस टिप्पणी की के खिलाफ सत्यकी सावरकर ने कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई वहीं अब कांग्रेस सांसद को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है.
छवि को पहुंचाया गया नुकसान
साल 2022 में विदेश यात्रा के दौरान राहुल गांधी के इस बयान को लेकर कोर्ट ने राहुल गांधी क 27 सितंबर को एक नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में शिकायतकर्ता द्वारा सावरकर की छवि को धूमिल करने का आरोप उनपर लगाया गया है. आरोप है कि उन्होंने सावरकर की छवि को नुकसान पहुंचाया है. हालांकि इससे पहले भी कई बार राहुल गांधी की आलोचना हुई है.
इससे पहले चली गई थी सांसदी
आपको बता दें कि ऐसे ही एक मानहानि मामले में राहुल गांधी को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा था. यहां तक की उस दौरान उनकी सांसदी तक चली गई थी. उस दौरान उन्होंने मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी. जिसपर काफी बवाल भी हुआ था. बीजेपी नेताओं ने उनके खिलाफ कार्रवाई तक की मांग की थी. वहीं इस मानहानि मामले में उनकी सांसदी चली गई थी लेकिन क्या अब मामले में उन्हें फिर एक बार मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है? ऐसा इसलिए भी क्योंकी कांग्रेस की ओर से लगातार सावरकर पर टिप्पणी की जा रही है. जो इस समय काफी चर्चा में भी है.
कर्नाटक मंत्री ने की थी टिप्पणी
सावरकर पर टिप्पणी करने वाले सिर्फ राहुल गांधी ही नहीं उनकी पार्टी के मंत्री भी हैं. कर्नाटक के एक मंत्री ने मंच से बयान जारी करते हुए कहा कि सावरकर मांस खाते थे, वे गौ वध के खिलाफ नहीं थे. हालांकि ऐसे बयानों की महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये लोग बार-बार सावरकर का अपमान करते रहते हैं.