लेह में छात्रों ने बीजेपी ऑफिस और CRPF की गाड़ी में लगाई आग, सोनम वांगचुक के समर्थन में हुआ प्रदर्शन | Videos

लद्दाख में छात्रों और पुलिस के बीच झड़प के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए हैं. Gen Z की अगुवाई में हो रहे इस आंदोलन में सीआरपीएफ की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया. छात्र सोनम वांगचुक के समर्थन में लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. प्रशासन ने इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं, जबकि स्थानीय संगठन और नागरिक भी आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं.;

( Image Source:  X/JournoSiddhant )
Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 24 Sept 2025 2:45 PM IST

लद्दाख में हालात अचानक बिगड़ गए हैं क्योंकि युवा पीढ़ी, खासकर Gen Z, अब खुलकर केंद्र सरकार से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही है. छात्रों का आरोप है कि जब 2019 में लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, तब उन्हें विशेष अधिकार और संवैधानिक सुरक्षा देने का वादा किया गया था. लेकिन छह साल बीत जाने के बाद भी यह वादे पूरे नहीं हुए हैं. यही वजह है कि छात्रों का गुस्सा सड़कों पर दिखाई दे रहा है और उनका आंदोलन धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है.

इस प्रदर्शन की खास बात यह है कि छात्र इसे पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में कर रहे हैं. वांगचुक लंबे समय से लद्दाख की पहचान और पारिस्थितिकी संरक्षण की आवाज़ उठा रहे हैं. छात्रों का कहना है कि अगर लद्दाख को राज्य का दर्जा नहीं मिला तो यहां की संस्कृति, भाषा और पर्यावरण पर संकट गहराता जाएगा. उनका मानना है कि स्थानीय लोगों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व और संवैधानिक सुरक्षा मिलनी चाहिए, वरना लद्दाख की अनूठी पहचान खो जाएगी.

झड़प के बाद भड़का माहौल

लेह में मंगलवार को हालात उस वक्त बिगड़ गए जब प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. बताया जा रहा है कि नाराज छात्रों ने सीआरपीएफ की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया. साथ ही छात्रों ने बीजेपी ऑफिस में भी आग लगा दी है. इस दौरान पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. हालांकि, इससे माहौल और गर्म हो गया और पूरे इलाके में तनाव फैल गया. चश्मदीदों के मुताबिक, छात्र लगातार "लद्दाख को राज्य बनाओ" और "वादाखिलाफी बंद करो" जैसे नारे लगा रहे थे.

प्रशासन ने तैनात किए अतिरिक्त सुरक्षा बल

झड़प के बाद प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और सीआरपीएफ की तैनाती की है. सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं ताकि किसी बड़े हादसे को टाला जा सके. दूसरी ओर, छात्र नेताओं का कहना है कि यह आंदोलन फिलहाल शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा, लेकिन अगर सरकार ने उनकी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया तो यह और बड़ा रूप ले सकता है. लद्दाख के आम नागरिक भी इस आंदोलन से जुड़ने लगे हैं, जिससे यह साफ है कि आने वाले दिनों में केंद्र सरकार पर दबाव और बढ़ सकता है.

स्थानीय संगठनों और नागरिकों का मिला समर्थन

इस विरोध प्रदर्शन को केवल छात्रों का नहीं बल्कि कई स्थानीय संगठनों और नागरिक समूहों का भी समर्थन मिल रहा है. विभिन्न सामाजिक व सांस्कृतिक संगठन मानते हैं कि लद्दाख को राज्य का दर्जा मिलने से यहां की पहचान और संसाधनों पर स्थानीय लोगों का अधिकार सुनिश्चित होगा. इसके अलावा रोज़गार और विकास से जुड़े मुद्दों को भी बेहतर तरीके से सुलझाया जा सकेगा.

राजनीतिक गलियारों में भी गूंजा मामला

लद्दाख में उठी यह मांग अब राष्ट्रीय राजनीति में भी गूंजने लगी है. विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा है कि लद्दाख के लोगों से किए गए वादे पूरे नहीं किए गए. वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि सरकार लोगों की भावनाओं का सम्मान करती है और जल्द ही समाधान निकाला जाएगा. हालांकि, फिलहाल कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और बढ़ रहा है.

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